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    Himachal High Court: वन भूमि पर लगाए अवैध बगीचों से निकाले सेब की नीलामी का रिकॉर्ड तलब, ...राज्य सरकार स्टेट्स रिपोर्ट दे

    By Shikha Verma Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Tue, 18 Nov 2025 06:15 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने वन भूमि पर अवैध बागानों से निकाले सेब की नीलामी का रिकॉर्ड मांगा है। कोर्ट ने वन विभाग को नीलामी में भाग लेने वालों का ब्यौरा भी पेश करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने का आदेश दिया था, जिसके अनुपालन में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। कोर्ट ने सरकार की रिपोर्ट को अस्पष्ट बताया।

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    हिमाचल हाई कोर्ट ने वन भूमि से निकाले गए सेब की नीलामी का रिकॉर्ड तलब किया है। प्रतीकात्मक फोटो

    विधि संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने वन भूमि पर लगाए अवैध बगीचों से निकाले गए सेब की नीलामी का रिकॉर्ड पेश करने का आदेश जारी किया है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश बीसी नेगी की खंडपीठ ने वन विभाग को यह आदेश जारी करते हुए उन लोगों का ब्यौरा भी कोर्ट के समक्ष रखने के आदेश दिए, जिन्होंने बोली में भाग लिया और जिनके पक्ष में फसल की नीलामी की गई।

    कोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई के पश्चात मुख्य वन संरक्षक को स्टेट्स रिपोर्ट के माध्यम से यह जानकारी उपलब्ध करवाने के आदेश दिए। कोर्ट ने वन विभाग को यह कार्य 22 नवंबर 2025 तक या उससे पहले पूरा करने का आदेश दिया है। 

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    सुप्रीम कोर्ट ने दिया है वन भूमि को कब्जा मुक्त करने का आदेश

    हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिट याचिका (सी) संख्या 202/1995, टीएन गोदावर्मन थिरुमुलपाद बनाम भारत संघ और अन्य में पारित दिनांक 15 मई 2025 के तहत दिए आदेश का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे वन भूमि को अनधिकृत कब्जे से मुक्त कराने के लिए उचित कदम उठाएं और उसे सचिव, वन विभाग और राज्य के संबंधित अधिकारियों को सौंप दें। 

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    राज्य सरकार से स्टेट्स रिपोर्ट तलब

    कोर्ट ने इस बारे में भी राज्य सरकार से स्टेट्स रिपोर्ट तलब की है। मामले में राज्य सरकार की ओर से दिनांक 19 सितंबर 2025 को प्रधान मुख्य वन संरक्षक द्वारा हलफनामे के साथ दायर स्टेट्स रिपोर्ट पेश की गई थी, जिसे कोर्ट ने अस्पष्ट, गूढ़ और अपूर्ण बताया। कोर्ट ने कहा कि इस स्टेट्स रिपोर्ट में राज्य सरकार द्वारा वन भूमि से अवैध कब्जे हटाने और फसलों की नीलामी आदि के संबंध में की गई कार्रवाई के संबंध में कोई विशिष्ट ठोस जानकारी प्रकट नहीं की है।