Mandi News: व्योम नेत्र रखेगा मंडी के चप्पे-चप्पे पर नजर, सीएम सुक्खू ने किया आइटीएमएस प्रणाली का शुभारंभ
हिमाचल प्रदेश के मंडी में व्योम नेत्र चप्पे-चप्पे पर नजर रखेगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आइटीएमएस प्रणाली का शुभारंभ किया है। चामुंडा कोरपोरेशन ने इस प्रोजेक्ट को पूरा किया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मंडी पुलिस ने हाइटेक सेंटर बनाया है।
जागरण संवाददाता, मंडी : अब मंडी शहर, सुंदरनगर व्योम नेत्र सुरक्षा प्रणाली की निगरानी में रहेंगे। सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इंटेलीजैंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) के तहत लगे इंटीग्रेडेट सर्विलांस एंड क्राइम रिस्पोंस सेंटर का पुलिस लाइन में उद्घाटन किया। इस सिस्टम के तहत मंडी शहर, सुंदरनगर को 200 सीसीटीवी कैमरों से जोड़ा गया है। चामुंडा कोरपोरेशन ने इस प्रोजेक्ट को पूरा किया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मंडी पुलिस ने हाइटेक सेंटर बनाया गया है। इससे यातायात की समस्या को ठीक करने में मदद मिलेगी। इससे करने के साथ-साथ बिना हेलमेट, ट्रिपल राइडिंग, बिना सीट बेल्ट व गतिसीमा से अधिक चलना) पर कार्रवाई की जा सकती है। अपितु दुर्घटनाओं की रोकथाम व उससे लोगों के बहुमूल्य जीवन के नुक्सान को भी रोका जा सकेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार बिना बजट और भवन के उद्घाटन और शिलान्यास नहीं करेगी, जो शिलान्यास होगा वह पूरा होगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री आइटीएमएस प्रणाली को किस तरह से आपरेट होती है उसके बारे में भी जानकारी हासिल की। सीएम के साथ विधायक चंद्रशेखर, कांग्रेस नेता चंपा ठाकुर, डीआइजी मधुसूदन शर्मा, एसपी शालिनी अग्निहोत्री, उपायुक्त अरिंदम चौधरी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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तीन ओर शहर जुड़ेंगे, फेस डिटेक्शन भी होगी
चामुंडा कोरपोरेशन के एमडी मिलन और प्रियंक ने बताया कि 50 किलोमीटर एरिया तक फाइबर बिछाई गई है। इस तकनीक से गाड़ियों के नंबर भी मौके पर ही ट्रेउस होंगे और शहर में आने जाने वाली हर व्यक्ति की पहचान भी हो सकेगी। यह तकनीक फेस डिटेक्ट भी करती है। बड़े सर्वर होने के कारण तीन महीनों तक का डाटा स्टोर किया जा सकता। अभी व्योमनेत्र से मंडी शहर व सुंदरनगर को मिलाकर तीन जगहों में लगे कैमरों को जोड़ा गया है व आने वाले दिनों में जिला के 03 अन्य स्थानों को भी इससे जोड़ा जाएगा।
आपदा प्रबंधन से भी जुड़ा
मिलन ने बताया कि आइआइटी मंडी की ओर से बनाए गए आपदा प्रबंधन व भूस्खलन का पता लगाने वाले सिस्टम को भी जोड़ा गया है। इससे जानमाल के नुकसान व भूस्खलन के द्वारा सड़क मार्गों के अवरूद्ध होने को भी कम किया जा सकेगा। व्योम नेत्र को भविष्य में ड्रोन द्वारा निगरानी व अन्य टेक्नोलाजी के साथ भी जोड़ा जाएगा।
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