'सेना से परामर्श किए बिना की सीजफायर की घोषणा', CM सुक्खू ने केंद्र सरकार पर लगाया आरोप
मुख्यमंत्री सुक्खू ने केंद्र सरकार पर सेना से परामर्श किए बिना सीजफायर की घोषणा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह घोषणा इंदिरा गांधी के निर्णायक नेतृत्व के विपरीत है जिन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा से कभी समझौता नहीं किया। शिमला में जय हिंद सभा में बोलते हुए उन्होंने 1962 1965 1971 और कारगिल युद्ध के योद्धाओं को सम्मानित किया।

राज्य ब्यूरो, शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हमारे वीर सैनिकों ने आतंकियों को कड़ा सबक सिखाया, लेकिन केंद्र सरकार ने तीनों सशस्त्र बलों को विश्वास में लिए बिना सीजफायर की घोषणा कर दी। यह घोषणा किसी तीसरे देश से इंटरनेट मीडिया के माध्यम से सामने आई।
सुक्खू ने कहा कि यह घोषणा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निर्णायक नेतृत्व के विपरीत है, जिन्होंने कभी भी राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं होने दिया। मुख्यमंत्री सुक्खू शुक्रवार को शिमला के पीटरहाफ में कांग्रेस की ओर से आयोजित जय हिंद सभा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर वर्ष 1962, 1965, 1971, कारगिल और ऑपरेशन सिंदूर के हिमाचल के योद्धाओं व स्वजन को सम्मानित किया गया।
जय हिंद सभा की शुरुआत बलिदानियों को श्रद्धांजलि देकर दो मिनट का मौन रखकर की गई। ऑपरेशन सिंदूर में बलिदान हुए कांगड़ा के सूबेदार मेजर पवन कुमार के पिता गरज सिंह ने कार्यक्रम आरंभ किया।
मुख्यमंत्री ने हाल ही में तीर्थन घाटी के शरची गांव की अपनी यात्रा के बारे में बताया कि वह पूर्व सैनिक सूबेदार मेजर अनूप राम के घर ठहरे। मेजर अनूप राम ने सन 1971 के भारत-पाक युद्ध के बारे में अपनी यादें साझा करते हुए बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने साहसिक एवं दूरदर्शी नेतृत्व से युद्ध के दौरान भारतीय सेना में बहादुरी, जोश और ऊर्जा का संचार किया था।
उसी के परिणामस्वरूप युद्ध का ऐतिहासिक परिणाम हमारे सामने आया। भारत ने पाकिस्तान को दो भागों में विभाजित कर शिमला समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर कर दिया था। सुक्खू ने कहा, हिमाचल के सैनिकों का पराक्रम अतुलनीय है। प्रदेश ने चार परमवीर चक्र विजेता दिए हैं।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद राहुल गांधी आतंकवाद के विरुद्ध केंद्र को समर्थन देने सबसे पहले आगे आए। प्रदेश के लोग और सरकार हमेशा भारतीय सशस्त्र बलों के साथ खड़े हैं। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने सदैव देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।