Mandi News: स्वदेशी तकनीक से उच्च तापमान में भी कुशलता से काम करेंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, ई-वाहन व औद्योगिक स्वचालन की बढ़ेगी दक्षता
Mandi News गैलियम ऑक्साइड की पतली फिल्में नीलम परत पर बनाना चुनौती था। गैलियम ऑक्साइड एक धातु है। यह इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए सिलिकान का एक उपयोगी विकल्प है। यह कई अर्धचालकों का महत्वपूर्ण घटक है। नीलम भौतिक रसायनिक और प्रकाशीय गुणों के अद्वितीय संयोजन की सामग्री है जो इसे उच्च तापमान थर्मल शाक पानी और रेत के क्षरण और खरोंच के लिए प्रतिरोधी बनाती है।

हंसराज सैनी, मंडी। उच्चशक्ति के इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण अब 200 डिग्री सेल्सियस तापमान में कुशलता से काम करेंगे। इससे इलेक्ट्रिकल वाहनों, उच्च वोल्टेज ट्रांसमिशन और औद्योगिक स्वचालन की दक्षता बढ़ेगी। विशेष सेमीकंडक्टर विकसित करने के लिए सामग्री पर विदेशी निर्भरता कम होगी। देश में अब अल्ट्रा वाइड बैंडगैप सेमीकंडक्टिंग सामग्री स्वदेशी तकनीक से सस्ती दर पर बनेगी।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गुवाहाटी के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग व नैनो टेक्नोलॉजी केंद्र के सहायक प्रोफेसर डॉ. अंकुश बाग की अगुआई में आईआईटी मंडी, आस्ट्रिया के प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय वियना के सेंसर एवं एक्ट्यूएटर सिस्टम संस्थान के शोधार्थियों ने विशेष सेमीकंडक्टर के लिए सामग्री विकसित की है।
आईआईटी मंडी भी शामिल
शोध अमेरिका के आईईई ट्रांजेक्शन ऑन इलेक्ट्रॉन डिवाइसेस और थिन सॉलिड फिल्म्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है। सह लेखकों में आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग एवं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के डॉ. सतिंदर कुमार शर्मा, अर्नब मोंडल व सेंसर एवं एक्ट्यूएटर सिस्टम संस्थान वियना के मनोज कुमार यादव शामिल हैं।
कम दबाव रसायनिक वाष्प जमाव तकनीक से विकसित की सामग्री
शोधार्थियों ने गैलियम आक्साइड नामक अल्ट्रावाइड बैंडगैप सेमीकंडक्टिंग सामग्री कम दबाव रासायनिक वाष्प जमाव तकनीक से विकसित की है। पावर सेमीकंडक्टर उपकरण हर पावर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम का हृदय होते हैं। यह मुख्य रूप से स्विच के रूप में कार्य करते हैं।
ग्रिड से आने वाली बिजली को अंतिम उपयोगकर्ता द्वारा उपयोग के लिए अनुकूलित करने के लिए इसे चालू और बंद करते हैं। उभरते हुए उच्चशक्ति के उपकरणों के लिए अल्ट्रावाइड बैंडगैप वाले मिश्रित सेमीकंडक्टर सामग्री की मांग बढ़ती जा रही है।
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विद्युत प्रवाह को प्रबंधित और नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका
पावर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम विद्युत प्रवाह को प्रबंधित और नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह प्रणाली विद्युत ऊर्जा को रूपांतरित करने के लिए महत्वपूर्ण है। खासकर जो सौर, पवन जैसे नवीकरणीय स्रोतों और थर्मल पावर प्लांट जैसे गैर-नवीकरणीय स्रोतों से आती है। इसे अंतिम उपयोगकर्ता एप्लीकेशन के अनुकूल वोल्टेज, करंट और फ्रीक्वेंसी के साथ रूपांतरित करता है।
सामग्री से पतली व चिकनी फिल्में बनाना था चुनौती
शोधार्थी डॉ. अंकुश बाग के मुताबिक गैलियम ऑक्साइड की पतली फिल्में नीलम परत पर बनाना चुनौती था। गैलियम ऑक्साइड एक धातु है। यह इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए सिलिकान का एक उपयोगी विकल्प है। यह कई अर्धचालकों का महत्वपूर्ण घटक है।
नीलम भौतिक, रसायनिक और प्रकाशीय गुणों के अद्वितीय संयोजन की सामग्री है जो इसे उच्च तापमान, थर्मल शाक, पानी और रेत के क्षरण और खरोंच के लिए प्रतिरोधी बनाती है। गैलियम ऑक्साइड सब्सट्रेट की उच्च लागत और कमजोर ऊष्मा चालकता से संबंधित समस्याओं को हल करता है।
कई प्रयासों के बाद गैलियम ऑक्साइड सेमीकंडक्टर को अनुकूलित कर उसकी चालकता में सुधार के लिए इसमें टिन (एक रासायनिक तत्व) को शामिल किया गया। इससे सफलतापूर्वक उच्च गुणवत्ता वाली अल्ट्रावाइड बैंडगैप कंपाउंड सेमीकंडक्टर विकसित करने के साथ दो टर्मिनल उपकरणों का निर्माण किया गया।
इस तकनीक का उपयोग अब इलेक्ट्रिक वाहनों, उच्च वोल्टेज ट्रांसमिशन और औद्योगिक स्वचालन में होगा।
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