छोटे घरों के लिए वरदान IIT गुवाहाटी का बहुउपयोगी फर्नीचर डिजाइन, नहीं देखें होंगे ऐसे स्टाइलिश कुर्सी, बेड और टेबल
आईआईटी गुवाहाटी के शोधार्थियों ने एक अनूठा बहुउपयोगी फर्नीचर डिजाइन विकसित किया है जो घरों में स्थान की बचत के साथ उपयोगिता को भी बढ़ाता है। इस फर्नीचर को कुर्सी स्टडी टेबल डेस्क बैंच भंडारण इकाई बेड स्टूल शेल्फ और बच्चों के खेलने के उपकरण के रूप में बदला जा सकता है। यह फर्नीचर छोटे घरों के लिए खासतौर से उपयोगी है।

हंसराज सैनी, मंडी। शहरों के विस्तार के साथ मौजूदा समय में घरों का आकार घटना जा रहा है। अपार्टमेंट और सोसाइटी कल्चर के दौर में घरों में अब जगह सीमित रह गई है। ऐसे में घरों में उपयोग होने वाले फर्नीचर का सही ढंग से इस्तेमाल करना और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
इसी को ध्यान में रखते हुए आइआइटी गुवाहाटी के शोधार्थियों ने एक अनूठा बहुउपयोगी फर्नीचर डिजाइन विकसित किया है, जो घरों में स्थान की बचत के साथ उपयोगिता को भी बढ़ाता है।
आइआइटी गुवाहाटी के डिजाइन विभाग के प्रोफेसर सुप्रदीप दास के नेतृत्व में फर्नीचर का डिजाइन विकसित किया है। यह फर्नीचर दो साइड पैनल, बेलनाकार बार और गोल सिरे वाले बोल्ट से बना है। इसे उपयोगकर्ता आसानी से समायोजित कर सकते हैं।
फर्नीचर को कुर्सी, स्टडी टेबल, डेस्क, बैंच, भंडारण इकाई, बेड, स्टूल, शेल्फ और बच्चों के खेलने के उपकरण के रूप में बदला जा सकता है। यह फर्नीचर उन लोगों के लिए खासतौर पर उपयोगी है, जो छोटे घरों में रहते हैं,और सीमित स्थान का प्रभावी उपयोग करना चाहते हैं।
कैसे हुई डिजाइनिंग
प्रोफेसर सुप्रदीप दास और उनके पूर्व छात्र रिजास एमपी ने प्रोटोटाइप ड्रिवेन इनोवेशन दृष्टिकोण का उपयोग करके इस बहुउद्देशीय फर्नीचर का डिजाइन तैयार किया है।
फोटो कैप्शन: बच्चों के लिए बनाई गई कुर्सी- स्वयं
इसे आठ अलग-अलग रूपों में बदल कर विभिन्न आवश्यकताओं के अनुसार प्रयोग किया जा सकता है। टीम ने कई प्रोटोटाइप बनाए और उनका परीक्षण किया। अंततः उन्होंने उस डिजाइन को चुना जो अधिक स्थान बचाने में सक्षम, उपयोग में आसान और किफायती था।
छोटे घरों के लिए एक वरदान
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन के अनुसार शहरी क्षेत्रों में 32 प्रतिशत घर 258 और ग्रामीण क्षेत्रों में 39 प्रतिशत घर 312 वर्ग फीट से छोटे होते हैं। ऐसे में छोटे घरों में रहने वाले लोगों को अक्सर स्थान की कमी का सामना करना पड़ता है।
फोटो कैप्शन: बैक सपोर्ट वाली बेंच-स्वयं
ऐसे में यह फर्नीचर डिजाइन न केवल बहुउद्देश्यीय है, बल्कि इसे फ्लैट पैक किया गया है ताकि उपयोगकर्ता इसे आसानी से असेंबल कर सकें। शोधार्थियों के मुताबिक यह डिजाइन सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए अनुकूल है। बच्चों के लिए भी इसका एक छोटा संस्करण उपलब्ध है, जो इसे परिवार के हर सदस्य के लिए उपयोगी बनाता है।
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आइआइटी में इसे बनाने वाली टीम को इस शोध का पेटेंट भी मिल गया है। फर्नीचर की मजबूती और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए इसे भारतीय मानक ब्यूरो आइएआइ से प्रमाणित करवाने की प्रक्रिया चल रही है। इसे मार्केट में व्यावसायिक तौर पर उतारने के लिए देश के तीन से चार बड़े उद्योगों के प्रबंधन से बातचीत भी अंतिम दौर में है।
किफायती और टिकाऊ विकल्प
प्रयोगशाला स्तर पर इस फर्नीचर का प्रोटोटाइप लगभग 35,000 रुपये में तैयार किया गया है, लेकिन बड़े पैमाने पर उत्पादन होने पर इसकी लागत और कम हो जाएगी। इस फर्नीचर को तैयार करने में किफायती पार्टिकल बोर्ड या उच्च गुणवत्ता वाले ऐक्रेलिक और टफन्ड ग्लास का प्रयोग किया गया है।
फोटो: किड्स प्ले हाउस-स्वयं
शोधार्थियों का मुख्य उद्देश्य ऐसा फर्नीचर डिजाइन करना था जो सीमित जगह के उपयोग को अनुकूलित करे। उपयोगकर्ता इसे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार समायोजित कर सकें। छोटे होते घरों और अपार्टमेंटों के साथ लोगों को ऐसा फर्नीचर चाहिए जो कई कार्य कर सके और कम जगह ले। इसी बात को ध्यान में रखकर अत्यधिक अनुकूलनीय फर्नीचर विकसित किया है।
-प्रोफेसर सुप्रदीप दास,डिजाइन विभाग आइआइटी गुवाहाटी
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