हिमाचल की बेटियों को CM सुक्खू का तोहफा, 1500 रुपये देने की योजना को दी मंजूरी
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत 21 वर्ष की बेटियों को 1500 रुपये मासिक देने की मंजूरी दी है। यह बजट घोषणा 1 जनवरी 2025 से 31 मार्च 2026 के बीच आयु पूरी करने वाली बेटियों के लिए है। पंचायतों से मंजूर आवेदनों की जांच के बाद राशि मिलेगी।

यादवेन्द्र शर्मा, शिमला। हिमाचल प्रदेश में 21 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाली पात्र बेटियों को प्राथमिकता के आधार पर इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत 1500 रुपये मासिक दिए जाने को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंजूरी प्रदान की है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने इसके लिए कवायद शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री ने इस साल 17 मार्च को पेश किए गए बजट में घोषणा की थी कि एक जनवरी 2025 से 31 मार्च 2026 के बीच 21 वर्ष की आयु पूरा करने वाली हर पात्र बेटी को 1500 रुपये प्राथमिकता के आधार पर प्रतिमाह दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री की बजट घोषणा को पूरा किया जा रहा है।
किन्हें मिलते हैं 1500 रुपये?
कांग्रेस ने हिमाचल विधानसभा चुनाव से पूर्व घोषणा की थी कि 18 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को 1500 रुपये सम्मान राशि हर माह दी जाएगी। हिमाचल प्रदेश में 60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को जिन्हें पहले से बुढ़ापा पेंशन आदि मिल रही थी, उनकी पेंशन में 400 से 550 रुपये प्रति माह की वृद्धि कर उन्हें 1500 रुपये दिए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना को स्पीति से शुरू किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के अलग-अलग क्षेत्रों में दौरे के दौरान वहां की पात्र महिलाओं को तीन-तीन माह की सम्मान राशि एक साथ 4,500 रुपये उनके बैंक खाते में डाली गई। अभी तक 18 से 59 वर्ष की आयु की 42,000 से अधिक महिलाओं को 1500 रुपये सम्मान राशि दी जा रही है।
पंचायतों से मंजूर करवाने होंगे नए आवेदन
इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के लिए एक जनवरी 2025 से 31 मार्च 2026 तक 21 वर्ष की आयु पूरा करने वाली पात्र बेटियों जिनके आवेदनों को पंचायतों ने मंजूरी प्रदान कर दी है, उन्हें जांचने के बाद राशि मिलेगी। नए आवेदन पंचायतों से मंजूर करवाने होंगे।
योजना के तहत पात्रता के लिए परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी या अर्धसरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए। किसी भी तरह की पेंशन लेने वाला परिवार में नहीं होना चाहिए। परिवार की वार्षिक आय 2.50 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
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