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    CM Sukvinder Singh Interview: मंत्रिमंडल में होगा विस्तार, नई साल में होंगे नए बदलाव; CM सुक्खू ने बताया क्या है प्लान?

    Updated: Tue, 10 Dec 2024 10:49 PM (IST)

    CM Sukvinder Singh Interview हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दो साल के कार्यकाल में किए गए कार्यों पर संतोष जताया है और आने वाले तीन वर्ष के लिए आत्मविश्वास भी जताया है। सीएम सुक्खू ने यह भी कहा कि नया साल प्रदेश के लिए कई बड़े बदलाव लेकर आएगा। यहां आप विस्तार से साक्षात्कार के प्रमुख अंश पढ़ सकते हैं।

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    CM Sukvinder Singh Interview: सुखविंदर सिंह सुक्खू साक्षात्कार (जागरण फोटो)

    नवनीत शर्मा, शिमला। कभी आपदा, कभी राजनीतिक संकट और कभी धन की कमी…, इन चुनौतियों के बीच हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार बुधवार को दो वर्ष पूरे कर रही है। साल 2025 के आरंभ में प्रदेश प्रगति के पथ पर भी चलेगा और मंत्रिमंडल में भी फेरबदल होगा।

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    मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को दो वर्ष के कार्यकाल में किए गए कार्यों पर संतोष है और आने वाले तीन वर्ष के लिए आत्मविश्वास भी कि सब अच्छा होगा। उसका कारण वह यह बताते हैं कि उन्हें इस बात की चिंता नहीं है कि उनका नाम चमके, बकौल सुक्खू, वह इतना चाहते हैं कि हिमाचल प्रदेश चमके, उसका नाम ऊंचा उठे।

    उन्हें उम्मीद है कि केंद्र से भी उन्हें भरपूर सहायता मिलेगी। दो वर्ष के कामों और आगामी योजना पर दैनिक जागरण के राज संपादक नवनीत शर्मा के साथ उनकी बातचीत के कुछ अंश:

    1. दो साल का कार्यकाल कितना चुनौतीपूर्ण रहा, अपने फैसलों से कितने संतुष्ट हैं?

    (मुस्कराते हुए) दो साल का कार्यकाल निसंदेह चुनौतीपूर्ण रहा। हमने जो भी लड़ाई लड़ी वह दिखावे के लिए नहीं बल्कि नैतिक दायित्व समझ कर लड़ी। राज्य की सत्ता संभालते ही कई चुनौतियों का सामना किया। विश्व बैंक, नीति आयोग व पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने भी सरकार के कार्य की सराहना की।

    आपदा में 551 लोगों की मौत हुई व 23 हजार लोगों के घर नष्ट हुए। हमारी जिम्मेदारी थी कि सभी को पुन: बसाया जाए। पुरानी व्यवस्था के तहत केवल डेढ़ लाख के स्थान पर हमने नियम बदला व प्रभावितों को सात लाख रुपये का मुआवजा देने का नियम बनाया। केंद्र से सहयोग नहीं मिलने के बाद अपने संसाधनों से 4500 करोड़ का राहत पैकेज दिया।

    2. राज्य सरकार का केंद्र सरकार के साथ कैसा संबंध है, आपके मंत्री कहते हैं कि हर योजना में कट लगाया जा रहा है?

    (चिंतित मुद्रा में) संघीय ढांचे में सभी राज्यों का समग्र विकास करना व वित्तीय सहायता देने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती है। हिमाचल ने जब प्राकृतिक आपदा का सामना किया तो प्रदेश की जनता सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही।

    केंद्र की टीम आई, अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी सहयोग किया। पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट के तहत सरकार ने 9300 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर केंद्र को भेजा। हिमाचल दूसरे साल दूसरी प्राकृतिक आपदा झेल चुका है। राहत को लेकर फाइल भी घूम ही रही है। उस सहायता का क्या लाभ जो समय पर न मिले।

    3. 2027 तक हिमाचल कैसे आत्मनिर्भर व 2032 में देश का सबसे अमीर राज्य बनेगा?

    (हंसते हुए) हिमाचल की वित्तीय स्थिति खराब नहीं है। वित्तीय प्रबंधन व वित्तीय सुधार की जरूरत है। सरकार ने दो साल में यह करके दिखाया भी है। सत्ता में आते ही हमने चोर दरवाजों को बंद किया है।

    पूर्व भाजपा सरकार के शासनकाल के अंतिम छह महीनों में प्रदेश की वित्तीय स्थिति बिगड़ी, जिसके लिए जयराम जिम्मेदार हैं। जून 2022 में पांच हजार करोड़ रुपये की मुफ्त की रेवड़ियां बांटी, पांच रुपये डीजल पर वैट कम किया, 900 संस्थान खोले, 125 यूनिट बिजली मुफ्त में दी।

    पानी का बिल माफ किया, महिलाओं को बस किराये में 50 प्रतिशत की छूट दी। फिर भी भाजपा सत्ता में नहीं आ पाई। हिमाचल की जनता कितनी जागरूक है, यह इस बात का परिचय देती है।

    4. मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चाएं हैं क्या विस्तार होगा यदि होगा तो कब?

    नए साल में सरकार कई बड़े बदलाव करने जा रही है। राज्य मंत्रिमंडल में बड़ा बदलाव होगा। पहले मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, उसके बाद मंत्रियों के विभाग भी बदले जाएंगे। मंत्रियों को नई जिम्मेदारी भी दी जाएगी। यह परफॉर्मेंस के आधार पर ही किया जाएगा।

    5. शिक्षा क्षेत्र में सुधार की बड़ी मुहिम चली है, अब आगे क्या होगा?

    शिक्षा क्षेत्र में हिमाचल शुरू से ही अग्रणी राज्यों में था, तत्कालीन जयराम सरकार ने इसे भी 21वें पायदान पर पहुंचा दिया। सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन के तहत युक्तिकरण किया, खाली पद भरे और सुधार की मुहिम शुरू की। अब शिक्षा क्षेत्र में एक और बड़ा निर्णय सरकार लेने जा रही है।

    सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई अब एक दिन भी बाधित नहीं होगी। यदि कोई शिक्षक दो दिन की छुट्टी पर भी जाता है तो प्रधानाचार्य के पास शक्ति होगी कि वह गांव या आसपास के किसी पढ़े लिखे व्यक्ति को रख सकेंगे। उसे घंटे के हिसाब से पैसा दिया जाएगा।

    6.1500 रुपये की गारंटी को लेकर विपक्ष आक्रामक है, जो वादा था क्या उसे अक्षरश: लागू किया जाएगा?

    हमने जो गारंटियां चुनावों में दी हैं उन्हें शत प्रतिशत पूरा करेंगे। महिलाओं को 1500 रुपये की गारंटी, इसमें एक है-इसे चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है।

    लाहौल स्पीति से इसकी शुरुआत की। फिर ऊना व फिर डोडरा क्वार में शुरू की है। 2 लाख 37 हजार महिलाएं जिन्हें 1150 रुपये मिलते थे, वह जरूरतमंद थी, सरकार ने शुरुआत वहां से की। पहले उनकी राशि को बढ़ाकर 1500 किया गया। चरणबद्ध तरीके से इसे पूरा करने के लिए वचनबद्ध हैं।

    7. हिमाचल को कैसे आगे ले जाएंगे, विकास को लेकर क्या योजना है?

    हिमाचल को देश का सबसे अमीर व विकसित राज्य बनाना है। इसी को लेकर सरकार काम कर रही है। सरकार प्रकृति से छेड़छाड़ किए बिना पर्यटन क्षेत्र में नई योजना लाई है। सरकार की नीति स्पष्ट है, राज्य की संपदा को लुटने नहीं दिया जाएगा। सरकार की किसी भी योजना का प्रभाव आम आदमी पर नहीं पड़ेगा। आम आदमी को केवल लाभ ही मिलेगा।

    8. घाटे के बोर्ड व निगम लंबे समय से सरकार पर बोझ बनते जा रहे हैं, यहां कब व्यवस्था परिवर्तन होगा?

    सरकार ने हर विभाग, बोर्ड व निगम के कार्यों की समीक्षा की है। जो घाटे के बोर्ड व निगम हैं उन्हें बंद करने की शुरुआत हो चुकी है। चाहे विभाग हो या बोर्ड निगम, सभी में युक्तिकरण होगा।

    बिजली बोर्ड मेरे पास है, वहां पर बड़े सुधार कर रहे हैं, जल्द ही वह घाटे से बाहर आएगा। एचआरटीसी को सरकार साल में 7500 करोड़ रुपये का अनुदान देती है, जबकि वह तीन हजार बसें चलाता है। निगम की अपनी आय भी है। वहां पर भी बड़े सुधार कर रहे हैं। जनता को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।

    9. पूर्व सरकार की कई योजनाएं बंद की, जिसको लेकर वे आरोप लगा रहे हैं, क्या कहेंगे?

    राज्य के वित्तीय संसाधनों पर हर वर्ग का बराबर अधिकार है। सरकार के कुल बजट का सबसे ज्यादा भाग एक वर्ग पर ही खर्च हो रहा है। जब विभागों की समीक्षा की तो पता चला कि इसमें काफी खामियां हैं, अब सरकार उसे दूर करने का काम कर रही है।

    सरकार की सोच है कि प्रदेश के वित्तीय संसाधन किसी एक वर्ग पर खर्च नहीं होंगे। हर वर्ग पर खर्च किया जाएगा। सुख शिक्षा योजना व सुख आश्रय योजना में वंचित वर्ग को लाभ दिया गया। 680 करोड़ रुपये की स्टार्टअप योजना बेरोजगारों को लेकर आ रहे हैं। हमने भ्रष्टाचार के चोर दरवाजे बंद किए हैं।

    आबकारी विभाग में पूर्व की जयराम सरकार ने चार वर्ष में 600 करोड़ की कमाई की। सरकार ने एक साल में ही ठेकों की नीलामी से 600 करोड़ कमाया है। 2200 करोड़ का राजस्व वित्तीय अनुशासन से बढ़ाया है।

    सरकार ने 58 हजार करोड़ का बजट पेश किया था इसमें चार हजार करोड़ वाटर सेस से आने थे लेकिन यह योजना सिरे नहीं चढ़ी जिससे गैप आया। चुनाव जीतने के लिए मुफ्त के बीज बांटे जिसकी जरूरत ही नहीं थी उसमें सुधार किया है।

    10. कारोबारी ज्ञान चंद से आपका नाम लगातार जोड़ा जा रहा है, आखिर यह है कौन?

    ज्ञान चंद के साथ मेरा नाम अभी से नहीं 10 वर्ष से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने इसको लेकर एक मानहानि का केस भी कुछ लोगों पर कर रखा है।

    ज्ञान चंद का क्रशर ज्वालामुखी में है जिसकी अनुमति जयराम ठाकुर की सरकार ने दी थी और बिक्रम ठाकुर उस वक्त उद्योग मंत्री थे। ज्ञान चंद लोकसभा चुनाव में अनुराग ठाकुर का समर्थक है और विधानसभा क्षेत्र में रमेश धवाला का।

    ईडी ने जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया है उसमें दूसरा भाजपा का कार्यकर्ता है। मुख्यमंत्री ने तल्खी दिखाते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष बिना तथ्यों के बातें करते हैं। वह बताएं कि मेरे हेलीकाप्टर में कौन दलाल चढ़ा।

    11. युवाओं को स्वरोजगार, सरकार के बचेंगे पैसे?

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 680 करोड़ की राजीव गांधी स्टार्टअप योजना शुरू कर रही है। आज 121 युवाओं को परमिट दिए जाएंगे। हर विभाग में ई टैक्सी चलेगी। सरकार ने किराया तय कर दिया है। हर बेरोजगार महीने के 45 हजार से 50 हजार कमाएगा। डीजल व पेट्रोल का खर्च भी बचेगा व चालकों के वेतन पर खर्च होने वाला पैसा भी।

    12. उद्योगों के पलायन करने की बात आ रही है, आप क्या कहेंगे!

    कोई भी उद्योग पलायन नहीं कर रहा है। टैक्स हालीडे नहीं मिलती तो नाराज हो जाते हैं। हम उत्पादक राज्य हैं, खपत वाले नहीं। कोई मुझे बताए कि उद्योग से कितना जीएसटी आ रहा है और रियायत कितनी है।

    13. ब्रेकल और वाइल्ड फ्लावर हाल पर क्या कहेंगे ?

    राज्य सरकार ने जो निर्णय लिए हैं उससे पीछे नहीं हटेंगे। ब्रेकल कंपनी के 280 करोड़ अपफ्रंट प्रीमियम वापस करने का निर्णय पूर्व सरकार में हुआ था। मेरे पास यह फाइल आई।

    मुझे इस केस का पता तब से था जब अपफ्रंट प्रीमियम बनाने का नियम बना था, उस वक्त विद्या स्टोक्स ऊर्जा मंत्री थी, उनके द्वारा मैं ही यह प्रस्ताव लाया था।

    सरकार ने कोर्ट जाने का निर्णय लिया और केस भी जीते। इसी तरह वाइल्ड फ़्लावर हाल का मामला था। सरकार इस केस को भी जीत चुकी है। अब वाइल्ड फ्लावर हाल 300 करोड़ रुपये देने को तैयार हो चुका है।

    इस तरह के फैसले लेते वक्त कई तरह के दबाव आते हैं, मुझ पर भी आए। जहां प्रदेश का हित होगा वहां पर किसी भी तरह का निर्णय लेने से सरकार झुकेगी नहीं।

    14. ऐसा कब लगा कि हम व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं?

    जब सत्ता संभाली तो अधिकारियों के साथ बैठक की। भाजपा की डबल इंजन की सरकार ने प्रदेश का खजाना एक महीने में ही खर्च किया था।

    मैंने अधिकारियों के साथ बैठक की, उन्होंने कहा कि केवल एक महीने खर्च चलाने लायक बजट है। मैंने पूछा कि सरकार कैसे चलेगी, अधिकारियों का कहना था कि सरकार ऐसे ही चलती है, तब मैंने कहा, हम ऐसे सरकार चलाने के लिए नहीं आए हैं, सत्ता में व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं।

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