छठा वेतन आयोग लागू करने पर हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की मुहर
हिमाचल प्रदेश प्रदेश मंत्रिमंडल ने छठे वेतन आयोग को लागू करने को मंजूरी प्रदान कर दी है। यह निर्णय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में जारी बैठक में लिया गया। अब प्रदेश के करीब पांच लाख कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को इसका लाभ मिलेगा।

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने छठे वेतन आयोग को लागू करने को मंजूरी प्रदान कर दी है। यह निर्णय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बैठक में लिया गया। अब प्रदेश के करीब पांच लाख कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को इसका लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री इस आशय की घोषणा कर्मचारियों की संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में ही कर चुके हैं। प्रदेश में इस मांग के लिए कर्मचारी लंबे समय से सक्रिय थे। कर्मचारियों को पहली जनवरी, 2016 से नए वेतनमान का लाभ मिलगा, लेकिन अभी एरियर पर असमंजस बना हुआ है। यह कितनी किस्तों में चुकाया जाएगा, अभी इस पर फैसला नहीं हुआ है। नए वेतनमान में कितना डीए यानी महंगाई भत्ता मिलेगा, यह अभी तय नहीं है।
अगर अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की मानें तो नए वेतनमान के लिए दो तरह के फार्मूला प्रस्तावित थे। पहला 2.25 और दूसरा 2.59 का। कर्मचारी इनमें से एक चुन सकते हैं। किस श्रेणी का कितना वेतन बढ़ेगा, यह बाद में तय होगा। हर श्रेणी के नए वेतनमान का निर्धारण बाद में होगा।
प्रदेश में कर्मचारियों की करीब 250 श्रेणियां हैं। पुराना ग्रेड कितना था, कितना पाया, यह भी तय होने का एक मानक होगा। अंतरिम राहत के तौर पर 5000 करोड़ के लाभ कर्मचारियों को पहले ही जारी हो चुके हैं। इससे एरियर के भुगतान पर आने वाला खर्चा कम हो गया है।
पंजाब में कितना बढ़ा
पंजाब में कर्मचारियों का औसत वेतन 5000 से लेकर 20 हजार रुपये तक बढ़ा है। वहां भत्ते में दोगुनी बढ़ोतरी हुई है। इसमें वहां अनुबंध कर्मचारी नहीं हैं। चार लाख से अधिक कर्मचारियों को बड़ा लाभ हुआ है। कुछ श्रेणियों ने आंदोलन किया था, बाद में उनके मसले को भी सुलझा लिया गया है। आंदोलन में हिमाचल प्रदेश सचिवालय के कर्मचारी संघ ने भी भाग लिया था।
कम डीए मिला तो होगी रिकवरी
हिमाचल प्रदेश में नए वेतनमान पर अगर कम डीए दिया तो उस सूरत में क्लर्क (लिपिक) वर्ग से रिकवरी हो सकती है। राज्य सरकार कर्मचारियों को अंतरिम राहत के तौर पर 21 फीसद पहले ही दे चुकी है। यह आइआर भी वेतनमान का ही हिस्सा माना जाता है।
जेसीसी बैठक में हुई थी घोषणा
पिछले महीने शिमला में संयुक्त सलाहकार समिति यानी जेसीसी की बैठक हुई थी। इसमें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने की घोषणा की थी। पंजाब इन सिफारिशों को लागू कर चुका है। हिमाचल वेतनमान के लिए पंजाब का अनुसरण करता है। हालांकि वहां देरी होने के कारण कर्मचारियों ने केंद्रीय पैट्रन को अपनाने की मांग की थी। बाद में पंजाब का ही अनुसरण हुआ, पहले भी ऐसा होता आया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जेसीसी में आर्थिक संकट के बावजूद कर्मचारियों को 7500 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ देने की घोषणाएं की। इससे पहले कर्मचारियों को छह फीसद डीए दिया था।
वेतन पर कितना खर्च
अभी कर्मचारियों के वेतन पर 1050 करोड़ रुपये हर महीने खर्च होते है। अभी पेंशनरों को पेंशन का भुगतान करने के लिए 590 करोड़ रुपये की जरूरत रहती है। सरकार इस वित्त वर्ष में 3000 करोड़ का कर्ज ले चुकी है। इस वित्त वर्ष में अब 3500 करोड़ का कर्ज ले सकती है यानी इस वित्त वर्ष में राज्य सरकार कुल 6500 करोड़ रुपये का कर्ज उठा सकती है।
किसे कितना लाभ होगा
नए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद वेतन वृद्धि का पता पे-रूल्ज बनने के बाद ही चलेगा। मोटे तौर चतुर्थ श्रेणी से लेकर एचएएस अधिकारी तक को 800 रुपये से लेकर 10 हजार रुपये मासिक वेतन में वृद्धि मिल सकती है। सरकार के विभिन्न विभागों में सेवाएं देने वाले लिपिक वर्ग को सबसे कम लाभ होगा। एचएएस में आए नए अधिकारियों को सबसे अधिक लाभ मिल सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि 10 हजार से अधिक का लाभ मिलेगा
श्रेणी,कितना लाभ (अनुमानित)
चतुर्थ श्रेणी,800 रुपये मासिक
लिपिक,500 रुपये मासिक
वरिष्ठ सहायक,2000 से 3000 रुपये मासिक
अधीक्षक,3000 से 4000 रुपये मासिक
चिकित्सक व इंजीनियर,8000 से 10000 रुपये मासिक
एचएएस,10000 से 12000 रुपये मासिक
एसीएस वित्त ने दी प्रस्तुति
प्रदेश के वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने मंत्रिमंडल बैठक में प्रस्तुति दी। उन्होंने पिछले सभी वेतन आयोग के बारे में जानकारी दी। इसमें बताया गया कि कब किसका वेतन कितना बढ़ा और कितना खर्च आया। उन्होंने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों लागू होने से बढऩे वाले प्रस्तावित वेतनमान का भी खाका पेश किया। भत्तों, डीए पर भी विस्तृत चर्चा की। एरियर के बारे में भी विचार विमर्श किया गया।
जेसीसी की प्रोसिङ्क्षडग पर मुख्यमंत्री की मुहर
जेसीसी की बैठक की प्रोसिङ्क्षडग पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्वीकृति की मुहर लगा दी है। जैसे ही वह दिल्ली सेे लौटे तो उन्होंने मुख्य सचिव, एसीएस वित्त के साथ चर्चा कर फाइल में हस्ताक्षर कर दिए। अब बैठक में लिए फैसलों की फाइल दोबारा मुख्यमंत्री के पास ले जाने की जरूरत नहीं रहेगी। अधिकारी अगली मंत्रिमंडल बैठक में इस पर मुहर लगाने के लिए अपने स्तर पर पेश कर पाएंगे। अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष अश्वनी ठाकुर ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसी भी केटेगरी के कर्मचारियों से रिकवरी नहीं होगी। नए वेतनमान के लिए दो तरह के फार्मूला प्रस्तावित था। पहला 2.25 और दूसरा 2.59 का। कर्मचारी इनमें से एक चुन सकते हैं। किस श्रेणी का कितना वेतन बढ़ेगा, यह बाद में तय होगा। हर केटेगरी के नए वेतनमान का निर्धारण बाद में होगा। प्रदेश में कर्मचारियों की करीब 250 केटेगरी यानी श्रेणी हैं। पुराना ग्रेड कितना था, कितना पाया, यह भी तय होने का एक मानक होगा।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में कर्मचारी एक बड़ा समूह हैं जिनका सरकार पर प्रभाव रहता आया है। यह मांग 2016 से चल रही थी। हालांकि संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में कई अन्य मांगों पर भी संवाद हुआ था। कर्मचारियों काे आशा है कि वे मांगें भी पूरी होंगी। हालांकि सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा किंतु चिरलंबित मांग को मानने का साहस प्रदेश सरकार ने कर दिखाया है।
मारकंडा पांच बजे बैठक छोड़ कर निकले
करीब साढ़े तीन बजे से जारी बैठक में जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर शामिल नहीं हुए हैं। पता चला है कि स्वास्थ्य कारणों से बैठक में भाग नहीं ले पा रहे हैं। उधर, बैठक के दौरान करीब पांचे बजे कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा बैठक को छोड़ बीच में ही चले गए। उनके निकटस्थ सूत्रों के अनुसार, मारकंडा को अपने विधानसभा क्षेत्र जाना था।मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री के मंडी दौरे 20 हजार करोड़ की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरिमनी, एवं ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे और कोविड-19 पर भी चर्चा संभावित है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।