Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Mandi News: उद्योगपति और उसके भाई ने बैंक ऑफ इंडिया को लगाया करोड़ों का चूना, अब दोनों पर CBI ने कसा शिकंजा

    By Jagran NewsEdited By: Himani Sharma
    Updated: Sun, 05 Nov 2023 07:49 AM (IST)

    Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश के मंडी में उद्योगपति और उसके भाई ने बैंक ऑफ इंडिया को करोड़ों का चूना लगा दिया। बैंक प्रबंधन की शिकायत पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने उद्योगपति व उसके भाई के विरुद्ध धोखाधड़ी तथा साजिश रचने का मामला दर्ज किया है। आरोपितों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।

    Hero Image
    उद्योगपति और उसके भाई ने बैंक ऑफ इंडिया को लगाया करोड़ों का चूना (सांकेतिक फोटो)

    जागरण संवाददाता, मंडी। मंडी जिले के गुटकर के एक उद्योगपति व उसके भाई ने ऋण वापस लौटा नहीं, बंधक रखी जमीन भी दूसरे के नाम कर बैंक ऑफ इंडिया को 4.72 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। बैंक प्रबंधन की शिकायत पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने उद्योगपति व उसके भाई के विरुद्ध धोखाधड़ी तथा साजिश रचने का मामला दर्ज किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भाई के खिलाफ दर्ज करवाई थी शिकायत

    बैंक ऑफ इंडिया के जोनल उपप्रबंधक रिकवरी चंडीगढ़ ने गत वर्ष 16 नवंबर को सीबीआइ के पास उद्योगपति व उसके भाई के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाई थी। गुटकर के रहने वाले उद्योगपति सुनील गुप्ता ने वर्ष 2007 में स्टील ट्यूबलर पोल व टावर लाइन का सामान बनाने तथा उसकी सप्लाई करने के लिए बैंक आफ इंडिया की मंडी शाखा से 5.87 करोड़ रुपये का ऋण लिया था। इसमें होम लोन भी शामिल था।

    यह भी पढ़ें: Mandi: महिला मोर्चा कार्यक्रम में जयराम ठाकुर ने कांग्रेस पर साधा निशाना, बोले- 'महिलाओं से झूठ बोल हथियाई सत्ता'

    5-4-14 बीघा जमीन बैंक के नाम बंधक रखी

    ऋण लेने की एवज में सुनील गुप्ता व उसके भाई दलीप कुमार गुप्ता ने गुटकर स्थित 5-4-14 बीघा जमीन बैंक के नाम बंधक रखी थी। दलीप कुमार गुप्ता ने अपने भाई की गारंटी दी थी। वह भी उक्त जमीन का हिस्सेदार था। 28 जुलाई 2005 को दलीप कुमार ने बंधक रखी जमीन से 0-10-0 बीघा जमीन कुसुम के नाम हस्तांतरित कर दी थी। इसके बाद दोनों भाइयों ने बाकी बंधक जमीन पत्नी और बच्चों के नाम कर दी थी।

    बैंक के अधिकारियों की भूमिका की जांच जारी

    ऋण का भुगतान न होने पर बैंक प्रबंधन ने सुनील गुप्ता की मैसर्ज सन स्टील फैब्रिकेटर कंपनी के खाते को 31 मार्च 2010 को एनपीए घोषित कर दिया था। बंधक जमीन कैसे दूसरों के नाम हस्तांतरित हो गई। सीबीआइ इसमें राजस्व विभाग व बैंक के अधिकारियों की भूमिका की जांच रही है।

    यह भी पढ़ें: Mandi News: कीरतपुर मनाली फोरलेन पर नहीं बढ़ेगी वाहनों की रफ्तार, 60 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी गति सीमा

    हस्तांतरित की गई बंधक जमीन का इंतकाल भी आरोपितों के स्वजनों व अन्य लोगों के नाम पर हो चुका है। सीबीआइ ने अब बैंक व राजस्व विभाग से पूरे मामले का रिकार्ड तलब किया है। आरोपितों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।