हिमाचल में आज सामूहिक अवकाश पर 2850 डॉक्टर, IGMC मारपीट मामले में डॉ. राघव की बर्खास्तगी के विरोध में उतरे कई संगठन
शिमला के आइजीएमसी में डॉक्टर और मरीज के बीच मारपीट के बाद डॉ. राघव निरूला की बर्खास्तगी का विरोध हो रहा है। डॉक्टर संगठनों ने सरकार से फैसला बदलने की ...और पढ़ें

हिमाचल में आज सामूहिक अवकाश पर 2850 डॉक्टर (File Photo)
जागरण संवाददाता, शिमला। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में डॉक्टर व मरीज के बीच मारपीट के मामले के बाद पल्मोनरी विभाग के सीनियर रेजिटेंड डॉ. राघव निरूला की बर्खास्तगी के विरोध में प्रदेश के डॉक्टर संगठन मुखर हो गए हैं।
आइजीएमसी रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए), हिमाचल प्रदेश मेडिकल आफिसर एसोसिएशन (एचपीएमओए) और स्टेट एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कालेज टीचर्स (सेमडिकोट) ने निर्णय बदलने की मांग की है।
आरडीए ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने 26 दिसंबर को डॉक्टर की बर्खास्तगी का फैसला वापस नहीं लिया तो 27 दिसंबर से वे प्रदेशभर में हड़ताल पर चले जाएंगे। आरडीए की घोषणा के बाद 26 दिसंबर को आइजीएमसी में 450 डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर रहेंगे।
2400 डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर रहेंगे
हिमाचल प्रदेश मेडिकल आफिसर एसोसिएशन के प्रेस सचिव डॉ. विजय ने जारी बयान में कहा कि शुक्रवार को प्रदेशभर के 2400 डाक्टर सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। एसोसिएशन ने भी आरडीए के समर्थन में शुक्रवार को एक दिन के सामूहिक अवकाश पर जाने का फैसला किया है।
आरडीए के अध्यक्ष डॉ. सोहेल शर्मा ने चेतावनी दी कि यदि मुख्यमंत्री से बैठक के बाद भी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो 27 दिसंबर सुबह 9:30 बजे से हड़ताल शुरू की जाएगी। इस दौरान ओपीडी, वैकल्पिक ऑपरेशन और नियमित सेवाएं बंद रहेंगी, जबकि आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी।
डॉक्टरों के साथ हो रहे अन्याय को देखते हुए संगठन ने एक दिन की सामूहिक आकस्मिक छुट्टी (सीएल) लेने का निर्णय लिया है। हिमाचल प्रदेश मेडिकल आफिसर एसोसिएशन के प्रेस सचिव डॉ. विजय ने आरडीए के रुख का समर्थन किया है।
बर्खास्त का फैसला वापस लेने का किया आग्रह
उन्होंने कहा कि 26 दिसंबर को सुबह आइजीएमसी के रेजिडेंट डॉक्टर मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू से मुलाकात डॉ. राघव को बर्खास्त करने का निर्णय वापस लेने का आग्रह करेंगे। मुलाकात के बाद आरडीए जो भी निर्णय लेगा, एचपीएमओए उसका समर्थन करेगा। सेमडिकोट के अध्यक्ष डॉ. बलवीर वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री से मिलने के लिए समय मांगा है और मुलाकात के बाद ही आगामी रणनीति तय की जाएगी।
सेमडिकोट का मानना है कि बिना समुचित प्रक्रिया और पक्षों की सुनवाई के लिए लिया कोई भी कठोर प्रशासनिक फैसला शिक्षण-चिकित्सा संस्थानों के माहौल और कार्यसंस्कृति पर प्रतिकूल असर डालता है। कांगड़ा स्थित टांडा मेडिकल कालेज की आरडीए के अध्यक्ष डा. क्रांति ने आइजीएमसी आरडीए का समर्थन किया है। कहा, कि यदि मुख्यमंत्री के साथ वार्ता सफल नहीं रही तो टांडा के 400 डाक्टर शुक्रवार को सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे। डाक्टर संगठनों की चेतावनी के बाद अब सबकी निगाहें मुख्यमंत्री के साथ होने वाली बैठक पर टिकी हैं।
डॉ. राघव को जान से मारने और देश छोड़ने की धमकी
आरडीए के अध्यक्ष डॉ. सोहेल शर्मा ने आरोप लगाया कि डॉ. राघव को जान से मारने और देश छोड़ने की धमकी दी गई है। उन्होंने दावा किया कि यह धमकी नरेश दास्टा नामक व्यक्ति ने दी है। एसोसिएशन ने मांग उठाई कि धमकी मामले में तुरंत एफआइआर दर्ज की जाए। एसोसिएशन ने यह भी आरोप लगाया कि आइजीएमसी परिसर में भीड़ ने डॉक्टरों को धमकाया। इससे अस्पताल की कार्यप्रणाली प्रभावित हुई। अस्पताल परिसर में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप भी लगाया है।
डॉक्टरों से बात कर निकालेंगे समाधान
सुक्खू मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि मरीज स्वस्थ होने की उम्मीद में अस्पताल पहुंचते हैं। हालात कैसे भी हों डॉक्टर से ऐसे व्यवहार की उम्मीद नहीं की जा सकती। डाक्टर को ऐसा व्यवहार शोभा नहीं देता है। हालांकि सरकार डॉक्टरों का पक्ष भी देख रही है उनकी सुरक्षा का भी ध्यान भी रखा जाएगा। हर चीज का समाधान संवाद से होता है।
डॉक्टरों से इस विषय पर चर्चा कर समाधान निकाला जाएगा। कहा, सरकार ने डाक्टरों के काम के बोझ को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके बावजूद ऐसी घटना ठीक नहीं है। जांच में आरोप सिद्ध होने के बाद ही सख्त निर्णय लिया हैे।

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