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    अमित कश्यप हिमाचल प्रदेश GST अपीलीय न्यायाधिकरण सदस्य नियुक्त, करदाताओं को मिलेगी राहत

    Updated: Sat, 27 Dec 2025 01:13 PM (IST)

    भारत सरकार ने अमित कश्यप को हिमाचल प्रदेश GST अपीलीय न्यायाधिकरण का सदस्य नियुक्त किया है। यह नियुक्ति चार वर्षों के लिए है, जिसे कैबिनेट की नियुक्ति ...और पढ़ें

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    अमित कश्यप HP GST अपीलीय न्यायाधिकरण के सदस्य नियुक्त

    जागरण संवाददाता, शिमला। भारत सरकार ने अमित कश्यप को हिमाचल प्रदेश राज्य पीठ, शिमला स्थित वस्तु एवं सेवा कर (GST) अपीलीय न्यायाधिकरण का सदस्य नियुक्त किया है। यह नियुक्ति चार वर्षों की अवधि के लिए की गई है। नियुक्ति आदेश भारत सरकार द्वारा कैबिनेट की नियुक्ति समिति की स्वीकृति के बाद जारी किए गए। 

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    इससे पहले चयन समिति द्वारा साक्षात्कार लिया गया, जिसकी अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश ने की।

    करदाताओं को राहत की उम्मीद 

    GST अधिनियम के तहत देशभर में राष्ट्रीय स्तर पर नई दिल्ली में राष्ट्रीय GST अपीलीय न्यायाधिकरण और सभी राज्यों में इसकी राज्य पीठों का गठन किया गया है। इन न्यायाधिकरणों का उद्देश्य कर विवादों का त्वरित निपटारा सुनिश्चित करना और कर प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ाना है। शिमला में राज्य पीठ के गठन से हिमाचल प्रदेश के करदाताओं को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

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    अमित कश्यप HPGST अपीलीय न्यायाधिकरण के सदस्य नियुक्त

    अमित कश्यप का प्रशासनिक अनुभव?

    अमित कश्यप एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी रहे हैं, जिन्होंने दिसंबर 2023 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से सेवानिवृत्ति ली। अपने लंबे प्रशासनिक करियर में उन्होंने राज्य में कई महत्वपूर्ण दायित्व निभाए। 

    वे उपायुक्त शिमला, निदेशक उद्योग, निदेशक पर्यटन, प्रबंध निदेशक हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC), श्रम आयुक्त, प्रबंध निदेशक हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPPCL) और राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक जैसे अहम पदों पर कार्य कर चुके हैं।

    सेना में भी रह चुके हैं अमित कश्यप

    भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में आने से पहले वे भारतीय सेना में कमीशंड अधिकारी के रूप में भी देश की सेवा कर चुके हैं। उन्हें हमेशा उनकी मेहनत, कार्यकुशलता, ईमानदारी और गरीब व जरूरतमंद वर्ग के उत्थान के प्रति प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है। विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान उपायुक्त शिमला के रूप में उनके नेतृत्व और प्रभावी प्रशासनिक कार्यों की सर्वत्र सराहना हुई थी।

    उनकी यह नई जिम्मेदारी राज्य में न्यायसंगत और पारदर्शी कर व्यवस्था को और मजबूत करने में सहायक सिद्ध होगी।