हिमाचल में नशे के खिलाफ निर्णायक प्रहार, अब बनेगी यूनिफाइड स्पेशल टास्क फोर्स
हिमाचल सरकार ने नशा तस्करों पर निर्णायक प्रहार के लिए बड़ा कदम उठाया है। मौजूदा एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स और स्पेशल टास्क फोर्स को मिलाकर एक ताकतवर ...और पढ़ें
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हिमाचल में नशे के खिलाफ निर्णायक प्रहार, यूनिफाइड स्पेशल टास्क फोर्स का गठन।
जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल सरकार ने नशा तस्करों पर निर्णायक प्रहार करने के लिए बड़ा निर्णय लिया है। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल के आदेश पर राज्य कर एवं आबकारी विभाग के तहत 2022 में बनाए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स और स्पेशल टास्क फोर्स को समाप्त कर एक ताकतवर इकाई में विलय कर दिया है।
अब नशे के विरुद्ध यूनिफाइड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) जंग लड़ेगी। यह नया ढांचा गृह विभाग के नियंत्रण में रहेगा। इससे साफ संकेत है कि अब नशे के मामलों में किसी भी स्तर पर ढील नहीं दी जाएगी। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि नशा तस्करी को जड़ से उखाड़ने के लिए आधे-अधूरे कदम नहीं, बल्कि पूरी ताकत से वार होगा।
यूनिफाइड एसटीएफ को हिमाचल पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआइडी) की सीधी निगरानी में रखा गया है। यह फोर्स अब स्टेट नार्को कोआर्डिनेशन सेंटर के सचिवालय के रूप में भी काम करेगी। खुफिया जानकारी, छापामारी, कार्रवाई और समन्वय सब कुछ अब एक ही कमान में होगा।
सरकार ने डीआइजी (नारकोटिक्स) के पद को खत्म कर उसे डीआइजी (एसटीएफ) में बदल दिया है। यह सिर्फ नाम बदलने की कवायद नहीं, बल्कि यह संकेत है कि अब नशे से जुड़े हर नेटवर्क पर एसटीएफ की सीधी और निर्णायक नजर रहेगी।
शिमला, मंडी व धर्मशाला से चलेगा ऑपरेशन
राज्य में पहले से मौजूद यूनिट नार्थ रेंज शिमला, सेंट्रल रेंज मंडी और साउथ रेंज कांगड़ा (धर्मशाला) में रेंज लेवल एसटीएफ पुलिस स्टेशन के रूप में काम करेंगी। इन थानों की सीमा पूरी पुलिस रेंज तक होगी, यानी अब तस्करों के लिए जिला की दीवारें भी सुरक्षा नहीं बनेंगी।
13 नए एसटीएफ थाने होंगे
राज्य सरकार पहले ही 25 अप्रैल 2025 को 13 नए एसटीएफ पुलिस थानों की अधिसूचना जारी कर चुकी है। जब तक ये पूरी तरह आपरेशनल नहीं होते, तब तक रेंज-लेवल एसटीएफ थाने मोर्चा संभालेंगे।

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