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    Gudiya Rape Case: सूरज की हत्या के दोषी पुलिस वालों की जाएगी नौकरी, 8 को मिली है उम्रकैद की सजा

    Updated: Wed, 29 Jan 2025 10:48 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश के कोटखाई में हुए गुड़िया दुष्कर्म और हत्याकांड (Gudiya Rape Murder Case) मामले में दोषी 8 पुलिस अधिकारियों को उम्रकैद की सजा हुई है। सजा के बाद अब उनकी सेवाओं को समाप्त किया जाएगा। न्यायालय के आदेश के बाद इस संबंध में दस्तावेजों को तैयार कर प्रदेश विधि विभाग को सेवाएं समाप्त किए जाने की फाइल भेजी जाएगी।

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    कोर्ट के सजा सुनाने के बाद जैदी l (जागरण आर्काइव)

    राज्य ब्यूरो, शिमला। वर्ष 2017 में शिमला जिले के कोटखाई में हुए गुड़िया (काल्पनिक नाम) दुष्कर्म व हत्याकांड मामले को लेकर शक के आधार पर हिरासत में लिए नेपाली सूरज की पुलिस लॉकअप में हत्या के दोषी पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को उम्र कैद के बाद अब उनकी सेवाओं को समाप्त किया जाएगा।

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    न्यायालय के आदेश की कॉपी मिलने के बाद इस संबंध में दस्तावेजों को तैयार कर प्रदेश विधि विभाग को सेवाएं समाप्त किए जाने की फाइल भेजी जाएगी। उसके आधार पर प्रक्रिया पूरा कर सेवाओं को समाप्त किया जाएगा।

    इन पुलिस अधिकारियों को मिली है सजा

    इस मामले में आईपीएस जहूर हैदर जैदी के अलावा तत्कालीन डीएसपी मनोज जोशी, पुलिस सब इंस्पेक्टर राजिंद्र सिंह, एएसआई दीप चंद शर्मा, मानक मुख्य आरक्षी मोहन लाल व सूरत सिंह, मुख्य आरक्षी रफी मोहम्मद और कांस्टेबल रनीत सतेता शामिल हैं।

    गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद समाप्त होगी जैदी की सेवाएं

    आईपीएस होने के कारण जहूर जैदी की सेवाओं को समाप्त करने का प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय तक जाएगा और अनुमति आने के बाद सेवाएं समाप्त होंगी। जबकि बाकी अधिकारी व कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने का प्रस्ताव गृह विभाग और प्रदेश पुलिस मुख्यालय द्वारा मंजूर किया जाएगा। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस प्रक्रिया में कुछ समय लगता है तभी सेवाओं के समाप्त होने के आदेश जारी होंगे।

    1994 बैच का IPS है जहूर जैदी

    आइजी जहूर एच जैदी 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी है और वह सजा सुनाए जाने के समय आइजी सीएंडटीएस यानी संचार व तकनीकी सेवा के पद पर कार्यरत थे और 31 दिसंबर 2028 को सेवानिवृत होने थे।

    जबकि 2011 बैच के एचपीएस मनोज जोशी डीएसपी सुरक्षा तलवाड़ा के पद पर कार्यरत थे और 30 सितंबर 2039 को सेवानिवृत होने थे।

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    सूरज हत्याकांड में दोषी करार दिए गए पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवाओं को समाप्त निर्धारित प्रक्रिया के तहत होगा। इस संबंध में न्यायालय के आदेश मिलने और कानूनी राय लेने के बाद ही कार्रवाई होगी।

    डॉ. अतुल वर्मा, महानिदेशक हिमाचल प्रदेश पुलिस

    जानें क्या था मामला

    जुलाई 2017 को शिमला के पास कोटखाई गांव में एक नाबालिग की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने छह युवकों आशीष चौहान, राजू, सुभाष, सूरज, लोकजन उर्फ छोटू और दीपक को हिरासत में लेकर पीटा।

    इस दौरान पुलिस लॉकअप में सूरज की मौत हो गई थी। इस मामले में हिमाचल हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया और सीबीआई को जांच सौंप दी।

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