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    हिमाचल सरकार ने कामगार आवास योजना में किया संशोधन, अब मुख्यमंत्री कार्यालय करेगा निगरानी, ये 4 बदलाव हुए

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Tue, 04 Nov 2025 02:44 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश सरकार ने कामगार आवास योजना में संशोधन किया है। अब मुख्यमंत्री कार्यालय सीधे इस योजना की निगरानी करेगा। पहले यह जिम्मेदारी श्रम विभाग की थी। सरकार ने योजना में चार मुख्य बदलाव किए हैं, जिसका उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और लाभार्थियों को समय पर लाभ सुनिश्चित करना है।

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    हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू। जागरण आर्काइव

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल सरकार ने महर्षि वाल्मीकि कामगार आवास योजना-2024 में महत्वपूर्ण संशोधन को मंजूरी दी है। राज्यपाल से स्वीकृति मिलने के बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। अब इस योजना की निगरानी मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा की जाएगी। 

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    संशोधन के तहत जिलों और उपमंडलों में योजना से संबंधित प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी और त्वरित बनाया गया है।

    अधिकारियों की भूमिका की स्पष्ट 

    जिलों के उपायुक्त, पंजीकृत उपमंडल में आवासीय आयुक्त और संबंधित अधिकारियों की भूमिकाओं को स्पष्ट किया गया है। अनुशंसा और अपात्र पाए जाने वाले व्यक्तियों के मूल दस्तावेजों की कापी अब मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजनी होगी, जो पहले नहीं था।

    15 दिन में देनी होगी रिपोर्ट

    यदि किसी आवेदक का मामला समय पर स्वीकृत नहीं होता है या आवास आवंटन में देरी होती है, तो इसका कारण सहित रिपोर्ट 15 दिन में मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजना अनिवार्य होगा। 

    व्यय की प्रक्रिया भी तय

    इसके अलावा, स्वीकृति प्राप्त होने के बाद व्यय की प्रक्रिया भी निर्धारित की गई है। राशि की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति के बाद जिला कल्याण अधिकारी, तहसील कल्याण अधिकारी और संबंधित उपमंडलाधिकारी के माध्यम से भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। 

    विभागीय निदेशक को योजना की प्रगति रिपोर्ट समय-समय पर भेजनी होगी। सभी स्वीकृतियां और व्यय विवरणों का अभिलेख स्थानीय स्तर पर सुरक्षित रखा जाएगा।

    ये हुए बदलाव 

    1. जिलास्तर पर स्वीकृति और रिपोर्टिंग प्रक्रिया में बदलाव।
    2. 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट भेजना अनिवार्य।
    3. व्यय का उपयोग प्रमाणपत्र महालेखाकार को भेजना आवश्यक।
    4. सभी मामलों की निगरानी मुख्यमंत्री कार्यालय के माध्यम से होगी।

     

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