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    Mandi News: फर्जी पत्र और ई मेल मामले में पद्धर पुलिस की IIT मंडी में दबिश, आरोपित पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

    हिमाचल प्रदेश के मंडी में फर्जी पत्र और ई मेल मामले में पद्धर पुलिस ने आइआइटी मंडी (IIT Mandi) में दबिश दी है। पुलिस ने आरोपित सहायक प्रोफेसर का मोबाइल फोन व लैपटाप सहित अन्य रिकार्ड अपने कब्जे में लिया है। आरोपित पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। आइआइटी प्रबंधन ने इस मामले की करीब दो माह पहले आनलाइन शिकायत पुलिस अधीक्षक मंडी से की थी।

    By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sun, 05 Nov 2023 08:05 AM (IST)
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    फर्जी पत्र और ई मेल मामले में पद्धर पुलिस की IIT मंडी में दबिश

    जागरण संवाददाता, मंडी। फर्जी पत्र व ई मेल मामले में पद्धर पुलिस ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी में दबिश दी है। पुलिस ने आरोपित सहायक प्रोफेसर का मोबाइल फोन व लैपटाप सहित अन्य रिकॉर्ड अपने कब्जे में लिया है। आरोपित पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। आइआइटी प्रबंधन ने इस मामले की करीब दो माह पहले ऑनलाइन शिकायत पुलिस अधीक्षक मंडी से की थी।

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    पद्धर थाना को सौंपा गया था जांच का जिम्‍मा

    जांच का जिम्मा पद्धर थाना को सौंपा गया था। दैनिक जागरण ने मामले को प्रमुखता से उठाया था। आइआइटी प्रबंधन ने अक्टूबर 2022 में डा. रोबिन खोसला को सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति दी थी। वह एनआइटी सिल्चर में चार जून 2018 से सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थे। आइआइटी मंडी में चयनित होने के बाद डा. रोबिन खोसला ने एनआइटी सिल्चर में अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। इससे संबंधित सभी औपचारिकताएं पूरी की थी।

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    दोनों संस्थानों को पत्र व ई मेल आना शुरू हो गए

    आइआइटी मंडी में उनकी नियुक्ति होने के बाद राहुल गुप्ता के नाम से दोनों संस्थानों को पत्र व ई मेल आना शुरू हो गए। इसमें डा. रोबिन खोसला की नियुक्ति पर कई प्रश्न चिन्ह लगाए गए थे। शिकायतकर्ता का आरोप था कि नियुक्ति नियमों को ताक पर रखकर दी गई है। दूसरा डा. रोबिन खोसला ने एनआइटी सिल्चर से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया है। वहां मात्र नौकरी से त्यागपत्र दिया है।

    नियुक्ति पर बीओजी ने लगाई थी अपनी मुहर

    शिकायतकर्ता ने दोनों संस्थानों के निदेशकों के नाम से फर्जी पत्र व ईमेल भेजना शुरू कर दिए। डा.रोबिन खोसला की नियुक्ति पर बीओजी ने अपनी मुहर लगाई थी। नियमों के तहत साक्षात्कार व चयन हुआ था। पत्राचार व ईमेल से दुखी दोनों संस्थानों के प्रबंधन ने अपने स्तर पर मामले की जांच की थी।

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    उसमें यह बात सामने आई थी कि मंडी से कोई व्यक्ति फर्जी पत्र व ईमेल लिख रहा था। मुख्य डाकघर मंडी की सीसीटीवी फुटेज व मोबाइल लोकेशन खंगालने पर आइआइटी के एक संकाय सदस्य की हल्की पहचान हुई थी। आरोपित आउटलुक से ई मेल कर दोनों संस्थानों को बदनाम कर रहा था। पद्धर पुलिस ने आरोपित के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था।

    फर्जी पत्र व ई मेल मामले में आइआइटी मंडी में दबिश दी गई है। एक सहायक प्रोफेसर का लैपटाप,मोबाइल फोन अन्य रिकार्ड कब्जे में लिया गया है। पूछताछ जारी है। -संजीव सूद,एसडीपीओ पद्धर