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    खुशखबरी! हिमाचल की सुक्खू सरकार विदेश में पढ़ने के लिए छात्रों को देगी 20 लाख का लोन; जल्दी पढ़ लें पूरी डिटेल

    Updated: Mon, 23 Sep 2024 08:35 AM (IST)

    विदेश में पढ़ाई का सपना संजोने वाले हिमाचल प्रदेश के हजारों छात्रों का सपना अब पूरा होगा। सुक्खू सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को मात्र एक प्रतिशत ब्याज पर 20 लाख रुपये तक का ऋण देगी। सरकार डॉ. वाईएस परमार ऋण योजना के तहत लोन देगी। मंत्रिमंडल की स्वीकृति के बाद शिक्षा विभाग मानक संचालन प्रक्रिया जारी करेगा।

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    आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को विदेश में पढ़ने के लिए सुक्खू सरकार देगी ऋण (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, शिमला। डॉ. वाईएस परमार ऋण योजना से विदेश में पढ़ाई का सपना साकार होगा। प्रदेश सरकार ने इस योजना को विस्तार दिया है। विदेश में शिक्षा ग्रहण करने के इच्छुक आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। प्रदेश मंत्रिमंडल की स्वीकृति के बाद शिक्षा विभाग इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी करेगा।

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    1 प्रतिशत ब्याज पर दिया जाता है लोन

    मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वित्त वर्ष 2023-24 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों के लिए डॉ. वाईएस परमार विद्यार्थी ऋण योजना शुरू की थी। योजना के तहत पात्र हिमाचली विद्यार्थियों को मात्र एक प्रतिशत ब्याज दर पर शैक्षिक ऋण प्रदान किया जाता है। ऐसे परिवार जिनकी वार्षिक आय चार लाख रुपये से कम है, इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

    20 लाख तक का ले सकते है ऋण

    इसमें ट्यूशन फीस, रहने की सुविधा, किताबें और अन्य संबंधित खर्चे शामिल हैं। योजना के लिए विद्यार्थी बैंक से 20 लाख रुपये तक का ऋण ले सकते हैं। सरकार की ओर से जिलास्तर पर उपायुक्त की देखरेख में एक कोष को स्थापित किया जाएगा।

    योजना के तहत व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा संबंधी पाठ्यक्रम जैसे इंजीनियरिंग, चिकित्सा, प्रबंधन, नर्सिंग, फार्मेसी, विधि में डिप्लोमा और डिग्री के अलावा आईटीआई और पीएचडी करने वाले विद्यार्थी इसका लाभ ले सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।

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    छात्रवृत्ति मिलने पर भी नहीं जा पाते थे विदेश

    कई मेधावी विद्यार्थियों को विदेश के कई संस्थान छात्रवृत्ति देते हैं, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते वे आने-जाने का शुल्क व विदेश में रहने की व्यवस्था नहीं कर पाते। छात्रवृत्ति केवल पढ़ाई के लिए मिलती है। सरकार की यह ऋण योजना ऐसे विद्यार्थियों की मदद करेगी।

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