हिमाचल में प्रदूषण से मुक्ति के लिए बड़ा कदम, हजार टैक्सियों को ई-टैक्सी में बदलने पर 40% सब्सिडी की घोषणा
हिमाचल प्रदेश सरकार ने पर्यावरण अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब 1000 डीजल और पेट्रोल टैक्सियों को ई-टैक्सी में बदलन ...और पढ़ें

हिमाचल प्रदेश सरकार ने पर्यावरण अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, शिमला। प्रदेश में पर्यावरण अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देने और स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए डीजल व पेट्रोल से चलने वाली 1000 टैक्सियों को ई-टैक्सी में परिवर्तित करने पर प्रदेश सरकार 40 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करेगी।
इस संबंध में प्रदेश श्रम, रोजगार एवं ओवरसीज प्लेसमेंट विभाग ने सोमवार को राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित की है। अधिसूचना के अनुसार डीजल और पेट्रोल से चलने वाली 1000 टैक्सियों को ई-टैक्सी में परिवर्तित करने पर 40 प्रतिशत सब्सिडी राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना (आरजीएसएसवाई)-2023 के तहत दी जाएगी।
अधिसूचना के अनुसार यह योजना पहली जनवरी2024 को अधिसूचित आरजीएसएसवाई-2023 के प्रावधानों के अनुरूप लागू की जा रही है।सरकार प्रति ई-टैक्सी 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी उपलब्ध करवाई जाएगी, जिससे टैक्सी संचालकों को इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर स्थानांतरित होने में आर्थिक सहायता मिलेगी।
इस योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी परिवहन विभाग को सौंपी है। परिवहन विभाग प्रदेश में क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) की भूमिकाऔर जिम्मेदारी तय करेगा। साथ ही डीजल व पेट्रोल टैक्सियों को ई-टैक्सी में बदलने की शर्त, सब्सिडी के लिए पात्रता मापदंड और आवेदन प्रक्रिया अधिसूचित की जाएगी।
पात्र आवेदनों की जांच और अनुशंसा परिवहन विभाग करेगा। इसके बाद इन्हें श्रम, रोजगार एवं ओवरसीज प्लेसमेंट विभाग को भेजा जाएगा। स्वीकृत लाभार्थियों की सूची प्राप्त होने के बाद श्रम, रोजगार एवं ओवरसीज प्लेसमेंट विभाग नोडल बैंक के माध्यम से संबंधित वित्तीय बैंक को सब्सिडी जारी करेगा। सरकार के इस फैसले से न केवल प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि टैक्सी ऑपरेटरों को नई तकनीक अपनाने और स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

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