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    हिमाचल में नशा करनेवालों के खिलाफ सरकार सख्त, विधानसभा में पेश किया जाएगा कानून

    हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में नशे के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठा रही है। विधानसभा में बार-बार अपराध करने वालों के खिलाफ सख्त कानून लाया जा रहा है। इसका उद्देश्य अपराध करने वालों पर सख्त दंड लगाना नशे की लत के शिकार और पहली बार अपराध करने वाले नाबालिगों के पुनर्वास को बढ़ावा देना है। 2024 में इससे जुड़े 45 प्रस्ताव भी प्रस्तुत किए गए थे।

    By Jagran News Edited By: Suprabha Saxena Updated: Sat, 22 Feb 2025 01:59 PM (IST)
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    हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल में नशे के समूल नाश के लिए बार-बार अपराध करने वालों के विरुद्ध विधानसभा में सख्त कानून लाया जा रहा है। इस संबंध में विधेयक का प्रारूप तैयार है। अब स्वीकृति के लिए विधानसभा में पेश किया जाएगा।

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    नशा तस्करी में सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता को देख ठोस प्रावधान किए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य बार-बार अपराध करने वालों पर सख्त दंड लगाना, नशे की लत के शिकार और पहली बार अपराध करने वाले नाबालिगों के पुनर्वास को बढ़ावा देना भी होगा।

    नशे पर लगाम लगाने को वर्ष 2024 में निवारक हिरासत के लिए 45 प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए जिसमें से चार को गृह विभाग ने स्वीकृति प्रदान की है। शेष प्रस्तावों को गृह विभाग ने आपत्ति लगाकर लौटाया है।

    ऐसे निवारक हिरासत और प्रस्ताव तैयार किए गए हैं जिन्हें गृह विभाग को भेजा जा रहा है। इससे अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके। वर्ष 2022 तक ऐसा कोई भी प्रस्ताव प्रस्तुत ही नहीं किया गया।

    मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के नेतृत्व में सरकार विधानसभा के बजट सत्र में हिमाचल प्रदेश नशा निरोधक अधिनियम पेश करने की भी योजना बना रही है ताकि कानूनी प्रावधानों को मजबूत किया जा सके।

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    इसका उद्देश्य बार-बार अपराध करने वालों पर सख्त दंड लगाना, नशे की लत के शिकार व पहली बार अपराध करने वाले नाबालिगों के पुनर्वास को बढ़ावा देना भी होगा।

    क्या है निवारक हिरासत प्रस्ताव

    निवारक हिरासत एक कारावास है, जिसे गैर दंडात्मक उद्देश्यों के लिए उचित ठहराया जाता है। आगे के आपराधिक कृत्यों को रोकने के लिए जारी किए जाता है। ऐसे दोषी अपराधी को हिरासत में लिया जाता है जिसने अपनी सजा पूरी कर ली है, लेकिन उसे रिहा करना बहुत खतरनाक माना जाता है।

    वर्ष 2024 में नौ करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त

    नशा तस्करी में संलिप्त अवैध संपत्तियों को जब्त किया जा रहा है। मादक पदार्थ निषेध अधिनियम (एनडीपीएस एक्ट) और पीआइटी एनडीपीएस अधिनियम 1988 के अंतर्गत अपराधियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

    नशे से जुड़ी संपत्तियों पर नकेल कसते हुए राज्य सरकार ने वर्ष 2024 में नौ करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की और नशीली दवाओं की गतिविधियों से जुड़ी संपत्तियों को सील करने और ध्वस्त करने के लिए एक व्यवस्थित अभियान शुरू किया।

    नशीली दवाओं की आपूर्ति शृंखलाओं को और बाधित करने, तस्करी नेटवर्क को खत्म करने के लिए राज्य में पहली बार 40-50 स्थानों पर तलाशी की गई। सरकार जांच क्षमताओं को बढ़ाने के लिए फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं के उन्नयन को भी प्राथमिकता दे रही है।

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