Landslide in Chaura: किन्नौर में चौरा के पास हुआ भारी भूस्खलन, सड़कों पर आया भारी मलबा और पत्थर; NH-5 अवरुद्ध
Heavy landslide in Chaura हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में चैरा के पास आज भारी भूस्खलन हुआ जिससे किन्नौर का शिमला से पूरी तरह से संपर्क कट गया है। वहीं नेशनल हाईवे-5 पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से प्रतिबंधित हो गई है। गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें लग गई हैं। अभी सड़क को यातायात के लिए खोलने में लगभग 10 दिन लग सकते हैं।

रामपुर/शिमला। Heavy landslide in Chaura: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में चैरा के पास आज भारी भूस्खलन हुआ, जिससे किन्नौर का शिमला से पूरी तरह से संपर्क कट गया है। वहीं, नेशनल हाईवे-5 पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से प्रतिबंधित हो गई है।
सुबह आठ बजे अचानक भारी भूस्खलन और पत्थरों के गिरने से नेशनल हाईवे बंद हो गया। शुक्रवार रात किन्नौर जिले के प्रवेश द्वार पर प्राकृतिक सुरंग के पास विशाल चट्टानें और अन्य मलबा सड़क पर फिसलकर आ गिरा, जिससे पैदल आवाजाही भी बाधित हो गई थी।
हाईवे बंद होने से फंसी गाड़ियां
हिमाचल की ऊंची पहाड़ियों में सेब का मौसम अभी खत्म नहीं हुआ है। हाईवे के बंद होने से दोनों ओर ट्रकों सहित बड़ी संख्या में वाहन फंसे हुए हैं। अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि बहाली का काम जोरों पर चल रहा है और बोल्डर हटाए जा रहे हैं। कठोर चट्टान को खोदने और फंसे हुए वाहनों के लिए रास्ता बनाने के लिए भारी मशीनरी तैनात की गई है।
सड़क को खोलने में लगेगा 10 दिन का समय
इससे पहले भी 7 सितंबर की रात को भारी भूस्खलन के बाद चौरा से कुछ किलोमीटर पहले नुगलसारी के पास एनएच 5 अवरुद्ध हो गया था। वहीं, अभी सड़क को यातायात के लिए खोलने में लगभग 10 दिन लग सकते हैं।
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यह क्षेत्र पारिस्थितिक रूप से नाजुक है। ऐसे में इस सड़क पर बार-बार भूस्खलन स्थानीय लोगों और फल उत्पादकों, विशेषकर सेब उत्पादकों के लिए अभिशाप बन गया है।
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सेब की ब्रिक्री के लिए बाधा बनेगा प्रतिबंधित मार्ग
किन्नौर उच्च गुणवत्ता वाले रसीले सेबों के लिए प्रसिद्ध है और किन्नौर के निचले इलाकों से परिवहन अगस्त में शुरू होता है, जबकि ऊंचे इलाकों से सेब नवंबर के अंत तक बाजारों में आते रहते हैं। अब ऐसे में यातायात बंद हो जाने से बागवानों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं, इस साल मौसम की मार के कारण सेब के उत्पादन में गिरावट आई है।
इस साल मात्र आएंगे सेब के 30 लाख बक्से
उप निदेशक बागवानी (किन्नौर) अजय कुमार धीमान ने कहा कि 2023 में किन्नौर में लगभग 30 लाख बक्से आने की उम्मीद है, जबकि पिछले साल 2022 में लगभग 40-42 लाख बक्से थे।

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