Flood in Himachal: शिमला में बरसात शुरू होते ही बढ़ा खतरा, घरों में घुसा मलबा; जनजीवन अस्त-व्यस्त
शिमला में भारी बारिश के चलते कई घरों में मलबा घुस गया जिससे लोगों को काफी नुकसान हुआ है। जौली में एक घर में मलबा आने से मां-बेटी फंस गईं जिन्हें बाद में सुरक्षित निकाला गया। कृष्णानगर में डंगा खिसकने से कई मकानों पर खतरा मंडरा रहा है। शहर के अन्य हिस्सों में भी भूस्खलन से नुकसान हुआ है।

जागरण संवाददाता, शिमला। राजधानी शिमला में बरसात के साथ ही शहर में नुकसान शुरू हो गया है। जौली के बौथ वेल में शनिवार रात घर पर मलबा आने के बाद मां-बेटी घर की एटिक में फंस गई। सुबह छह बजे मेयर सुरेंद्र चौहान को जब सूचना मिली तो मौके पर मलबा हटाने के लिए लोगों को लगाया।
लगभग ढाई घंटे की मशक्कत के बाद इन्हें बाहर निकाला जा सका। मलबा हटाने के लिए एटीक पर मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता था। इसलिए इन्हें काफी समय तक घर के भीतर ही फंसा रहना पड़ा। लोगों के घरों में मलबा आने से भारी नुकसान हुआ है। सुरेंद्र चौहान ने कहा कि इन्हें सुबह साढ़े आठ बजे के समीप बाहर निकाल लिया था।
कृष्णानगर में एक तीन मंजिला भवन के नीचे से डंगा खिसकने के कारण इसके साथ ही चार अन्य मकानों पर खतरा मंडराने लगा है। कृष्णानगर में पांच लोगों की जान बाल-बाल बची है। उनके घर के ऊपर सुबह के समय भारी मात्रा में मलबा आने के कारण छत टूटने की कगार तक पहुंच गई थी। गनीमत रही कि यहां पर सीमेंट की छत थी, यदि टिन की छत होती तो बड़ा नुकसान हो सकता था। इसे बाद में खाली करवाकर उनकी जान बचाई गई है।
कृष्णानगर में अभी तक पांच मकानों को खतरा गहराया है। इसी तरह शहर में कई अन्य स्थानों पर भी मलबा लोगों के घरों में घुस गया है। मैहली में सरकारी कालोनी में बना सेप्टिक टैंक ढह गया। इससे कालोनी को भी खतरा हो गया है।
इस कालोनी में भी खतरे को भांपते हुए कई मकानों को खाली करवाने की तैयारी है, वहीं कुछ हिस्से को तिरपाल से ढक दिया है। इसी तरह से पंथाघाटी में भी भूस्खलन से दो मकानों को खतरा पैदा हो गया है। यहां पर पेड़ गिरने से चार वाहन इसकी चपेट में आ गए हैं। भराड़ी के रास्ते व संजौली के आसपास छह से ज्यादा वाहन पेड़ों के गिरने से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
कृष्णानगर में सुबह छह बजे ही भूस्खलन होने के बाद में लोगों में दहशत का माहौल है। स्थानीय पार्षद विनोद भाटिया मौके पर पहुंच गए थे। उन्होंने प्रशासन से इन्हें राहत देने के लिए भी सूचना दी। इसके बाद मकान को तिरपाल से ढका है, ताकि आने वाले दिनों में होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।
वहीं शिमला के जुन्गा में लगातार हो रहे भूस्खलन से सड़क पर वाहनों की आवाजाही भी प्रभावित हुई है। इसी तरह से शहर के अन्य हिस्सों में कई जगह लगातार भूस्खलन हो रहा है, जहां पर लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
भट्टाकुफर-चमियाणा अस्पताल मार्ग भी बाधित
बारिश के चलते भट्टाकुफर-चमियाणा मार्ग में भी भूस्खलन होने से सड़क काफी समय के लिए बाधित हो गई। इससे लोगों को अस्पताल पहुंचने में परेशानी हुई। अस्पताल का रास्ता होने के कारण इसे जल्द ही खोल दिया था।
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