हिमाचल में एक ही नाम पर 45 बिजली मीटर, बोर्ड के सर्वे में सामने आए चौकाने वाले आंकड़े; सब्सिडी पर होगा एक्शन
हिमाचल प्रदेश में बिजली बोर्ड के सर्वे में एक ही नाम पर 45 बिजली मीटर कनेक्शन का खुलासा हुआ है। यह मामला सब्सिडी के दुरुपयोग से जुड़ा है। बोर्ड अब ऐसे मामलों की गहन जांच करेगा और गलत तरीके से सब्सिडी लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें कनेक्शन काटना और जुर्माना लगाना शामिल है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे।

हिमाचल प्रदेश में एक से ज्यादा मीटर लगवाने वालों की सब्सिडी पर सरकार एक्शन लेगी।प्रतीकात्मक फोटो
जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश में एक ही नाम पर 45 बिजली मीटर भवन मालिकों ने लगा रखे हैं। प्रदेश में औसतन एक भवन मालिक ने पांच से छह बिजली मीटर लगा रखे हैं। राज्य बिजली बोर्ड की ओर से प्रदेशभर में इसके लिए करवाए जा रहे सर्वे में यह बात सामने आई है।
सर्वे इस साल के अंत तक पूरा किया जाना है। सर्वे रिपोर्ट पर भविष्य में सब्सिडी के मीटरों की संख्या तय की जानी प्रस्तावित है। इसका प्रस्ताव तैयार करके सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
सब्सिडी के युक्तीकरण पर काम शुरू
सरकार ऊर्जा विभाग के प्रस्ताव पर कैबिनेट की बैठक में इस पर अंतिम फैसला लेगी। सूत्रों की मानें तो सरकार ने बिजली बोर्ड में उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सब्सिडी के युक्तीकरण पर काम शुरू कर दिया है। अब इसे किस तरह से लागू किया जाना है, इस पर चर्चा राज्य बिजली बोर्ड की ओर से किए जा रहे सर्वे के बाद ही तय होगी।
औसतन पांच से छह मीटर एक के नाम पर
बोर्ड के अधिकारियों ने माना कि कई मामले ऐसे हैं, जहां पर 40 से 45 बिजली मीटर एक ही व्यक्ति के नाम पर हैं। औसतन पांच से छह बिजली मीटर एक भवन मालिक के नाम पर लगे हैं।
पूर्व सरकार ने की थी 125 यूनिट बिजली निश्शुल्क देने की घोषणा
पूर्व सरकार ने घोषणा की थी कि 125 यूनिट तक बिजली निश्शुल्क दी जाएगी। इससे राज्य बिजली बोर्ड को सालाना करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा था। बोर्ड के कर्मचारी भी लगातार इससे बोर्ड की हालत खराब होने का मामला उठा रहे थे।
एक मीटर पर योजना लागू करने का प्रस्ताव
वर्तमान सरकार ने इसे पहले एक मीटर पर लागू करने का प्रस्ताव बनाया था। उसके बाद अब पूरे प्रदेश में इसके लिए सर्वे करवाया जा रहा है। सर्वे के बाद ही सब्सिडी वाले मीटरों की संख्या को अंतिम रूप दिया जाएगा।
आधार नंबर से जोड़े जाएंगे बिजली मीटर
भवन के मालिक के आधार नंबर से बिजली के मीटरों को जोड़ा जाएगा। इसके बाद ही पूरी तरह से सब्सिडी वाले मीटरों की संख्या को सही तरीके से लागू किया जा सकेगा।
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