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    मंडी में चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं, नेरचौक में 10 दिन से नहीं हो रहा मरीजों का अल्ट्रासाउंड, दो रेडियोलॉजिस्ट थे तैनात

    By Pushap Raj Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Mon, 27 Oct 2025 02:35 PM (IST)

    मंडी जिले के नेरचौक मेडिकल कॉलेज में पिछले 10 दिनों से अल्ट्रासाउंड सेवा ठप है। दो रेडियोलॉजिस्ट के छुट्टी पर होने से मरीजों को भारी परेशानी हो रही है। दूर-दराज से आए मरीजों को बिना इलाज के लौटना पड़ रहा है। अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है, जिससे मरीजों में आक्रोश है।

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    जिला मंडी के नेरचौक में स्थित मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल। जागरण आर्काइव

    संवाद सहयोगी, मंडी। श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कालेज एवं अस्पताल नेरचौक में स्वास्थ्य सेवाओं की बड़ी लापरवाही सामने आई है। गत 10 दिनों से अल्ट्रासाउंड जैसी मूलभूत सुविधा पूरी तरह से बंद है, जिससे मंडी, कुल्लू, किन्नौर और अन्य दूर-दराज के जिलों से इलाज के लिए आ रहे हजारों मरीज प्रभावित हो रहे हैं।

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    ये गंभीर स्थिति एक रेडियोलाजिस्ट के एसआर शिप खत्म होने और दूसरे रेडियोलाजिस्ट के स्वास्थ्य संबंधी समस्या के कारण अवकाश पर होने से पैदा हुई है।

    मरीजों की रहती है भीड़ पर नहीं अल्ट्रासाउंड सुविधा

    मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल होने के नाते ओपीडी और विभिन्न वार्डों में मरीजों की भारी भीड़ रहती है, लेकिन चिकित्सक की सलाह के बावजूद आवश्यक अल्ट्रासाउंड जांच न होने से उनका इलाज प्रभावित हो रहा है।

    निजी संस्थानों में 500 से 1500 रुपये खर्च 

    सरकारी सुविधा बंद होने से मरीजों को निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों की ओर रुख करना पड़ रहा है, जहां उन्हें 500 रुपये से 1500 रुपये तक का भारी भुगतान करना पड़ रहा है। लेदा निवासी सुमन लता और सराज क्षेत्र के गुरदेव जैसे कई तीमारदारों ने बताया कि उन्हें 1300 रुपये तक खर्च करने पड़े, जबकि अस्पताल में यह जांच निशुल्क है।

    गरीब व जरूरतमंद लोग बेहद परेशान

    सबसे ज्यादा परेशानी उन गरीब और जरूरतमंद लोगों को हो रही है, जो आयुष्मान और हिमकेयर जैसी सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं के लाभार्थी हैं। मुफ्त इलाज की सुविधा होने के बावजूद अल्ट्रासाउंड के लिए उन्हें अपनी गाढ़ी कमाई खर्च करनी पड़ रही है।

    सरकार से हस्तक्षेप की मांग

    मरीजों का कहना है कि प्रशासन की इस लापरवाही से उन्हें स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। मरीजों ने अस्पताल प्रशासन और प्रदेश सरकार से तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप कर अल्ट्रासाउंड सुविधा को तत्काल प्रभाव से बहाल करने की मांग की है, ताकि उनका इलाज बिना किसी देरी और अतिरिक्त आर्थिक बोझ के हो सके।

    अस्पताल में तैनात एक रेडियोलाजिस्ट की सीनियर रेजिडेंटशिप पूर्ण होने के चलते उन्हें रिलीव कर दिया गया है। दूसरे रेडियोलाजिस्ट स्वास्थ्य संबंधी समस्या के चलते अवकाश पर है। स्टाफ की कमी के बारे में सरकार को अवगत करवा दिया गया है। जैसे ही सरकार की ओर से स्टाफ तैनात किया जाएगा लोगों के लिए सुविधा बहाल कर दी जाएगी।
    -डा. डीके वर्मा, प्राचार्य, श्री लाल बहादुर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल नेरचौक।

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