Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    E-Challan लिंक से हो रही ठगी, साइबर सेल हिमाचल पुलिस ने जारी की चेतावनी, कैसे बच सकते हैं फ्रॉड से?

    By Rohit Nagpal Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Thu, 04 Dec 2025 04:37 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश पुलिस ने ई-चालान के नाम पर हो रही धोखाधड़ी के खिलाफ चेतावनी जारी की है। साइबर अपराधियों द्वारा फर्जी वेबसाइट लिंक भेजकर लोगों के बैंक खा ...और पढ़ें

    Hero Image

    ई चालान के नाम पर ठगी का खेल हो रहा है। प्रतीकात्मक फोटो

    जागरण संवाददाता, शिमला। नकली वेबसाइट ई-चालान परिवहन .एपीके से सावधान, एक क्लिक में खाली हो सकता है आपका बैंक खाता। हिमाचल में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, और अब साइबर अपराधियों ने एक नया तरीका अपनाया है फर्जी ई-चालान लिंक भेजकर लोगों के बैंक खातों को साफ करना।

    हिमाचल पुलिस की साइबर सेल ने एक गंभीर चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि हाल ही में कई नागरिकों को नाम की फर्जी वेबसाइट ई-चालान.परिवहन इन.टाप से सावधान से मैसेज भेजे जा रहे हैं। 

    यह लिंक असली ‘परिवहन मंत्रालय’ की साइट जैसा दिखता है और चालान भरने का डर दिखाकर लोगों से बैंक डिटेल्स व ओटीपी हासिल कर लेता है। एसपी साइबर क्राइम रोहित मालपानी ने कहा कि सावधान व सर्तक रहे। साइबर अपराधी एक नया तरीका अपना रहे हैं। इनके बहकावे में न आए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कैसे होती है ठगी?

    पीड़ितों के मोबाइल पर एक मैसेज आता है, “आपके वाहन पर ई-चालान बकाया है। तुरंत भुगतान न करने पर लाइसेंस सस्पेंड होगा। भुगतान के लिए लिंक पर क्लिक करें।” लिंक पर क्लिक करते ही एक वेबसाइट खुलती है, जो बिल्कुल असली सरकारी पोर्टल की तरह दिखती है। यहां पीड़ित से कहा जाता है कि 500 व 1,000 का चालान बकाया है और ‘पे नाउ’ पर क्लिक करने के बाद व्यक्ति एटीएम कार्ड नंबर, सीवीवी और ओटीपी डाल देता है। जैसे ही ओटीपी दर्ज किया जाता है, खाते से रकम साफ हो जाती है। 

    बिल्कुल फर्जी है लिंक

    साइबर सेल का कहना यह लिंक 100 फीसदी फर्जी है। हिमाचल पुलिस की साइबर सेल ने स्पष्ट किया है कि यह वेबसाइट सरकार की आधिकारिक साइट नहीं है।

    यह है असली ई-चालान पोर्टल

    असली ई-चालान पोर्टल सिर्फ ई-चालान परिवहन.जीओवी.इन है। केंद्रीय मंत्रालय या राज्य पुलिस कभी भी चालान भुगतान के लिए एसएमएस लिंक नहीं भेजते। यह पूरी तरह फिशिंग वेबसाइट है, जिसे विदेश और अन्य राज्यों से ऑपरेट किया जा रहा है।

    आप कैसे बच सकते हैं?

    किसी भी लिंक पर क्लिक न करें, चाहे उसमें चालान, बैंक अवरोध या लाइसेंस सस्पेंशन की धमकी दी गई हो। ई-चालान की जांच सिर्फ सरकारी पोर्टल पर जाकर करें। बैंक कार्ड, एटीएम, यूपीआई पिन और ओटीपी किसी भी हालत में साझा न करें। यदि गलती से लिंक पर क्लिक करें तो तुरंत अपने बैंक की हेल्पलाइन पर कॉल कर खाता ब्लॉक करवाएं।

    यह भी पढ़ें: हिमाचल: सुक्खू सरकार का बड़ा एक्शन, एसपी राजेश वर्मा को किया सस्पेंड, पुलिस मुख्यालय छोड़ने पर लगाई रोक