हिमाचल: दीवाली पर पटाखों के शोर ने बढ़ाया ध्वनि प्रदूषण, इन शहरों में खतरे के निशान से ऊपर दर्ज, AQI भी बिगड़ा
हिमाचल प्रदेश में दीवाली पर कई शहरों में पटाखों के कारण ध्वनि प्रदूषण बढ़ गया। चंबा, रामपुर जैसे क्षेत्रों में शोर का स्तर 70 डेसिबल से ऊपर चला गया, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। सामान्य दिनों की अपेक्षा शोर में 8 से 19 डेसिबल की वृद्धि हुई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हरित दीवाली की अपील की थी, लेकिन लोगों ने इसका उल्लंघन किया।

हिमाचल प्रदेश में पटाखों की गूंज ने शोर खतरनाक स्तर पर पहुंचा दिया। प्रतीकात्मक फोटो
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश के कई शहरों में लोगों ने दीवाली पर जमकर पटाखे जलाए और उसके शोर ने निर्धारित मानकों से अधिक शोर के स्तर को बढ़ाया है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी किए गए आंकडों के अनुसार दीवाली की रात चंबा, रामपुर, रक्कड़, बद्दी, किन्नौर और कुल्लू जैसे क्षेत्रों में शोर स्तर 70 डेसिबल से ऊपर चला गया। जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक माना जाता है।
शोर के स्तर में सामान्य दिनों के अपेक्षा आठ से 19 डेसीबबल की अधिकता पाई गई है। शांत व आवासीय क्षेत्रों में 20 से 30 डेसिबल तक अधिक शोर दर्ज किया गया। रक्कड़ कालोनी (पांवटा साहिब) और रामपुर बुशहर में अत्यधिक शोर का स्तर देखा गया।
बद्दी का एक्यूआई 144 दर्ज
दीवाली की रात का अभी तक वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआइ केवल बद्दी का आया है जो 144 दर्ज किया गया है। जो सामान्य तौर पर 108 से 190 तक दर्ज किया गया है।
हरित दीवाली व हरित पटाखों की अपील की थी
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी से हरित दीवाली और हरित पटाखों को चलाने की अपील की थी। यही नहीं कम आवाज वाले पटाखे चलाने की भी अपील की थी। दीवाली की रात लोगों ने जमकर ऊंची आवाज करने वाले पटाखों को जलाया, जिसका परिणाम है कि शोर के स्तर में वृद्धि दर्ज की गई है। विशेष रूप से आवासीय और शांत क्षेत्रों में निर्धारित सीमा से कई डेसिबल अधिक शोर स्तर दर्ज किए गए।
जिलों के वाणिज्यिक, आवासीय व औद्योगिक क्षेत्रों का शोर का स्तर
- क्षेत्र जोन स्थान 13 अक्टूबर 2025 20 अक्टूबर 2025
- शिमला शांत क्षेत्र रिज 64.4 64.9
- परवाणू आवासीय क्षेत्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय सेक्टर-4 53.6 62.1
- बिलासपुर आवासीय क्षेत्र हाउसिंग बोर्ड कालोनी 48.4 56.4
- चंबा आवासीय क्षेत्र चंबा शहर 56.8 78.1
- पांवटा साहिब वाणिज्यिक शुभखेड़ा, हिमुडा कालोनी 56.7 61.9
- ऊना आवासीय रक्कड़ कालोनी 43.7 73.9
- बद्दी वाणिज्यिक व आवास फेज-1 बद्दी 57.1 71.2
- किन्नौर वाणिज्यिक रिकांगपिओ 50.7 71.0
- रामपुर वाणिज्यिक रामपुर बुशहर 55.4 77.3
- धर्मशाला आवासीय क्षेत्रीय कार्यालय धर्मशाला 47.9 59.2
- हमीरपुर आवासीय हिमुडा कालोनी 47.6 60.0
- कुल्लू वाणिज्यिक ढालपुर 60.4 74.9
शोर स्तर सीमा यानी मानक निर्धारित
- क्षेत्र प्रकार अधिकतम स्वीकार्य शोर स्तर (डीबी)
शांत क्षेत्र 50
आवासीय क्षेत्र 55
वाणिज्यिक क्षेत्र 65
औद्योगिक क्षेत्र 75
सुनने की क्षमता पर असर
लगातार उच्च शोर स्तर से नींद में खलल, उच्च रक्तचाप, तनाव, और हृदय संबंधी बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं। सुनने की क्षमता पर असर डालता है।
-डा. रमेश आजाद, विभागाध्यक्ष, ईएनटी आइजीएमसी शिमला।
लगातार निगरानी की
प्रदेश में कुछ स्थानों पर पटाखों के कारण शोर के स्तर में वृद्धि दर्ज की गई है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लगातार इस संबंध में निगरानी की है। एक्यूआइ के स्तर में क्या अंतर आया है। इस संबंध में तथ्य बुधवार को जारी किए जाएंगे।
-डा. प्रवीण चंद्र गुप्ता, सदस्य सचिव, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।
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