शिमला आने वाले वाहनों से ग्रीन टैक्स की वसूली के लिए सरकार तैयार, दो मंत्रियों की मंजूरी का इंतजार
Green tax अब जल्द ही नगर निगम शिमला अन्य राज्यों आने वाले वाहनों से ग्रीन टैक्स की वसूली करेगा सरकार ने इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति जता दी है।
शिमला, जेएनएन। नगर निगम शिमला अन्य राज्यों से शिमला आने वाले वाहनों से जल्द ही ग्रीन टैक्स वसूलेगा। सरकार ने निगम के इस प्रस्ताव पर सहमति जता दी है। इसके लिए अब शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी और शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज की अनुमति का इंतजार निगम को है। दोनों मंत्रियों ने शहर के प्रवेशद्वार पर बिना बैरियर लगाए ग्रीन टैक्स को वसूलने के लिए निगम की योजना मांगी है। निगम अब दोनों मंत्रियों को प्रेजेंटेशन देगा, जिसमें बताया जाएगा कि किस तरह से बिना बैरियर लगाए ग्रीन फीस वसूली जाएगी।
निगम की मासिक बैठक से पास कर इस प्रस्ताव को सरकार के पास भेजा गया था। प्रस्ताव पर सरकार ने सहमति जताई है। ग्रामीण एवं शहरी विकास मंत्री और शिक्षा मंत्री ने निगम से इस संबंध में प्लान मांगा है। निगम जल्द ही अपना प्लान मंत्रियों को देगा और इसके बाद शहर में ग्रीन फीस वसूली शुरू कर दी जाएगी।
निगम के सदन से हुई थीं दरें तय
निगम के हाउस से ग्रीन टैक्स की दरें तय की गई थीं। इसमें दोपहिया वाहन के लिए 50 रुपये, चार पहिया वाहन के लिए 200 और बस व ट्रक के लिए 300 रुपये फीस निर्धारित की गई थी। निगम के सदन ने भी इन दरों को अपनी सहमति दे दी थी। सरकार के मंत्रियों को अब अपनी योजना देने के बाद निगम इस मामले को फिर से सदन में लेकर जाएगा और शहर में ग्रीन टैक्स वसूलना शुरू करेगा नहीं लगेगा बैरियर शिमला में ग्रीन टैक्स वसूलने के लिए कोई बैरियर नहीं लगेगा। ये सिर्फ ऑनलाइन या एप से होगा।
होटलों, पेट्रोल पंप, लोकमित्र केंद्रों पर अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों से यह ग्रीन टैक्स वसूला जाएगा। निगम बाकायदा इन्हें 10 प्रतिशत कमीशन भी देगा। ग्रीन फीस न देने वाले वाहन मालिक को जुर्माने का भी प्रावधान रखा गया है। निगम कर्मचारियों को निरीक्षण के लिए भी तैनात करेगा। एप में गाड़ी का नंबर डालते ही गाड़ी का पूरा विवरण सामने आ जाएगा। यदि वाहन मालिक ने ग्रीन फीस अदा नहीं की होगी तो निगम के निरीक्षक मौके पर ही जुर्माना भी वसूलेंगे।
सरकार ने ग्रीन टैक्स वसूली की अनुमति दे दी है। ग्रामीण एवं शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी और शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने इसके लिए प्लान मांगा है।
-सत्या कौंडल, महापौर नगर निगम शिमला।
पार्किंग, एंबुलेंस सड़कें वार्ड की प्राथमिकताएं
नगर निगम शिमला की महापौर सत्या कौंडल 22 फरवरी को सालाना बजट पेश करेंगी। यह बजट महापौर का पहला बजट होगा। बजट तैयार करने को लेकर निगम तैयारियों में जुट गया है। वीरवार को निगम की महापौर की अध्यक्षता में वार्ड नंबर 24 से 34 तक के पार्षदों के साथ वार्ड प्राथमिकता बैठक की गई। बैठक के दौरान वार्ड पार्षदों से उनकी प्राथमिकताएं मांगी गईं। हालांकि बैठक में सभी पार्षद मौजूद नहीं रहे, लेकिन पार्षदों ने लिखित रूप से अपनी प्राथमिकताएं निगम को सौंप दी हैं।
पार्षदों की प्राथमिकताएं पार्किंग, एंबुलेंस सड़कें, समुदायिक भवन मुख्य रूप से शामिल की गई हैं। पार्षदों ने अपने वार्ड में पार्किंग के निर्माण और एंबुलेंस सड़कों व सामुदायिक भवनों के निर्माण के लिए बजट का प्रावधान रखने की गुहार लगाई है। निगम के अधिकारी तय करेंगे कि कौन से काम के लिए निगम के बजट में काम किया जाना है और कौन से काम को स्मार्ट सिटी के तहत किया जाना है। प्राथमिकता के आधार पर निगम आयुक्त बजट तैयार करेंगे।
बजट को लेकर लोगों से मांगे सुझाव
नगर निगम ने बजट के लिए शहर के लोगों से भी सुझाव मांगे हैं। निगम शहर के लोगों के सुझाव के आधार पर बजट तैयार करेगा ताकि लोगों की समस्याओं को दूर किया जा सके। लोग अपने सुझाव अपने वार्ड पार्षद के अलावा महापौर, निगम आयुक्त कार्यालय में भी दे सकते हैं। निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि लोग सुझाव देंगे तो लोगों के सुझाव पर बजट को तैयार किया जाएगा।
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