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    Vikramaditya Singh: मंडी सीट पर मोदी बनाम विक्रमादित्य क्यों नहीं चाहते पूर्व सीएम के बेटे, जानिए अंदर की ये बात

    Updated: Sun, 21 Apr 2024 03:40 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश (Himachal Politics Hindi News) की चार सीटों में सबसे हॉट सीट मंडी लोकसभा सीट बन गई है। यहां पर कांग्रेस से पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह चुनावी मैदान में हैं। जबकि भाजपा ने बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत को मैदान में उतारा है। कंगना की सफाई के बाद भी बार-बार गोमांस पर उनकी पोस्ट पर कांग्रेस प्रत्याशी उन्हें घेर रहे हैं

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    Himachal News: मंडी सीट पर मोदी बनाम विक्रमादित्य क्यों नहीं चाहते पूर्व सीएम के बेटे। फाइल फोटो

    हंसराज सैनी, मंडी। प्रतिद्वंद्वी जिस शक्ति के सहारे खेल रहा हो, उसी के साथ स्वयं को जोड़ कर आगे बढ़ने की राह भी राजनीति में खोजी जाती है। यह सब आजकल कर रहे हैं हॉट सीट बन चुकी मंडी में कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह। सामने भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी कंगना रनौत हैं। विक्रमादित्य इन दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद का आह्वान कर रहे हैं कि वह मंडी में सनातन धर्म पर छाए खतरे से निपटें।

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    कभी कहते हैं कि कोई क्या खाए, क्या पीए, उससे अंतर नहीं पड़ता किंतु फिर खुद ही गोमांस पर कंगना की पुरानी एक्स पोस्ट को चर्चा में ला रहे हैं। उन्हें यह भी आपत्ति है कि कंगना रनौत नए-नए परिधान क्यों पहन रही हैं। क्योंकि श्रीराम मंदिर एक बड़ा विषय है। इसलिए वह अपने स्वर्गीय पिता वीरभद्र सिंह के मुख्यमंत्री रहते बने मतांतरण विरोधी कानून का जिक्र भी करते हैं और स्वयं को 22 जनवरी के लिए अयोध्याजी के न्योते का भी गर्व के साथ वर्णन करते हैं।

    वह यह सब इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वे जानते हैं कि हिमाचल में यह विषय है। हालांकि कंगना रनौत बार-बार गोमांस वाली एक्स पोस्ट पर सफाई दे चुकी हैं। फिर भी विक्रमादित्य संघ परिवार और विश्व हिंदू परिषद का नाम लेकर यह बता रहे हैं कि उनके पिता के समय से परिवार का अच्छा संबंध रहा है। पूर्व में सनातन, राष्ट्रवाद और राम मंदिर जब जब चर्चा का विषय बना, विक्रमादित्य सिंह पार्टी लाइन से हटकर हिंदू संगठनों या फिर मोदी सरकार के साथ खड़े दिखे थे।

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    जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त करने के निर्णय का उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट शेयर कर मोदी सरकार का समर्थन किया था। कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का न्योता ठुकरा दिया था, विक्रमादित्य वहां गए थे। हालांकि यह तय नहीं था कि वह मंडी से चुनाव लड़ेंगे किंतु यह तो सब जानते थे कि लोकसभा चुनाव में राम मंदिर भी एक बड़ा मुद्दा होगा। मंडी का चुनाव फिलहाल कंगना बनाम विक्रमादित्य बना हुआ है।

    उन्हें इस बात का भी आभास है कि कहीं यह चुनाव मोदी बनाम विक्रमादित्य बन गया तो फिर चुनावी जंग इतनी आसान नहीं होगी। इसी बात को ध्यान में रख वह अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए हिंदुत्व का सहारा ले रहे हैं। संघ से जुड़े एक शीर्ष पदाधिकारी कहते हैं कि यदि विक्रमादित्य सिंह को गोमांस के किसी पुराने ट्वीट से इतनी समस्या है तो केरल में सार्वजनिक रूप से गोमांस खाने वालों का समर्थन कांग्रेस क्यों कर रही है।

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