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    हिमाचल: अब जिला शिमला के भाजपा नेता पर दर्ज हुआ मामला, स्कूल कार्यक्रम में विवादित भाषण देने का है आरोप

    By Rohit Sharma Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Sun, 23 Nov 2025 03:42 PM (IST)

    शिमला में एक भाजपा नेता के खिलाफ स्कूल कार्यक्रम में विवादित भाषण देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और भाषण की सामग्री की जांच कर रही है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि यह वास्तव में विवादित था या नहीं।

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    जिला शिमला के भाजपा नेता अजय श्याम के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है।

    जागरण संवाददाता, शिमला। भाजपा नेता और 2022 के विधानसभा चुनाव में ठियोग से भाजपा प्रत्याशी रहे अजय श्याम पर केस दर्ज हुआ है। अजय श्याम पर ठियोग के क्यारा के एक स्कूल में दिए गए विवादित बयान को लेकर मामला दर्ज किया गया है। उनके बयान पर इंटरनेट मीडिया पर काफी बहस छिड़ गई थी। 

    वहीं दूसरी ओर शिमला के कुसुम्पटी के रहने वाले अतुल शर्मा की ओर से एसपी शिमला को इस बारे में शिकायत पत्र सौंपा गया था और उन पर कार्रवाई करने की मांग उठाई गई थी। 

    एसपी शिमला को सौंपे गए शिकायत पत्र के बाद कुमारसैन थाना में उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। ऐसे में भाजपा नेता और पूर्व विधानसभा प्रत्याशी अजय श्याम की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

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    पंडितों की मान्यताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप

    शिकायतकर्ता अतुल शर्मा ने आरोप लगाया है कि 14 नवंबर 2025 को क्यारा में एक स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अजय श्याम ने ब्राह्मण समुदाय, पंडितों की धार्मिक परंपराओं और मान्यताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

    पारंपरिक रीति-रिवाजों पर की थी टिप्पणी

    शिकायत के अनुसार, अपने भाषण में उन्होंने पुनर्जन्म, श्राद्ध और पितरों को समर्पित बिस्तर देने जैसी पारंपरिक रीति-रिवाजों पर टिप्पणी की थी। यह भाषण उस वक्त दिया गया जब स्कूल में बच्चे भी मौजूद थे, जिसके कारण नाबालिगों पर गलत प्रभाव पड़ने की आशंका जताई गई है।

    आरोप, सार्वजनिक मंच से जानबूझकर दिया बयान

    अतुल शर्मा ने इसे घृणास्पद भाषण बताते हुए कहा कि अजय श्याम द्वारा दिए गए बयान से ब्राह्मण समाज की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं और यह समुदाय विशेष के प्रति वैमनस्य फैलाने वाला प्रयास प्रतीत होता है। शिकायत में कहा गया है कि बयान सार्वजनिक मंच से जानबूझकर दिया गया और इसका वीडियो प्रमाण भी मौजूद है। 

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    कठोर कार्रवाई की मांग

    शिकायतकर्ता ने इसे सांस्कृतिक आपातस्थिति बताते हुए कठोर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे मामलों में पुलिस का एफआईआर दर्ज करना संवैधानिक दायित्व है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।