हिमाचल को बड़ा झटका, पर्यटन विकास के लिए केंद्र से नहीं मिली विशेष सहायता; सुक्खू सरकार की यह थी योजना
हिमाचल प्रदेश को पर्यटन विकास के लिए केंद्र सरकार से विशेष सहायता नहीं मिलने से राज्य को बड़ा झटका लगा है। हाल ही में 23 राज्यों को पर्यटन परियोजनाओं के लिए बजट जारी किया गया लेकिन हिमाचल को कुछ नहीं मिला। बिलासपुर के औहर और कांगड़ा के देहरा में नए पर्यटन स्थल विकसित करने की योजना थी लेकिन केंद्र ने परियोजनाओं को अस्वीकार कर दिया।

अनिल ठाकुर, शिमला। पर्यटन विकास के लिए हिमाचल को विशेष सहायता न मिलना पहाड़ी प्रदेश के लिए बड़ा झटका है। केंद्र सरकार ने हाल ही में 23 राज्यों को पर्यटन परियोजनाओं के लिए 3295.76 करोड़ रुपये बजट जारी किया। पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता यानी स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेटस फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट स्कीम के तहत बजट दिया गया, लेकिन हिमाचल खाली हाथ रहा।
हिमाचल सरकार की बिलासपुर जिले के औहर व कांगड़ा के देहरा में नए पर्यटन स्थल विकसित करने की योजना थी। अधिकारियों के अनुसार तीन पर्यटन परियोजनाओं को सितंबर में भेजा गया था, जिन पर पहले आपत्तियां लगीं। उन्हें दूर किया गया तो केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने परियोजनाओं को ही रिजेक्ट कर दिया।
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने 27 अगस्त को सभी राज्यों के पर्यटन सचिवों को पत्र लिखकर परियोजनाएं मांगी थी। इन्हें 18 अक्टूबर तक भेजा जाना था। इसमें शर्त थी कि वही योजनाएं भेजी जाएं, जहां भूमि के लिए वन स्वीकृति की आपत्तियां न हों, लोगों को विस्थापन न झेलना पड़े और किसी तरह का विवाद न हो।
दो परियोजनाएं थीं
हिमाचल में तीन परियोजनाएं भेजी थी। सितंबर के अंतिम सप्ताह में ही ये परियोजनाएं ऑनलाइन भारत सरकार के पोर्टल पर अपलोड कर दी थी। दो परियोजनाएं बिलासपुर जिले के औहर की थी। इसमें एक परियोजना का मुख्यमंत्री शिलान्यास भी कर चुके हैं।
हिमाचल ने इसी परियोजना को केंद्र को भेजकर फंड की मांग की थी। तीसरी परियोजना कांगड़ा जिले के देहरा विधानसभा क्षेत्र की थी। ये परियोजनाएं क्यों स्वीकृत नहीं हुई इस पर पर्यटन विभाग के अधिकारी कुछ नहीं बता पाए।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से की थी मुलाकात
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 25 अक्टूबर को इस संबंध में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से भी मिले थे। उन्होंने प्रदेश में नए और एकीकृत पर्यटन स्थल विकसित करने के लिए केंद्र सरकार से सहयोग का आग्रह किया था। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए प्रदेश को सहयोग देने को कहा और इन परियोजनाओं का विशेष रूप से जिक्र मुख्यमंत्री ने किया था।
क्या प्रस्तावित था परियोजनाओं में
औहर
फोरलेन बन जाने के बाद देश विदेश से हिमाचल घूमने आने वाले पर्यटकों को सड़क के किनारे सरकार हर तरह की सुविधाएं मुहैया करवाना चाहती है। इसके लिए बिलासपुर के औहर में नए पर्यटन परिसर बनाने की योजना है।
इस परिसर में होटल ब्लाक, फूड कोर्ट और मनोरंजन क्षेत्र सहित आधुनिक सुविधाएं होंगी। नए पर्यटन परिसर को गोबिंद सागर झील में जलक्रीड़ा गतिविधियों के साथ जोड़ने की योजना थी इसलिए कांप्लेक्स का दूसरा चरण सड़क की विपरीत दिशा में बनाया जाना प्रस्तावित था।
देहरा
कांगड़ा जिले के देहरा में आरोग्य केंद्र और हेल्थ रिजार्ट बनाने का प्रस्ताव सरकार ने तैयार किया था। विभाग के मुताबिक कांगड़ा में सालभर धार्मिक पर्यटक आते हैं इसलिए यहां नया पर्यटनस्थल विकसित करने की परियोजना बनाई गई थी।
एजेंसियों के फंड पर भी लगाई है कैपिंग
कोरोना के समय हिमाचल में पूरे देश के साथ ही पर्यटकों की संख्या में तेजी से कमी आई थी, लेकिन उसके अगले दो साल में हिमाचल ने पर्यटकों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि की है। हिमाचल को पर्यटन क्षेत्र में एशियन डेवेलपमेंट बैंक जैसी अन्य एजेंसियों के माध्यम से भी परियोजनाएं मिलती हैं, लेकिन अब इस फंड पर भी भारत सरकार ने कैपिंग लगाई है।
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