Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पहाड़ी राज्यों में क्यों फट रहे हैं बादल? क्या कहते हैं एक्सपर्ट; हिमाचल में बढ़ गया आंकड़ा, अब तक 35 घटनाएं

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 05:01 PM (IST)

    Cloudburst In Himachal Pradesh पहाड़ी राज्यों में बादल फटने की घटनाएं बढ़ रही हैं। हिमाचल प्रदेश में इस साल 35 बादल फटने की घटनाएं हुई हैं जो पिछले साल से अधिक हैं। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार जलवायु परिवर्तन और अवैज्ञानिक निर्माण के कारण ऐसी आपदाएं बढ़ रही हैं। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण केंद्रीय टीम की रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है

    Hero Image
    हिमाचल प्रदेश के रामपुर में बादल फटने से हुआ नुकसान। जागरण

    जागरण टीम, शिमला। Cloudburst In Himachal Pradesh, पहाड़ी राज्यों में बादल फटने की घटनाएं कुछ वर्षों से बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं। हिमाचल प्रदेश में अब तक 35 बादल फटने की घटनाएं हो चुकी हैं, जो पिछले साल से ज्यादा हैं। साल 2024 में 27 के करीब बादल फटने की घटनाएं हुई थीं। लेकिन इस बार डेढ़ माह में पिछले साल का आंकड़ा पीछे छूट गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह 30 जून से अब तक का आंकड़ा है, जो अभी और बढ़ सकता है, क्योंकि बरसात का दौर इस बार लंबा चलने के कयास हैं। करीब डेढ़ माह में ही इतनी तबाही हो चुकी है। मौसम विशेषज्ञ कह चुके हैं कि इस बार बरसात सितंबर महीने तक सक्रिय रहेगी। 

    हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू के गानवी में बादल फटने से मची तबाही। जागरण 

    हिमाचल में बादल फटने से भारी जानमाल का नुकसान हुआ है। गत वर्षों के मुकाबले इस बार यह नुकसान ज्यादा है। बादल फटने की 35 घटनाओं में से 19 अकेले मंडी जिला में हुई हैं। 

    बादल फटने की घटना का पता लगाने का पैमाना क्या है?

    मौसम विशेषज्ञों के अनुसार बादल फटने की घटना का पता लगाने का कोई स्टीक पैमाना नहीं है। जब भी कहीं 100 मिलीमीटर प्रति घंटा बारिश होती है तो इसे बादल फटने की घटना माना जाता है। इसके अलावा भारी बारिश व बाढ़ की स्थिति बन जाने को भी बादल फटना कहा जाता है। 

    जिला शिमला के रामपुर में बादल फटने से हुआ भारी नुकसान। जागरण

    क्यों बढ़ने लगीं बादल फटने की घटनाएं?

    पहाड़ी राज्यों में पहले भी बरसात होती थी व पहाड़ों के बीच मेघ बरसते थे पर इस तरह की तबाही नहीं होती थी। विशेषज्ञ इस तबाही की असल वजह जलवायु परिवर्तन और अवैज्ञानिक निर्माण को मान रहे हैं। अवैज्ञानिक खनन व निर्माण के कारण यह आपदाएं आ रही हैं। 

    क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

    आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निदेशक एवं विशेष सचिव डीसी राणा का कहना है-

    बरसात में अब तक भारी नुकसान हुआ है। पहाड़ी राज्यों में बादल फटने की घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं व इसके लिए क्या कारगर उपाय किए जा सकते हैं। इसके लिए केंद्रीय टीम की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। विभिन्न विशेषज्ञों की टीम मंडी और शिमला में अध्ययन कर लौटी है, जो केंद्रीय गृह मंत्री को रिपोर्ट सौंपेगी। उनके सुझावों पर अमल किया जाएगा।

    यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में तबाही ही तबाही; एक्सपर्ट ने बताया खतरनाक, 2020 के बाद क्यों बढ़ने लगीं बादल फटने की घटनाएं?