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    'ईडी भाजपा का राजनीतिक हथियार', छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय की रेड पर बोले CM सुक्खू

    By Parkash BhardwajEdited By: MOHAMMAD AQIB KHAN
    Updated: Mon, 28 Aug 2023 06:53 PM (IST)

    छत्तीसगढ़ में ईडी की रेड के संदर्भ में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ईडी भाजपा का राजनीतिक हथियार है जिसे इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मुलाकात की जानकारी देते हुए कहा कि भाजपा द्वारा विधानसभा के मानसून सत्र के आयोजन में देरी करने की बात कहने से पहले विचार करना चाहिए।

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    मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ईडी को बताया भाजपा का राजनीतिक हथियार

    शिमला, राज्य ब्यूरो: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने छत्तीसगढ़ में ईडी की रेड के संदर्भ में कहा कि भाजपा का राजनीतिक हथियार है, जिसे इस्तेमाल किया जा रहा है। सचिवालय में मीडिया प्रतिनिधि द्वारा छत्तीसगढ़ में ईडी की रेड को लेकर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि ये एक राजनीतिक हथियार है, तो इसे सब इस्तेमाल करते हैं।

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    राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मुलाकात की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भाजपा द्वारा विधानसभा के मानसून सत्र के आयोजन में देरी करने की बात कहने से पहले विचार करना चाहिए कि सरकार पहले आपदा राहत कार्य करे या फिर विधानसभा का सत्र आयोजित करे।

    उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों को राहत प्रदान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। विपक्षी नेताओं को इस तरह की बात करके सस्ती लोकप्रियता बटोरने का प्रयास नहीं करना चाहिए।

    राज्यपाल के सुझावों को राहत कार्याें में किया जाएगा शामिल

    उन्होंने कहा कि मैं राज्य के विभिन्न विषयों को लेकर राज्यपाल से कई बार फोन पर भी बात करता रहता हूं। आज भी राज्यपाल शुक्ल से मिलने के लिए गया था और उन्हें आपदा राहत कार्याें की जानकारी दी। राज्यपाल शुक्ल ने इस संबंध में कुछ सुझाव दिए हैं। उन सुझावों को भी राहत कार्याें में शामिल किया जाएगा।

    उन्होंने कहा कि विधानसभा का मानसून सत्र आयोजित करना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है और सत्र आयोजित करना ही था। सत्र आयोजित करने में देरी केवल इसलिए हुई कि प्रदेश में आपदा की स्थिति के कारण परिस्थितियां विषम बन गई थी।

    विधानसभा का सत्र आयोजित करते तो...

    यदि आपदा की स्थिति में विधानसभा का सत्र आयोजित करते तो दो हजार पुलिस बल राहत कार्याें में डयूटी देने के बजाए विधानसभा में लगने थे। इतना ही नहीं जिला प्रशासन, विभागीय सचिव और प्रशासनिक तंंत्र प्रश्न के उत्तर देने में व्यस्त होने थे।