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    Himachal News: कुफरी जाएं तो नए अंदाज में पर्यटन को दें नया आयाम

    Updated: Fri, 30 Aug 2024 07:18 PM (IST)

    कुफरी शिमला से लगभग 15 किलोमीटर है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर कुफरी पहाड़ी व जंगल के बीच है। कुफरी के आसपास कई दर्शनीय स्थल हैं। शिमला व कुफरी में गर्मियों व बरसात में भी स्वेटर की जरूरत पड़ती है। कुफरी में हर साल लगभग 50 लाख पर्यटक पहुंचते हैं। कुफरी जाते समय रास्ते में राष्ट्रपति भवन भी आता है। राष्ट्रपति भवन छराबड़ा में स्थित है।

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    शिमला के छराबड़ा में स्थित राष्ट्रपति भवन।

    शिखा वर्मा, शिमला। शिमला की यात्रा करने वाले कुफरी अवश्य जाते हैं, किंतु चिरपरिचित स्थलों की सैर कर वापस आ जाते हैं। यदि कुफरी के आसपास थोड़ा समय व्यतीत करें तो यहां की यात्रा अविस्मरणीय अनुभव बन जाती है। प्रकृति दर्शन की अनूठी अनुभूति कराने के साथ कुफरी इतिहास और वन्यजीवन पर्यटन से भी समृद्ध है।

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    राष्ट्रपति का ग्रीष्मकालीन भवन आपकी प्रतीक्षा में है, जहां भारत के राष्ट्रपतियों से जुड़ी जानकारी के साथ इस भवन की यात्रा भी कर सकते हैं। कुफरी का कैचमेंट एरिया एक और अद्भुत पर्यटन स्थल है। सघन वन में बैटरी चालित कार से यात्रा एक और ही लोक में ले जाती है। कुफरी में स्थित नेशनल पार्क समृद्ध वन्यजीव संपदा से परिचित कराता है। आसपास कई अन्य दर्शनीय स्थल भी हैं जो हिल स्टेशन की यात्रा को विस्तार प्रदान करते हैं। बाकी शिमला की यात्रा तो है ही।

    कुफरी शिमला से लगभग 15 किलोमीटर है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर कुफरी पहाड़ी व जंगल के बीच है। कुफरी के आसपास कई दर्शनीय स्थल हैं। मैदानी राज्यों में तापमान 35 से 40 डिग्री सेल्सियस होता है तो शिमला व कुफरी में गर्मियों व बरसात में भी स्वेटर की जरूरत पड़ती है। कुफरी में हर साल लगभग 50 लाख पर्यटक पहुंचते हैं।

    रास्ते में पड़ता है राष्ट्रपति भवन

    कुफरी जाते समय रास्ते में राष्ट्रपति भवन आता है। राष्ट्रपति भवन छराबड़ा में है। यह स्थान कुफरी से लगभग पांच किलोमीटर पहले है। राष्ट्रपति भवन में भीतर जाने के लिए 50 रुपये प्रति व्यक्ति टिकट लगती है। यहां पर देश के पूर्व राष्ट्रपतियों के बारे में जानकारी ले सकते हैं। इस भवन के इतिहास के बारे में भी जान सकते हैं। इस भवन को कोटी रियासत के राजा ने बनाया था। बाद में अंग्रेजों ने अपने अधीन ले लिया। अब राष्ट्रपति का भवन है। गर्मियों में राष्ट्रपति यहां परिवार सहित कुछ दिन के लिए आते हैं।

    कुफरी से 7 किमी पहले कैचमेंट एरिया 

    कुफरी से लगभग सात किलोमीटर पहले कैचमेंट एरिया है। यह सबसे घने जंगलों में एक है। कैचमेंट एरिया में अंग्रेजों के समय की बनी पेयजल योजना है। इस घने जंगल में वाहन को ले जाने पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध है। इस जंगल में जाने के लिए वन विभाग के वन्य प्राणी विंग ने बैटरी चालित वाहनों का प्रबंध कर रखा है। यहां पर लगभग आठ किलोमीटर क्षेत्र में घूम सकते हैं। बैटरी चालित वाहन का प्रति सीट दो सौ रुपये किराया लिया जाता है।

    जानवर गोद लेने की व्यवस्था 

    कुफरी आने वाले पर्यटक चिड़ियाघर जरूर पहुंचते हैं। यहां पर हिमालयन नेचर पार्क में लगभग 221 जानवर हैं। हिमालयन नेचर पार्क में जानवर गोद भी ले सकते हैं। चिड़िया से लेकर तेंदुआ तक को गोद ले सकते हैं। इसके लिए आवेदन करना पड़ता है। जो भी संस्था या व्यक्ति जानवर गोद लेते हैं, उनके नाम का बोर्ड लगाया जाता है। किसी भी जानवर को एक साल के लिए गोद लिया जा सकता है।

    जो व्यक्ति जानवर को गोद लेता है, वह उसका सालभर का खर्च उठाता है। तेंदुआ डेढ़ लाख, हिमालयन भूरा भालू 7500, हिमालयन काला भालू 6000, हिरण (झुंड) 50000, जंगली सुअर 25000, तेंदुआ बिल्ली 15000, ईमू 15000, चील 15000, हिमालयन गोरल 25000, तीतर 12000 व कछुआ 5000 रुपये में गोद ले सकते हैं।

    हवाई, रेल व सड़क का विकल्प

    कुफरी आने के लिए हवाई, रेल व सड़क का विकल्प है। यदि आप हवाई मार्ग से कुफरी आना चाहते हैं तो दिल्ली से जुब्बड़हट्टी (शिमला) के लिए फ्लाइट ले सकते हैं। यह फ्लाइट रोज दिल्ली से शिमला व शिमला से दिल्ली के लिए होती है। आफ सीजन होने के कारण किराया 2895 रुपये है, जो टैक्सी से भी कम है।

    दिल्ली से शिमला का टैक्सी का किराया 3500 रुपये है। सामान्य बस का किराया 545 व लग्जरी बस का लगभग 850 रुपये है। कालका से शिमला के लिए टाय ट्रेन चलती है। इसका किराया 50 से 850 रुपये तक है। सामान्य ट्रेन का टिकट 50 रुपये है। क्लास वन व टू के साथ विस्टाडोम ट्रेन का किराया अधिक लगता है।

    शिमला पहुंचने के बाद ऐसे जाएं कुफरी

    शिमला से कुफरी तक टैक्सी या अपने वाहन से पहुंच सकते हैं। टैक्सी का किराया 1200 से 1500 रुपये दिनभर का होता है। शिमला से लक्कड़ बाजार, संजौली, ढली, हसनवैली, छराबड़ा व चीनी बंगला होते हुए यहां पहुंचते हैं। पर्यटक शिमला, मशोबरा, ढली आदि स्थानों में 1000 से लेकर 20,000 रुपये तक होटलों के कमरों में रह सकते हैं।

    कुफरी में पर्यटन निगम का रेस्तरां है। यहां चाइनीज खाने से लेकर स्ट्रीट फूड की कई दुकानें व ढाबे हैं। यहां पर 100 से 500 रुपये तक खाना मिल जाता है। पहाड़ी डिश सिड्डू भी परोसे जाते हैं। सिड्डू 100 रुपये प्रति पीस मिलता है।