कम नहीं हो रहे महिलाओं के खिलाफ अत्याचार
पांच साल के आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं में कोई कमी नहीं आई है।
By BabitaEdited By: Published: Mon, 12 Feb 2018 12:04 PM (IST)Updated: Mon, 12 Feb 2018 12:04 PM (IST)
v>शिमला, राज्य ब्यूरो। देवभूमि हिमाचल में आधी आबादी यानी महिलाओं के खिलाफ अत्याचार कम नहीं हो रहे हैं। बात चाहे हत्या, दुष्कर्म जैसी संगीन वारदातों की हो या फिर छेड़छाड़ या यौन उत्पीडऩ की, पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद इनकी प्रभावी तरीके से रोकथाम नहीं हो पा रही है। कानून एवं व्यवस्था के नाम पर सत्ता में आई जयराम सरकार के लिए भी महिलाओं के खिलाफअपराध बड़ी चुनौती बन गया है। हालांकि भाजपा के विजन दस्तावेज में गुडिय़ा हेल्पलाइन स्थापित करने का वादा सरकार ने पूरा कर दिया है, लेकिन पांच साल के आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं में कोई कमी नहीं आई है।
कांगड़ा के कोटला के जंगल में गत दिवस हुई एक युवती की हत्या मामले ने महिलाओं को और चिंतित कर दिया है। पुलिस की शुरूआती जांच के मुताबिक यह हत्या प्रेम प्रसंग के कारण हुई है। प्रदेश में पांच वर्ष में 178 से अधिक महिलाओं की हत्या हुई है।
एक वर्ष में 236 महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ। दुष्कर्म के सर्वाधिक मामले वर्ष 2014 में 284 आए। छेड़छाड़ के सबसे ज्यादा मामलों का रिकॉर्ड भी इसी वर्ष हुआ है। 2014 में 519 महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की गई। हां फब्तियां 2013 में ज्यादा कसी गई। अपहरण के सबसे ज्यादा मामले 2013 में सामने आए हैं। उस वर्ष 266 महिलाओं का अपहरण किया गया।
2014 में दुष्कर्म के सामने आए थे सबसे अधिक284 मामले, सरकार के लिए चुनौती बना महिलाओं के खिलाफ अपराध कितनी शिकायतें आईं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पिछले महीने गणतंत्र दिवस के मौके पर गुडिय़ा हेल्पलाइन और शक्ति ऐप बटन लांच किया था। आठ फरवरी तक गुडिय़ा हेल्पलाइन में कुल 43 शिकायतें आई थी। इनमें से पुलिस ने 23 का निपटारा कर दिया। जबकि 20 शिकायतों पर कार्रवाई की जा रही है।
सीएम ऑफिस कर रहा मॉनीटरिंग
डॉ. खुशहाल पुलिस विभाग के प्रवक्ता एवं राज्य पुलिस मुख्यालय में एसपी लॉ एंड ऑर्डर डॉ. खुशहाल सिंह के अनुसार महिला अपराध से जुड़ी शिकायतों की मॉनीर्टंरग सीएम ऑफिस कर रहा है। राज्य पुलिस 48 घंटों में की गई एक्शन टेकन रिपोर्ट सरकार को भेजती है। उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस महिला अपराधों की रोकथाम केलिए कई कदम उठा रही है। अपराध घटित होने पर तत्काल कार्रवाई की जाती है।
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