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    क्विक रिएक्शन फोर्स पर तैनात होने वाली इकलौती महिला सैनिक बनीं मेजर राधिका, कर्तव्य पथ पर नंदी घोष से दी सलामी

    Updated: Tue, 28 Jan 2025 11:11 AM (IST)

    हिमाचल की मेजर राधिका घोष ने रिपब्लिक डे परेड में नंदी घोष से सावर होकर सलामी दी। वह क्विक रिएक्शन फोर्स में हैवी व्हीकल पर तैनात होने वाली इकलौती महिला सैनिक थी। राधिका की इस उपलब्धि पर सुंदरनगर में खुशी का माहौल छाया हुआ है। राधिका को यूएन मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवॉर्ड भी मिल चुका है। उन्होंने कांगो में 30 सैनिकों की टीम को लीड किया था।

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    सलामी देते हुए हिमाचल की मेजर राधिका घोष

    कुलभूषण चब्बा, सुंदरनगर। यूएन मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवॉर्ड से सम्मानित मेजर राधिका सेन ने नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में भारतीय सेना के नंदी घोष टैंक की अगुवाई की।

    मंडी जिले के सुंदरनगर उपमंडल के तहत भड़ोह वार्ड के ओंकार सेन की बेटी मेजर राधिका सेन ने गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय सेना के क्विक रिएक्शन फोर्स व्हीकल पर तैनात होकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सलामी दी है।

    सफेद रंग के इस टैंक पर सवार मेजर राधिका सेन की इस उपलब्धि पर सुंदरनगर में खुशी का माहौल है। वह क्विक रिएक्शन फोर्स हैवी व्हीकल पर तैनात होने वाली इकलौती महिला सैनिक थीं।

    संयुक्त राष्ट्र द्वारा सम्मनित की जा चुकी हैं राधिका

    मेजर राधिका सेन को गत वर्ष संयुक्त राष्ट्र द्वारा सम्मानित किया गया था। उन्होंने कांगों में 30 सैनिकों की टीम को लीड किया था। मेजर राधिका सेन मार्च 2023 से अप्रैल 2024 तक कांगो में तैनात थीं। वह इंडियन रैपिडली डिप्लायमेंट बटालियन की टीम कमांडर थी। उनका काम लोगों से बातचीत करना, विस्थापितों की समस्याओं को सुलझाना और प्रभावित क्षेत्र में महिलाओं व बच्चों की आवाज को बुलंद करना था।

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    पारिवारिक संस्कारों से पाया मुकाम

    बहुतकनीकी संस्थान हमीरपुर से प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत हुए मेजर राधिका सेन के पिता ओंकार सेन बताते हैं कि बड़े भाइयों दलवीर सेन, केके सेन, सुरेश सेन और भाभियों अनिता सेन, सुषमा सेन और प्रमिला सेन के साथ चौहार वैली की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कथोग से प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त उनकी पत्नी निर्मल सेन ने उनकी बेटी को इस मुकाम तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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    नौ वर्ष पहले हुई है सेना में शामिल

    बायोटेक इंजीनियरिंग में स्नातक और आइआइटी बांबे से मास्टर डिग्री करने के बाद करीब नौ वर्ष पहले राधिका सेना में शामिल हुईं। 1993 में सुंदरनगर में जन्मी राधिका की दसवीं तक की शिक्षा सेंट मेरी स्कूल सुंदरनगर से करने के बाद उन्होंने जमा एक और दो की पढ़ाई माउंट कार्मल स्कूल चंडीगढ़ से पूरी की। यूआइआइटी पंजाब विश्वविद्यालय से बायोटेक में बीटेक पूरा किया और 2016 में कमीशन पास कर सेना में जाने का अपना और दादा का सपना पूरा किया।

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