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    प्राइवेट स्कूल खोलने के लिए 15 दिन में जारी होगी एनओसी, देर होने पर होगी कार्रवाई

    By Babita kashyapEdited By:
    Updated: Tue, 04 Feb 2020 10:17 AM (IST)

    हिमाचल में शिक्षण संस्थान खोलने के लिए अब 5 दिन के भीतर एनओसी जारी किया जाएगा देर होने पर उप शिक्षा निदेशक पर कार्रवाई होगी। ...और पढ़ें

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    प्राइवेट स्कूल खोलने के लिए 15 दिन में जारी होगी एनओसी, देर होने पर होगी कार्रवाई

    शिमला, जेएनएन। हिमाचल में निजी क्षेत्र में स्कूल, कॉलेज के अलावा अन्य शिक्षण संस्थान खोलने के लिए अब बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। शिक्षा विभाग 15 दिन के भीतर एनओसी जारी करेगा। एनओसी देने में यदि देरी होती है तो उप शिक्षा निदेशक पर कार्रवाई होगी। शिक्षा विभाग ने निजी शिक्षण संस्थान खोलने के लिए एनओसी जारी करने के कार्य को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के दायरे में शामिल कर दिया है। निदेशक उच्चतर शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। विभाग ने कुल 15 सेवाओं को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के दायरे में शामिल किया है। विभाग के इस फैसले से स्कूल व कॉलेजों के छात्रों के अलावा निवेशकों को भी फायदा होगा।

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    आवेदन के दिन ही मिल जाएगा चरित्र प्रमाणपत्र

    राज्य के सरकारी स्कूल और कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को चरित्र प्रमाणपत्र आवेदन करने के दिन ही मिल जाएगा। इसके अलावा चरित्र प्रमाणपत्र, पुस्तकालय सुरक्षा फीस, संचायिका, बस पास, छात्रों का पहचान पत्र एक ही दिन में जारी करना होगा। यदि कोई छात्र दाखिले के बाद विषय बदलना चाहता है तो उसे भी उसी दिन बदलना होगा। इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेवारी तय कर दी है। छात्रों को बार-बार कॉलेज और स्कूल के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।  

    दिव्यांगों को कॉलेज में निशुल्क शिक्षा

    हिमाचल के कॉलेजों में अब दिव्यांग छात्रों को मुफ्त में शिक्षा मिलेगी। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से न्यायालय के आदेशों के बाद इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत 40 फीसद दिव्यांगता होने पर सरकारी कॉलेजों में शिक्षा मुफ्त मिलेगी। इस मामले में उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष और विवि के प्रोफेसर अजय श्रीवास्तव ने न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी। कोर्ट की ओर से लंबी सुनवाई के बाद चार जून, 2015 को फैसला दिया था कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और राज्य सरकार को दिव्यांग विद्यार्थियों की शिक्षा मुफ्त दी जाए। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, बागवानी विश्वविद्यालय सोलन और कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर ने वर्ष 2016 -17 से दिव्यांग विद्यार्थियों को निशुल्क शिक्षा देने का फैसला लागू कर दिया था। राज्य सरकार ने इसे लागू नहीं किया।

    प्रदेश राज्य दिव्यांगता सलाहकार बोर्ड के विशेषज्ञ सदस्य के तौर पर बोर्ड की 23 जनवरी को हुई बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ राजीव सैजल के समक्ष यह मामला उठाया था। इसके बाद अब विभाग की ओर से इसे लागू करने की अधिसूचना दी है।

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