Himachal High Court: निर्दलीय विधायकों की याचिका पर आज होगी सुनवाई, इस्तीफा स्वीकार न करने से जुड़ा है मामला
Himachal High Court हिमाचल मे निर्दलीय विधायकों और स्पीकर का मामला हाई कोर्ट में चल रहा है। इन विधायकों का इस्तीफा अभी तक मंजूर नहीं किया गया। इस मामल ...और पढ़ें

विधि संवाददाता, शिमला। Himachal Politics: तीन निर्दलीय विधायकों की त्यागपत्र स्वीकृत न करने और विधानसभा अध्यक्ष की ओर से उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने के विरुद्ध हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका पर सुनवाई वीरवार को निर्धारित की है।
कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष और विधानसभा सचिवालय की ओर से दायर याचिका का जवाब रिकॉर्ड पर लगाने का आदेश जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष बुधवार को मामले पर सुनवाई हुई।
स्पीकर कुलदीप सिंह भी बने निजी पार्टी
याचिका में विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया (Kuldeep Singh Pathania) को निजी तौर पर भी पार्टी बनाया गया है। लेकिन कोर्ट ने उन्हें निजी तौर पर नोटिस जारी नहीं किया है।
प्रार्थियों के अनुसार जब उन्होंने स्वयं विधानसभा अध्यक्ष को त्यागपत्र दिए, राज्यपाल को इसकी प्रतिलिपियां सौंपीं, त्यागपत्र स्वीकृत न करने पर विधानसभा के बाहर धरने दिए और हाई कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया तो उन पर दबाव में आकर त्यागपत्र देने का प्रश्न उठाना किसी भी तरह से तार्किक नहीं लगता है।
इससे बढ़कर उनकी स्वतंत्र इच्छा से बड़ा क्या साक्ष्य हो सकता है। प्रार्थियों का कहना था कि यदि विधानसभा अध्यक्ष उनके त्यागपत्र को स्वीकृत नहीं करते हैं तो हाई कोर्ट के पास ये शक्तियां हैं कि वह आदेश पारित कर उनके त्यागपत्र स्वीकृत करने का आदेश दें।
विधायकों ने 22 मार्च को सौंपा था त्यागपत्र
गौरतलब है कि देहरा हलके के निर्दलीय विधायक होशियार सिंह, नालागढ़ के केएल ठाकुर और हमीरपुर के आशीष शर्मा ने विधानसभा की सदस्यता से 22 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष व सचिव को त्यागपत्र सौंपा था। इन निर्दलीय विधायकों ने इसकी एक-एक प्रति राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को भी दी थी।
राज्यपाल ने इन्हें विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया था। प्रार्थियों का आरोप है कि विधानसभा अध्यक्ष ने इन्हें स्वीकृत नहीं किया और त्यागपत्र देने का कारण बताने के लिए 10 अप्रैल तक स्पष्टीकरण देने को कहा। इन विधायकों ने कारण बताओ नोटिस को रद कर त्यागपत्र स्वीकृत करने की गुहार लगाई है।

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