'भाजपा ने वोट बैंक के लिए...', HRTC बसों में महिलाओं को मिली छूट खत्म करने की मांग उठी
हिमाचल प्रदेश में निजी बस ऑपरेटर यूनियन ने एचआरटीसी बसों में महिलाओं को दी जा रही 50% छूट को खत्म करने की मांग की है। उनका कहना है कि इससे निजी बस ऑपरेटरों और एचआरटीसी दोनों को नुकसान हो रहा है। यूनियन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है और पात्र महिलाओं के लिए अलग से कार्ड बनाने का सुझाव दिया है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) बसों में महिलाओं को 50 फीसदी छूट खत्म करने की मांग तेज हो गई है। हिमाचल प्रदेश निजी बस आपरेटर यूनियन ने इसको लेकर सरकार से मांग की है। यूनियन ने इसको लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र भी लिखा है। निजी बस ऑपरेटर संघ के महासचिव रमेश कमल ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि इस छूट के चलते निजी बस ऑपरेटरों के साथ एचआरटीसी को भी अधिक घाटा उठाना पड़ रहा है। निजी बस ऑपरेटरों को इसलिए घाटा उठाना पड़ रहा है क्योंकि महिलाएं निजी बस में यात्रा नहीं कर रही हैं।
एचआरटीसी की बसें भरी रहती हैं। मगर इससे भी एचआरटीसी को आधे किराए के कारण नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि जो गरीबी रेखा से नीचे पात्र महिलाएं हैं उनके अलग से कार्ड बनाकर इस छूट का लाभ दिया जाए अन्य के लिए इसे खत्म किया जाए।
उन्होंने कहा कि पूर्व भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने वोट बैंक बढ़ाने के लिए एचआरटीसी की बसों में महिलाओं को किराये में 50 फीसदी छूट देने का फैसला लिया था। उसके बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्ता से बाहर हो गई और कांग्रेस सरकार सत्ता में आई।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद पूर्व भाजपा सरकार के अंतिम नौ महीने में लिए गए फैसलों को निरस्त किया है, जबकि एचआरटीसी में महिलाओं को किराए में 50 फीसदी छूट वाला फैसला भी अंतिम नौ महीने के कार्यकाल में लिया गया था। अभी भी सरकार ने एचआरटीसी में महिलाओं को 50 फीसदी छूट देने का मामला यथावत जारी रखा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कांग्रेस सरकार द्वारा महिलाओं को 1500 रुपए इंदिरा सम्मान निधि के तहत दिए जा रहे हैं।
इसके अतिरिक्त एचआरटीसी में किराए में महिलाओं को 50 फीसदी की छूट भी जारी है और अगर इसका सर्वेक्षण करेंगे तो महिलाओं को एचआरटीसी में उन महिलाओं को इस छूट का लाभ नहीं मिल रहा है जोकि वास्तविक रूप में इस छूट की हकदार है।
इस छूट का लाभ तो वह महिलाएं ले रही हैं जो किराया देने में सक्षम है और निजी एवं सरकारी संस्थानों में सेवारत है और उनका रोज का आना जाना बसों में है। जो वास्तविक रूप में इसकी पात्र महिलाएं हैं उनको यह छूट नहीं मिल रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि महिलाओं को किराए में दी जा रही 50 फीसदी छूट के बारे में पुर्नविचार करके इसको समाप्त करे या फिर एचआरटीसी की तरह निजी बस ऑपरेटरों को भी विशेष राहत पैकेज देने की घोषणा करें।
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