जीएसटी की नई दरों से जनता की होगी बल्ले-बल्ले, हिमाचल सरकार को इन 3 क्षेत्रों से होगा राजस्व नुकसान
GST New Slab केंद्र सरकार की नई जीएसटी दरों से हिमाचल सरकार को 700-800 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होने का अनुमान है। सरकार मुआवजे की मांग करेगी क्योंकि पहाड़ी राज्य होने के कारण यहां उपभोग सीमित है। विभिन्न क्षेत्रों में जीएसटी कटौती से नुकसान होगा जिससे विकास कार्यों पर असर पड़ सकता है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। केंद्र सरकार ने जीएसटी की नई दरों से आम जनता को जहां फायदा होगा। वहीं, हिमाचल सरकार को इससे 700 से 800 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है। इस नुकसान की एवज में मुआवजा प्रदान किए जाने की मांग को नजरअंदाज किया है। लेकिन प्रदेश सरकार ने दोबारा दृढ़ता से मांग उठाने का निर्णय लिया है।
इसके तहत केंद्र सरकार को अवगत करवाया जाएगा कि हिमाचल प्रदेश पहाड़ी राज्य होने के कारण यहां की जनसंख्या 72 लाख है और देश के अन्य राज्यों की तुलना में उपभोग भी सीमित हैं। ऐसे में केंद्र सरकार को छोटे राज्यों में शामिल हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्तर पर मदद करनी होगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के विदेश दौरे से लौटते ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा जाएगा।
सरकार के आबकारी एवं कराधान विभाग ने जीएसटी से होने वाले नुकसान का आकलन करके रिपोर्ट मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में विस्तारपूर्वक बताया गया है कि प्रदेश को जीएसटी की नई दरों से वार्षिक 700 से 800 करोड़ रुपये का नुकसान होने की संभावना है।
यह नुकसान विभिन्न क्षेत्रों में जीएसटी दरों में कटौती के कारण होगा, जैसे कि गाड़ियों पर जीएसटी कम करने से 150 से 200 करोड़ रुपये का नुकसान, सीमेंट में 150 करोड़ रुपये का नुकसान और टीवी और फ्रिज की बिक्री पर जीएसटी घटने से 50 से 100 करोड़ रुपये का नुकसान।
जीएसटी दरों में कटौती से प्रदेश के राजस्व पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इससे राज्य के विकास कार्यों पर भी असर पड़ सकता है। इसलिए, प्रदेश सरकार केंद्र सरकार से अनुरोध करेगी कि वह राज्य को होने वाले नुकसान की भरपाई करे।
नुकसान के प्रमुख क्षेत्र
- गाड़ियों पर जीएसटी: गाड़ियों पर जीएसटी दरों में कटौती से हिमाचल प्रदेश को 150 से 200 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। एक कार में 25 हजार रुपये से लेकर 50 हजार तक गिरावट होगी।
- सीमेंट पर जीएसटी: सीमेंट पर जीएसटी दरों में कटौती से 150 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। सीमेंट के दाम प्रति बैग 40 से 50 रुपये तक कम होने की संभावना है।
- टीवी और फ्रिज पर जीएसटी: टीवी और फ्रिज की बिक्री पर जीएसटी घटने से 50 से 100 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा। प्रति टीवी व फ्रिज की बिक्री में 5 से 7 हजार रुपये तक की कमी होगी।
जीएसटी से पहले प्रति वर्ष 16 प्रतिशत राजस्व वृद्धि थी
जीएसटी आने से पहले प्रति वर्ष प्रदेश सरकार काे 16 प्रतिशत राजस्व वृद्धि प्राप्त होती थी। जैसे ही प्रदेश में जीएसटी आया तो उसके बाद राजस्व की वृद्धि 7 से 8 प्रतिशत तक सीमित रह गई। राज्य के संसाधन सीमित है और जीएसटी स्लैब दरों को दो तक सीमित किए जाने से राज्य को सर्वाधिक नुकसान होगा।
-देवेश कुमार, प्रधान सचिव, आबकारी एवं कराधान।
दूसरी बार फिर मामला उठाएंगे
हमारी सरकार दोबारा जीएसटी से होने वाले नुकसान की भरपाई किए जाने का मामला केंद्र सरकार से उठाएगी। वैसे भी पहाड़ी राज्य होने के कारण हिमाचल प्रदेश की केंद्र पर निर्भरता अधिक है।
-हर्षवर्धन चौहान, उद्योग मंत्री।
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