Himachal Winter Session: पहली बार शून्य काल की परंपरा शुरू, अनुराधा राणा ने रखा पहला मामला; जयराम ठाकुर ने की तारीफ
हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन के बाहर विपक्ष के प्रदर्शन के बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ। इसी के साथ हिमाचल विधानसभा में पहली बार शून्य काल की शुरुआत हुई। अनुराधा राणा ने डोल नाला और टकोली में दो टोल बैरियर को परेशानी का मामला उठाया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शून्यकाल को अच्छी व्यवस्था बताया लेकिन इसमें कुछ बदलाव की जरूरत बताई।

जागरण संवाददाता, धर्मशाला। हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन के बाहर विपक्ष के प्रदर्शन के बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ। इसके साथ ही हिमाचल विधानसभा में पहली बार शून्य काल की परंपरा की शुरुआत हुई है। इस दौरान अनुराधा राणा ने सबसे पहले मामला रखा। अनुराधा राणा ने डोल नाला और टकोली में दो टोल बैरियर को परेशानी का मामला उठाया।
क्योंकि 60 किलोमीटर तक कोई भी टोल बैरियर नहीं लग सकता है। विधायक जनक राज ने भेड़ पलकों की समस्या, केवल सिंह ने सिहुवा से कुठ मां तक फोरलेन के कार्य के चलते कूह लो के टूटने, बिजली ओर पानी की समस्या को लेकर मामला उठाया। इसके अलावा सुखराम चौधरी ने भारी बरसात से नुकसान, संजय रतन ने दाड़ी में स्वतंत्रता स्मारक ओर त्रिलोक जमवाल ने नई पंचायतों के गठन का मामला उठाया।
जयराम ठाकुर बोले- अच्छी व्यवस्था
इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि शून्यकाल एक अच्छी व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि शून्य काल शुरू करने के लिए सरकार को बधाई देता हूं। लेकिन अभी इसमें कुछ बदलाव करने की जरूरत है। शून्य काल के दौरान कितने सदस्य अपनी बात रख सकते हैं, समय सीमा क्या रहेगी? ये सब नियम तय हो जाएं।
उन्होंने कहा कि शून्य काल में अभी केवल संवाद सा ही हो रहा है। इसलिए इस काल में किन किन मुद्दों को उठाया जाएगा, इसकी जानकारी पहले ही दे दी जाए, ताकि संबंधित विभाग पहले ही जवाब तैयार करके समस्या का समाधान कर सकें।
सुक्खू सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी
सत्र के तीसरे दिन विपक्ष ने सदन में जाने से पहले निकाले गए आउटसोर्स कर्मचारियों को बहाल करने, करुणामूलक आधार पर नौकरियां देने और गेस्ट टीचर पॉलिसी के विरोध में प्रदर्शन किया। इस दौरान विपक्षी नेताओं ने हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
नया कानून बनाएगी सुक्खू सरकार
वहीं, दूसरी तरफ प्रदेश में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सुक्खू सरकार नया कानून बनाने की तैयारी में है। इसको लेकर विधि विभाग से विचार विमर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जिन नदियों के तटीकरण पर लाखों रुपए खर्च हो चुके हैं, वहां पर माइनिंग लीज की अनुमति नहीं दी जाएगी। सरकार इस पर भी विचार कर रही है।
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