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    वाइब्रेंट विलेज योजना में समृद्ध होंगे 20 गांव, स्पीति घाटी में योजना के तहत मिलेगी विकास को रफ्तार

    Updated: Tue, 09 Jul 2024 07:47 PM (IST)

    वाइब्रेंट विलेज योजना के अंतर्गत हिमाचल के जनजातीय जिले लाहौल स्पीति के गांवों को समृद्ध करने की तैयारी की जा रही है। स्पीति घाटी एक सुंदर स्थान है जो पर्यटकों को तो आकर्षित करता ही है इसके साथ ही आध्यात्मिकता के लिए भी यह जगह खास रूप से जानी जाती है। ऐतिहासिक मठों के भ्रमण से लेकर कठोर पहाड़ियों पर चढ़ने तक स्पीति घाटी में कई आकर्षक केंद्र हैं।

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    हिमाचल: जनजातीय जिला लाहुल स्पीति की स्पीति घाटी का काजा गांव। (स्रोत : जागरण)

    जसवंत ठाकुर, काजा, लाहौल स्पीति। वाइब्रेंट विलेज योजना में शामिल हिमाचल के जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के 20 गांव समृद्ध होंगे। स्पीति घाटी के ये गांव चीन सीमा के साथ सटे हैं।

    स्पीति घाटी एक खूबसूरत स्थान है जो रोमांच, विश्राम और आध्यात्मिकता के लिए जानी जाती है। ऐतिहासिक मठों के भ्रमण से लेकर कठोर पहाड़ियों पर चढ़ने तक स्पीति घाटी में कई आकर्षक गतिविधियां चलती हैं।

    वाइब्रेंट विलेज योजना में छोछोड़ूं, धार समदो, गीपु, हिक्किम, हल, हर्लिंग, क्यूरिक, काजा खास, काजा सोमा, कीह, किब्बर खास, कोमिक, क्योमो, लालुंग, लारा खास, लीदंग, लिरिथ, रामा खास, समदो व शेगो शामिल हैं।

    यह क्षेत्र ऐतिहासिक मठ व वन्य प्राणियों के लिहाज से महत्त्वपूर्ण है। देश व दुनिया के पर्यटकों के लिए स्पीति आकर्षण का केंद्र है। सीमावर्ती क्षेत्र के इन गांव में विकास को गति मिलने जा रही है।

    सीवरेज, सिंचाई और पार्किंग जैसी सुविधा मिलेगी। सड़कों की हालत सुधर रही है और मोबाइल नेटवर्क सुदृढ़ हो रहा है। सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य का ढांचा विकसित हो रहा है। कृषि, बागवानी और पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है।

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    फसलें मंडियों तक पहुंचाना आसान होगा

    सड़कें बेहतर होने से यहां तैयार होने वाली फसलें समय पर मंडियों पर पहुंचेंगी। इससे दाम बेहतर मिलेंगे, जिससे आर्थिकी सुदृढ़ होगी। किंग आफ विटामिन सी यानी छरमा (सीबकथार्न) के उत्पाद में बढ़ोतरी होगी।

    देश में छरमा के औषधीय उत्पादों की मांग बढ़ रही है। जाइका वानिकी परियोजना से जुड़े स्वयं सहायता समूह छरमा के उत्पाद तैयार कर अपनी आर्थिकी को और मजबूत कर रहे हैं।

    मोबाइल नेटवर्क से जुड़ गए हैं गांव

    स्पीति के गांव मोबाइल नेटवर्क से जुड़ गए हैं। 19 अप्रैल, 2024 को लगभग दस हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित गांव ग्यू में पहला फोन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। मोदी ने इस दौरान वहां मौजूद ग्रामीणों से बात की थी।

    ग्रामीण दोरजे, तेंजिन, छेरिंग व पलजोर ने बताया कि इन क्षेत्रों में नेटवर्क आने से पर्यटन बढा है। पहले पर्यटक इसलिए नहीं ठहरते थे, क्योंकि वे अपनों के संपर्क में नहीं रहते थे। उन्होंने बताया कि अब पर्यटक रात को गांव के होम स्टे में भी रुकने लगे हैं।

    वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत इन गांवों को सीवरेज से जोड़ा जाएगा। सड़कों को चौड़ा किया जाएगा। हर गांवों में पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी तथा सामुदायिक भवन बनाए जाएंगे।

    पेयजल सहित सिंचाई योजना पर काम किया जाएगा। इस योजना के तहत गांव के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए कार्य शुरू कर दिया है।

    -राहुल जैन, एडीसी काजा

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