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    Purple Potatoes: अब आलू बढ़ाएगा उम्र और देगा कैंसर को मात, CPRI शिमला ने तैयार की नई किस्म

    सीपीआरआई शिमला ने बैंगनी रंग के आलू की नई किस्म को तैयार किया है। इस किस्म को तैयार करने के लिए कई केंद्र बीते सात सालों से प्रयोग कर रहे थे। वहीं इस आलू को खाने के लिए काफी उपयोगी बताया है। इस किस्म को केंद्रीय कृषि अनुसंधान परिषद और कृषि मंत्रालय से भी स्वीकृति मिल गई है। एंटीआक्सीडेंट से भरपूर एमएसपी-16 307 किस्म का नामकरण जल्द किया जाएगा।

    By Yadvinder SharmaEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Sun, 29 Oct 2023 08:51 AM (IST)
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    अब आलू बढ़ाएगा उम्र और देगा कैंसर को मात, CPRI शिमला ने तैयार की नई किस्म।

    यादवेन्द्र शर्मा, शिमला। केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआई) शिमला ने आलू की बैंगनी रंग की नई किस्म तैयार की है। इस बैंगनी रंग के आलू की किस्म में एंटीआक्सीडेंट की भरमार है। इस कारण यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। कैंसर रोकने में मददगार है और उम्र बढ़ाता है। इस किस्म को केंद्रीय कृषि अनुसंधान परिषद और केंद्रीय कृषि मंत्रालय से स्वीकृति मिल गई है।

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    सीपीआरआई (CPRI) करीब सात सालों से कई केंद्रों पर प्रयोग कर रहा था। ये मैदानी क्षेत्रों के आलू उत्पादकों के लिए लाभदायक बताई जा रही है। हालांकि ये अन्य क्षेत्रों में भी उग सकती है। इसे सब्जी के तौर पर उपयोग किया जाएगा। अभी तक जो आलू बाजार में सामान्य तौर पर मिलते हैं। उनमें पीला और सफेद आलू प्रमुख है। इससे पहले सीपीआरआई ने कुफरी नीलकंठ को तैयार किया था, जिसका छिलका बैंगनी रंग का था। यह पहली किस्म है, जिसका आलू अंदर से भी बैंगनी रंग का है।

    इस किस्म में मौजूद तत्व

    इस किस्म के आलू में स्टार्च, विटामिन ए व डी, प्रोटीन और एंटीआक्सीडेंट भी हैं। आलू के एक कंद में 75-80 प्रतिशत पानी, 16.20 प्रतिशत कार्बोहाइट्रेट, 2.5 से तीन प्रतिशत प्रोटीन, 0.6 प्रतिशत रेशा, 0.1 प्रतिशत वसा व एक प्रतिशत खनिज पदार्थ हैं।

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    बैंगनी आलू की विशेषता पैदावार: 25-30 टन प्रति हेक्टेयरॉ

    अवधि : 80-90 दिन में तैयार

    अनुकूलनशीलता : मैदानी क्षेत्र

    विशेष गुण : सब्जी व खाने के लिए उपयुक्त।

    केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान शिमला के निदेशक डॉ. ब्रजेश सिंह ने बताया कि आलू की नई बैंगनी रंग की किस्म तैयार की गई है। इसमें एंटीआक्सीडेंट हैं। यह पूरी तरह से बैंगनी है। साथ ही ये 80 से 90 दिनों में तैयार हो जाता है। ये खाने के लिए काफी उपयोगी है।

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