हिमाचल HC का आदेश, बैरा स्यूल हाइड्रो प्रोजेक्ट को सरकारी नियंत्रण में लेने पर रोक; NHPC कर रही है संचालन
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने बैरा स्यूल हाइड्रो प्रोजेक्ट को सरकारी नियंत्रण में लेने के राज्य सरकार के फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी है। वर्तमान में इस परियोजना का संचालन NHPC कर रही है। कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई 26 मई को होगी।
विधि संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की एकल पीठ ने राज्य सरकार द्वारा 180 मेगावाट बैरा स्यूल हाइड्रो पावर परियोजना को सरकारी नियंत्रण में लेने के निर्णय पर रोक लगा दी है। इस परियोजना का संचालन वर्तमान में राष्ट्रीय जल विद्युत निगम (एनएचपीसी) द्वारा किया जा रहा है।
एनएचपीसी का याचिका पर की गई सुनवाई
एनएचपीसी द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए यह अंतरिम आदेश जारी किया गया। याचिका में राज्य सरकार द्वारा परियोजना को पुनः प्राप्त करने के प्रयास को चुनौती दी गई है। कोर्ट ने बैरा स्यूल हाइड्रो इलेक्ट्रिक 180 मेगावाट परियोजना के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश पारित किए हैं।
अदालत के आदेश में क्या कहा गया
अदालत के आदेश में कहा गया है कि विवादित परियोजना के संबंध में 26 मार्च, 2025 का संचार और मंत्रिपरिषद का निर्णय अगले आदेश तक प्रभावी नहीं होगा। 1980-81 में शुरू हुई बैरा स्यूल परियोजना को मूल रूप से प्रारंभिक समझौते की शर्तों के अनुसार 40 वर्षों के संचालन के बाद राज्य सरकार को वापस सौंप दिया जाना था। इस अवधि के पूरा होने के बाद राज्य सरकार ने परियोजना पर नियंत्रण हासिल करने के लिए कदम उठाए।
एनएचपीसी ने इस कदम का विरोध किया है और अगस्त 2021 में संयंत्र का आधुनिकीकरण करने के आधार पर स्थायी स्वामित्व का दावा किया है। हाई कोर्ट ने अगले आदेश तक प्रस्तावित अधिग्रहण के संबंध में राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए सभी संचार और कैबिनेट के निर्णय पर रोक लगई। मामले की अगली सुनवाई 26 मई को निर्धारित की गई।
ड्रॉइंग मास्टर को जारी नहीं होंगे नियुक्ति पत्र
प्रदेश सरकार 30 अप्रैल तक पोस्ट कोड-980 ड्रॉइंग मास्टर (शिक्षा) के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग हमीरपुर द्वारा घोषित परिणामों/सिफारिशों के आधार पर कोई आगामी कार्रवाई नहीं करेगी। यह वक्तव्य हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से महाधिवक्ता द्वारा हाई कोर्ट में दिया गया है।
हिमाचल सरकार ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई तक चयनित ड्रॉइंग मास्टरों को कोई नियुक्ति पत्र जारी नहीं किए जाएंगे। न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ ने हिमाचल सरकार के अनुरोध पर मामले की सुनवाई 30 अप्रैल को निर्धारित की है। प्रार्थी जितेंद्र वर्मा व अन्य द्वारा दायर याचिका में हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार सहित राज्य चयन आयोग और विधि सचिव को नोटिस जारी किया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।