Himachal News: कॉन्ट्रैक्ट बेस पर सभी प्रकार की भर्तियों पर रोक, अधिसूचना जारी; 20 फरवरी 2025 से लागू हुआ नियम
हिमाचल प्रदेश में अनुबंध आधार पर भर्तियों पर रोक लगा दी गई है। कार्मिक विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है जिसके कारण लगभग 4500 पदों पर भर्ती प्रक्रिया भी रुक गई है। अब गुजरात मॉडल के आधार पर नई भर्ती नीति लागू करने की योजना है जिसमें पांच साल बाद कर्मचारियों को नियमित करने का प्रावधान होगा। नई नीति आने में छह महीने से एक साल लग सकता है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश कार्मिक विभाग के अनुबंध आधार पर भर्तियों पर रोक के आदेशों के बाद सभी विभागों में अनुबंध आधार पर चल रही भर्ती रुक गई है। इस संबंध में कार्मिक विभाग की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है।
इस अधिसूचना के साथ ही प्रदेश में विभिन्न विभागों, निगम बोर्ड में अनुबंध आधार पर लोकसेवा आयोग, और राज्य चयन आयोग हमीरपुर व विभिन्न विभागों के माध्यम से ही रही करीब 4500 पदों की भर्तियों पर रोक लग गई है। यही नहीं जिन पदों के लिए परीक्षाएं हो भी चुकी हैं उनकी नियुक्ति प्रक्रिया लटक गई है।
कार्मिक विभाग द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तें अधिनियम 2024 लागू किया है। इसे 20 फरवरी 2025 से लागू कर दिया गया है।
भर्ती के तरीकों में से अनुबंध के आधार पर को नियमितीकरण से भरने की व्यवस्था दिया गया है। इस प्रकार अनुबंध के आधार पर नियुक्ति का तरीका अब मौजूद नहीं है। ऐसे में भर्ती की नई प्रक्रिया को लागू किया जाएगा। उसके बाद ही सभी प्रकार की भर्तियों को किया जा सकेगा।
इन पदों के लिए रुकी भर्तियां
जिन पदों के लिए भर्तियां रुकी उनमें टीजीटी और जेबीटी के करीबन 2531 पद भरने का मामला प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से राज्य चयन आयोग को भेजा गया है। इसमें टीजीटी आर्टस के 42 नान मेडिकल के 343, टीजीटी मेडिकल के 169, जेबीटी के 1162 नए और जबकि 432 पुराने पद हैं जो कमीशन को प्रारंभिक शिक्षा विभाग को भेजे गए हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग में करीब एक हजार पदों, जबकि अन्य विभागों में जेओएआइटी व अन्य के करीब नौ सौ पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शामिल है।
गुजरात मॉडल पर होंगी नई भर्तियां
प्रदेश के सभी सरकारी विभागों, सभी निगम और बोर्ड में गुजरात पैट्रन पर भर्ती प्रक्रिया करने की योजना है। जिसके लिए मंथन चल रहा है। अनुबंध आधार पर भर्तियों के साथ आउटसोर्स पर भर्तियों को बंद कर दिया जाएगा। गुजरात में प्राेविजनल यानी अस्थाई आधार पर भर्तियां हो रही हैं। इसी तरह से प्रोविजनल आधार पर भर्तियां होंगी।
पांच वर्ष कर्मचारियों को नियमित करने का प्रावधान
पांच वर्ष कर्मचारियों को नियमित करने का प्रावधान होगा। प्रदेश कार्मिक विभाग गुजरात मॉडल का अध्ययन कर रहा है। जिससे भर्तियों की नई प्रक्रिया को लागू किया जा सके। इसमें न्यूनतम बेसिक वेतन न देने से सरकार का कर्मचारियों की वेतन पर बोझ कम होगा। नई भर्ती नीति आने में छह माह से एक वर्ष का समय लग सकता है।
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