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    MSP पर फसलों की खरीद, फिर क्या गारंटी चाहिए? EVM और किसान आंदोलन पर क्या बोले CM नायब सैनी, पढ़िए खास Interview

    Updated: Sat, 07 Dec 2024 12:54 PM (IST)

    हरियाणा में भाजपा सरकार के डेढ़ महीने पूरे होने पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दैनिक जागरण के साथ खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने सरकार के कामकाज भविष्य की योजनाओं विपक्षी दलों की चुनौतियों और कई अहम मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी। साथ ही ईवीएम और किसान आंदोलन को लेकर भी अपनी राय दी। पढ़िए सीएम नायब सैनी का खास इंटरव्यू...

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    हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दैनिक जागरण के साथ खास बातचीत की।

    अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा में भाजपा की सरकार का गठन हुए डेढ़ माह पूरा हो चुका है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अपने कार्यालय में जहां पसंदीदा अधिकारियों की नियुक्तियां कर चुके हैं, वहीं अधिकारियों में कामकाज का बंटवारा भी कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने हाल ही में भाजपा विधायकों और राज्य सरकार के मंत्रियों की बैठक लेकर विकास की नई परियोजनाएं तैयार करने तथा उन्हें धरातल पर लागू करने काम सौंपा है।

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    भाजपा सरकार और संगठन के कामकाज को सिरे चढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री लगातार दिल्ली भी जा रहे हैं। दिनभर सरकार के काम करने के बाद रात को मुख्यमंत्री नायब सैनी भाजपा संगठन की बैठकें ले रहे हैं। रात तीन बजे तक इन बैठकों का दौर चलता है।

    दैनिक जागरण के राज्य ब्यूरो प्रमुख अनुराग अग्रवाल ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से भाजपा सरकार व संगठन के कामकाज, भविष्य की योजनाओं के क्रियान्वयन और विपक्षी दल कांग्रेस के अभी तक हार के सदमे से नहीं उबर पाने समेत कई विषयों पर विस्तृत बातचीत की। पेश है, प्रमुख अंश...

    सवाल- भाजपा को तीसरी बार मिले जनसमर्थन को कैसे देखते हैं? कांग्रेस को अभी तक यकीन नहीं हो रहा कि प्रदेश में तीसरी बार भाजपा की सरकार बन गई

    जवाब- प्रदेश की जनता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों पर भरोसा जताया है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कामकाज पर यकीन किया। हमने चुनाव से पहले ही लोगों के समक्ष अपनी पार्टी का रोडमैप साझा कर दिया था। लोगों को यकीन था कि जो काम भाजपा कर सकती है, वह कोई दूसरा दल नहीं कर सकता।

    देश और प्रदेश में कांग्रेस की कई-कई साल सरकारें रहीं। तब क्यों नहीं उन्होंने देश और प्रदेश को बदल दिया। कांग्रेस अभी तक अपनी हार के सदमे में है। बौखलाई कांग्रेस अपनी हार को पचा नहीं पा रही है।

    सवाल- पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस की हार को लोकतंत्र की हार मान रहे हैं। कहते हैं, ईवीएम और प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग हुआ। आपका क्या मानना है?

    जवाब- कांग्रेस पहले यह बताए कि जिन 37 विधानसभा क्षेत्रों में उसके उम्मीदवार चुनाव जीते हैं, क्या वहां भी ईवीएम खराब थी। जहां कांग्रेस चुनाव जीतती है, वहां ईवीएम सही हो जाती है और जहां भाजपा चुनाव जीतती है, वहां ईवीएम खराब हो जाती है। वे कभी ईवीएम को दोष देते हैं। कभी केंद्रीय चुनाव आयोग के पास जाकर रोते हैं।

    वहां उनकी अपील-दलील में कोई वजन नजर नहीं आया तो अब कोर्ट चले गये हैं। ये लोग कहीं चले जाएं, मगर यह हकीकत है कि लोगों की नजरों से पूरी तरह उतर चुके हैं। कांग्रेस को पूरे देश में नकारा जाने लगा है।

    सवाल- भाजपा ने चुनाव से पहले वादे किये थे। कांग्रेस का आरोप है कि अभी तक कोई वादा पूरा नहीं हुआ?

    जवाब- चुनावी वादे और संकल्प, दोनों में बहुत अंतर होता है। संकल्प पूरे मनोयोग से और किसी भी कार्य को अंजाम तक पहुंचाने के लिए किया जाता है। भाजपा ने पांच साल के लिए अपना संकल्प पत्र तैयार किया है। समय-समय पर हर संकल्प को पूरा किया जाएगा।

    अभी तक हम कई बड़े संकल्प पूरे कर चुके हैं। 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के आयुष्मान कार्ड बनवाकर उन्हें पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज दिया। पट्टेदारों को पंचायती जमीन पर मालिकाना हक दिया। सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण में वर्गीकरण के फैसले को लागू किया गया।

    कांग्रेस ने जिन 25 हजार सरकारी भर्तियों के रिजल्ट घोषित कराने पर चुनाव से पहले रोक लगा दी थी, सरकार बनते ही वह रिजल्ट जारी किया। किडनी के गरीब मरीजों का डायलिसिस मुफ्त कराया।

    अग्निवीरों को सरकारी नौकरी की गारंटी लागू कर दी। किसानों की सभी 24 फसलें एमएसपी पर खरीदने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। कांग्रेस का काम सिर्फ आरोप लगाना है।

    सवाल- किसान एमएसपी की गारंटी मांग रहे हैं और दिल्ली जाने की जिद पर अड़े हैं। सरकार के समक्ष कितनी बड़ी चुनौती है?

    जवाब– जब हम सारी फसलें एमएसपी पर खरीद रहे हैं और पैसे के आनलाइन भुगतान की व्यवस्था दो दिनों के भीतर कर दी गई है तो इससे बड़ी गारंटी और क्या होगी। दरअसल, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी नहीं चाहते कि किसान खुशहाल रहे।

    यह दोनों दल किसानों के नाम पर अपने फायदे की राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस को अब महाराष्ट्र के लोगों ने भी नकार दिया है। कांग्रेस अभी तक भी दुष्प्रचार कर ही है कि एमएसपी बंद हो जाएगी। लेकिन प्रधानमंत्री ने हमेशा किसानों को एमएसपी बढ़ाकर दिया है।

    2014 में कांग्रेस सरकार की ओर से किसानों को जो एमएसपी दिया जाता था, उससे डेढ़ गुणा बढ़ाकर हमारी सरकार दे रही है। कांग्रेस ने किसानों के जिन हालात को खराब किया था, भाजपा खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें सुधारने का काम किया है। रही कानून व्यवस्था की स्थिति की बात तो किसी को भी माहौल बिगाड़ने का अधिकार नहीं दिया जाएगा।

    सवाल- हरियाणा में तीसरी बार भाजपा सरकार गठित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहली बार पानीपत आ रहे हैं। सरकार और संगठन के स्तर पर क्या तैयारी चल रही है?

    जवाब– हरियाणा हमेशा से प्रधानमंत्री की पसंद रहा है। मैं उनसे अक्सर मार्गदर्शन प्राप्त करता हूं। केंद्र सरकार की कई नई योजनाओं की शुरुआत अक्सर हरियाणा से होती है। नौ दिसंबर को प्रधानमंत्री जी पानीपत से बीमा सखी योजना की शुरुआत करेंगे। पूरे देश में करीब एक लाख बीमा सखी तैयार करने की योजना है।

    उन्होंने करीब नौ साल पहले पानीपत से ही बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की थी। हमारी सरकार जल्दी ही गरीबों को सौ-सौ गज के करीब एक लाख प्लाट देने जा रही है। पंचायतों को विकास कार्यों के लिए 900 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। पीएम के नेतृत्व में विकास का पहिया पूरी तरह से रफ्तार पकड़ चुका है।

    सवाल- भाजपा ने इस बार करीब दो लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा किया है। कांग्रेस इन पदों को जल्दी भरने का दवाब बना रही है?

    जवाब– 10 साल के अब तक कार्यकाल में करीब पौने दो लाख सरकारी नौकरियां प्रदान कर दी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बिना पर्ची और बिना खर्ची की ऐसी व्यवस्था कायम की, जो कांग्रेस के गले की फांस बन चुकी है। चुनाव में आपने देखा होगा कि किस तरह से कांग्रेस उम्मीदवारों के एक के बाद एक वीडियो जारी हुए थे।

    कह रहे थे कि हमारी सरकार आने दो, फिर कोटे से नौकरियां मिलेंगी। लोगों ने इन्हें कोटा सिस्टम के बारे में सोचने का भी समय नहीं दिया। सरकार खाली पदों पर दो लाख नौकरियां देने के लिए संकल्पित है।

    लोगों को कांग्रेस से यह पूछना चाहिये कि उसने चुनाव से पहले 25 हजार भर्तियों के रिजल्ट पर रोक लगवाकर उनका भविष्य इतना पीछे क्यों धकेल दिया।

    सवाल- हरियाणा में तीन चौथाई आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रही है। आप कैसे कह सकते हैं कि हरियाणा प्रगति पर है?

    जवाब– देखिये, चुनाव से पहले हमने लोगों को यह मौका दिया था कि परिवार पहचान पत्र में वह अपनी त्रुटियां और आय आप स्वयं ठीक कर लें। लोगों ने उसमें संशोधन किया। राज्य में 1.80 लाख रुपये वार्षिक आय वाला परिवार गरीबी रेखा से नीचे यानी बीपीएल की श्रेणी में आता है।

    अब इसका फिजिकल वैरीफिकेशन का काम बाकी है। इसका मतलब यह नहीं है कि राज्य में गरीबी बढ़ गई। विधानसभा में कांग्रेस ने यह मुद्दा उठाया था। तब मैंने भूपेंद्र सिंह हुड्डा से सवाल पूछा था कि क्या आप इस हक में हैं कि सरकार गरीबों के बीपीएल कार्ड और परिवार पहचान पत्रों से उनकी आय खत्म कर दें।

    यदि हुड्डा यह चाहते हैं कि सरकार गरीबों के बीपीएल कार्ड काट दे तो उन्हें सदन में खड़े होकर बोलना चाहिये था। वह तब कुछ नहीं बोले।

    सवाल- लोगों ने जजपा और आम आदमी पार्टी को नकार दिया है। इनेलो को दो सीटें मिली हैं। इन दलों के भविष्य के बारे में क्या सोचते हैं?

    जवाब– मैं पहले कांग्रेस के बारे में बताता हूं। कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी दोनों कन्फ्यूजन में रहते हैं। सुबह कुछ होते हैं और शाम को कुछ होते हैं। कांग्रेस के पास नीति, नीयत और नेतृत्व तीनों ही नहीं हैं। आम आदमी पार्टी भी कांग्रेस का ही दूसरा रूप है।

    अरविंद केजरीवाल हमेशा झूठ बोलते हैं। कांग्रेस और आप इन दोनों की लड़ाई विकास की नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार की लड़ाई है। केजरीवाल ने बड़े ही शार्प (मंझे) तरीके से भ्रष्टाचार को पोषित किया है। वह आइआइटी पास हैं। उन्होंने अपनी इस योग्यता का इस्तेमाल भ्रष्टाचार को पल्लवित-पोषित करने में किया। जजपा को लोग नकार चुके हैं।

    सवाल- भाजपा के ही हारे हुए नेता कह रहे हैं कि चुनाव में अधिकारियों ने सही भूमिका नहीं निभाई। क्या रिपोर्ट है?

    जवाब– भाजपा सरकार और संगठन की बैठकों में सभी तरह से विषयों पर चर्चा होती है। हमारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली इस पूरे मामले को देख रहे हैं। हमने भी विधायकों से कहा है कि यदि कहीं कोई शिकायत है तो वे लिखित में प्रदेश अध्यक्ष को सौंप दें। उस शिकायत की जांच कराई जाएगी ।

    हम कांग्रेस की तरह इस हक में बिल्कुल नहीं हैं कि गरीबी खत्म करने के लिए लोगों के बीपीएल कार्ड ही काट दें। हम इस सोच के लोग हैं कि राज्य में किस तरह से लोगों को गरीबी से बाहर निकाला जाए। उनकी आय कैसे बढ़े। उन्हें सरकारी नौकरियों के साथ स्वरोजगार कैसे मिल पाए।

    किस तरह से वे अपने पैरों पर खड़े होकर स्वयं व परिवार का भरण पोषण कर सकें। इसके लिए हम आय वृद्धि बोर्ड बनाने जा रहे हैं। इस आय वृद्धि बोर्ड का सबसे बड़ा काम यही होगा कि किस तरह से बीपीएल की आय बढ़े। जब आय बढ़ेगी तो लोग स्वयं ही बीपीएल के कार्ड सरेंडर करना शुरू कर देंगे।

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