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    'मनरेगा धरना 'झूठ और राजनीतिक नौटंकी', गांधी नाम का दुरुपयोग', सतपाल सत्ती का कांग्रेस पर जोरदार हमला

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 02:42 PM (IST)

    सतपाल सत्ती ने शिमला में कांग्रेस के मनरेगा धरने को झूठ और राजनीतिक नौटंकी करार दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने "विकसित भारत-रोजगार और आजीविका म ...और पढ़ें

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    मनरेगा पर झूठ की राजनीति कर रही कांग्रेस, तथ्यों से भागकर धरने का ड्रामा: सतपाल सत्ती (फोटो: जागरण)

    जागरण संवाददाता, शिमला। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने शिमला के रिज मैदान पर कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा मनरेगा को लेकर किए गए धरने को पूरी तरह झूठ, भ्रम और राजनीतिक नौटंकी करार दिया है। सत्ती ने कहा कि कांग्रेस को जब शासन चलाना नहीं आता, तो वह तथ्यों को तोड़मरोड़ कर जनता को गुमराह करने के लिए धरनों का सहारा लेती है।

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    सतपाल सत्ती ने कहा कि कांग्रेस यह झूठ फैला रही है कि मनरेगा को समाप्त किया जा रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार ने मनरेगा से भी आगे बढ़कर “विकसित भारतरोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)” कानून लागू किया है, जिसमें ग्रामीण परिवारों को 100 नहीं बल्कि 125 दिन के रोजगार की गारंटी दी गई है। इसके लिए 1.51 लाख करोड़ से अधिक का प्रावधान किया गया है, जिसमें 95 हजार करोड़ से अधिक केंद्र सरकार का योगदान है।

    उन्होंने कहा कि कांग्रेस यह बताने से क्यों डर रही है कि यूपीए सरकार के दौरान जहां 200607 से 201314 तक मनरेगा पर लगभग 2.13 लाख करोड़ खर्च हुए, वहीं एनडीए सरकार ने 202425 तक 8.53 लाख करोड़ से अधिक राशि खर्च कर लगभग दोगुना रोजगार सृजन किया है। यह आंकड़े कांग्रेस के झूठ और विफलता को उजागर करने के लिए काफी हैं।

    सत्ती ने कहा कि कांग्रेस को अगर वाकई ग्रामीणों की चिंता होती, तो वह रिज पर धरना देने के बजाय राज्य में मनरेगा और अन्य योजनाओं के तहत समय पर मजदूरी भुगतान, काम की उपलब्धता और पंचायतों को अधिकार देने पर ध्यान देती। सच्चाई यह है कि हिमाचल में कांग्रेस सरकार की नाकामी को छिपाने के लिए केंद्र पर आरोप मढ़े जा रहे हैं।

    उन्होंने कांग्रेस पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम का राजनीतिक दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जो पार्टी संसद में मर्यादाएं तारतार करती है, कागज फाड़ती है, टेबलों पर चढ़ती है और लोकतंत्र को भीड़तंत्र में बदलने का प्रयास करती है, उसे गांधी जी के आदर्शों की दुहाई देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

    सतपाल सत्ती ने कहा कि “विकसित भारत के लिए विकसित गांव” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है और नई योजना के तहत गांवों में जल संरक्षण, सड़क, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, आंगनवाड़ी भवन, ड्रेनेज और आजीविका से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दी गई है।

    पंचायतों की ग्रेडिंग के आधार पर फंड आवंटन, मजदूरी में देरी पर अतिरिक्त भुगतान और कमजोर वर्गों के लिए विशेष प्रावधान इस बात का प्रमाण हैं कि केंद्र सरकार ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने के लिए गंभीर है।

    उन्होंने कहा कि कांग्रेस का रिज मैदान पर धरना दरअसल राज्य सरकार की नाकामी, वित्तीय कुप्रबंधन और झूठे वादों से ध्यान भटकाने की असफल कोशिश है। हिमाचल की जनता अब कांग्रेस के झूठ को समझ चुकी है और समय आने पर इसका करारा जवाब देगी।