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    अच्छी खबर! हिमाचल के ESI अस्पतालों में होंगी भर्तियां, सेवाओं में विस्तार के लिए SPRII योजना शुरू

    Updated: Sat, 28 Jun 2025 12:46 PM (IST)

    कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने ईएसआई कवरेज का विस्तार करने के लिए स्प्रिइ योजना को फिर से शुरू किया है जिसका उद्देश्य नियोक्ताओं और कर्मचारियों का पंजीकरण बढ़ाना है। कानूनी विवादों को कम करने के लिए एमनेस्टी स्कीम-2025 को भी मंजूरी दी गई है। इसके अतिरिक्त ईएसआई अस्पतालों में योग चिकित्सक और पंचकर्म तकनीशियन नियुक्त किए जाएंगे।

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    अच्छी खबर! हिमाचल ESI अस्पतालों में होगी भर्तियां (पीआईबी फोटो)

    राज्य ब्यूरो, शिमला। कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पतालों (ईएसआई अस्पताल) में योग चिकित्सक और पंचकर्म तकनीशियन/परिचारकों की नियुक्ति होगी। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में शिमला में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) की 196वीं बैठक में इसकी मंजूरी दे दी है।

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    बैठक में निगम ने ईएसआइसी की परिचालनगत पहुंच, बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य सेवा वितरण को बढ़ाने के उद्देश्य से कई प्रमुख मदों पर चर्चा की गई। एसपीआरइइ योजना (नियोक्ता/कर्मचारियों के पंजीकरण को बढ़ावा देने की योजना) कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने देश भर में ईएसआइ कवरेज का विस्तार करने के उद्देश्य से एसपीआरइइ को फिर से शुरू करने को मंजूरी दे दी है।

    मूल रूप से 2016 में शुरू की गई इस योजना ने 88,000 से अधिक नियोक्ताओं और 1.02 करोड़ कर्मचारियों के पंजीकरण को सफलतापूर्वक सुगम बनाया। नवीनीकृत एसपीआरइइ 1 जुलाई से 31 दिसंबर तक खुली रहेगी, जो गैर-पंजीकृत नियोक्ताओं और छूटे हुए श्रमिकों-जिनमें संविदा और अस्थायी कर्मचारी शामिल हैं को ईएसआइ अधिनियम के तहत नामांकन करने का अवसर प्रदान करेगी।

    योजना के तहत, इस अवधि के दौरान पंजीकरण करने वाले नियोक्ताओं को पंजीकरण की तिथि या उनके द्वारा घोषित तिथि से कवर किया जाएगा, जबकि नए पंजीकृत कर्मचारियों को उनके पंजीकरण की संबंधित तिथियों से कवर किया जाएगा।

    एमनेस्टी स्कीम 2025 को मंजूरी

    बैठक में कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने एमनेस्टी स्कीम-2025 को मंजूरी दे दी है। यह 1 अक्टूबर से 30 सितंबर 2026 तक की अवधि के लिए कार्यशील विवाद समाधान विंडो है। योजना का उद्देश्य कानूनी झगड़ों को कम करना और ईएसआइ अधिनियम के तहत अनुपालन को बढ़ावा देना है।

    क्षेत्रीय निदेशकों को उन मामलों को वापस लेने का अधिकार दिया गया है, जहां योगदान और ब्याज का भुगतान किया गया है, और पांच वर्ष से अधिक समय पहले बीमित व्यक्तियों के खिलाफ दायर मामलों को भी वापस लेने का अधिकार दिया गया है, जहां कोई नोटिस जारी नहीं किया गया था।

    राजीव गांधी श्रमिक कल्याण योजना (आरजीएसकेवाई) में संशोधन

    बैठक में आरजीएसकेवाई के तहत नौकरी छूटने की तिथि से 12 महीने की सीमा से आगे आवेदन जमा करने में छूट देने के लिए ईएसआइ सी महानिदेशक को अधिकार सौंपने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने ईएसआईसी की संशोधित आयुष नीति पर विचार किया और उसे मंजूरी दी।

    यह नीति आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी जैसी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को कर्मचारी राज्य बीमा निगम के स्वास्थ्य सेवा नेटवर्क में एकीकृत करने पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य समग्र, निवारक और स्वास्थ्य-उन्मुख स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देना है। यह कर्मचारी राज्य बीमा निगम लाभार्थियों को प्रदान की जाने वाली समग्र चिकित्सा सेवाओं को बढ़ाने के लिए एक कार्यनीतिक कदम है।

    धर्मार्थ अस्पतालों के साथ अग्रगामी परियोजना

    निगम ने निम्न सुविधा प्राप्त क्षेत्रों में धर्मार्थ अस्पतालों के साथ साझेदारी करके ईएसआइ लाभार्थियों के लिए स्वास्थ्य सेवा की पहुंच में सुधार करने के लिए एक अग्रगामी परियोजना को मंजूरी दी।

    ये अस्पताल ओपीडी से लेकर आपातकालीन देखभाल तक व्यापक सेवाएं प्रदान करेंगे। जिससे किफायती, गुणवत्तापूर्ण उपचार सुनिश्चित होगा। अग्रगामी परियोजना की देश के कुछ जिलों में शुरुआत की जाएगी।

    यह रहे मौजूद

    बैठक में सांसद (राज्यसभा) डोला सेन, सांसद (लोकसभा) एनके प्रेमचंद्र, ईएसआईसी के महानिदेशक अशोक कुमार सिंह, राज्य सरकारों के प्रधान सचिव/सचिव, नियोक्ताओं, कर्मचारियों के प्रतिनिधि और भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और ईएसआईसी के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।