Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मंडी में गर्भवती महिलाओं के लिए संकटमोचक बने SDRF जवान, पालकी में बिठाकर पहुंचाया पीएसची सेंटर

    Updated: Wed, 02 Jul 2025 01:57 PM (IST)

    मंडी जिले के सराज हलके में प्राकृतिक आपदा के कारण तीन गर्भवती महिलाएं फंसी हुई थीं। सड़कें ध्वस्त थीं और गांव भूस्खलन से घिरा था। ऐसे में एसडीआरएफ के जवान देवदूत बनकर आए। उन्होंने जोखिम उठाकर पैदल चलकर महिलाओं तक पहुंचे और उन्हें पालकी से अस्पताल पहुंचाया। जवानों के साहस और समर्पण ने इंसानियत की मिसाल पेश की।

    Hero Image
    SDRF जवानों ने केलोधर क्षेत्र से तीन गर्भवती को पालकी में पीएचसी परवाड़ा पहुंचाया।

    जागरण संवाददाता, मंडी। प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे मंडी जिले के सराज हलके में हर ओर से रास्ते बंद हो गए, संचार कट गया और उम्मीदें डगमगाने लगीं। संकट की इस घड़ी में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के जवान किसी देवदूत की तरह सामने आए हैं। बुधवार को गोहर उपमंडल के केलोधर क्षेत्र में तीन गर्भवती महिलाएं बुरी तरह फंसी थीं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सड़क मार्ग पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका था। गांव चारों ओर से भूस्खलन और मलबे से घिरा था। गर्भवती महिलाओं की तबीयत बिगड़ रही थी और स्थिति हर पल गंभीर हो रही थी। ऐसे में एसडीआरएफ की टीम ने बिना समय गंवाए जोखिम उठाते हुए इन महिलाओं को सुरक्षित निकालने का बीड़ा उठाया। न कोई वाहन पहुंच सकता था, न कोई मशीनरी। भारी वर्षा के बीच जवानों ने कीचड़, मलबे और फिसलन भरे खतरनाक रास्तों को पार करते हुए पैदल गांव तक पहुंचने का निर्णय लिया।

    कंधों पर राहत किट, पीठ पर उपकरण और दिल में बस एक ही जज्बा, किसी भी कीमत पर इन मासूम जिंदगियों को बचाना है। घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद टीम महिलाओं तक पहुंची। उन्हें पालकी की सहायता से निकाल कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परवाड़ा पहुंचाया गया, जहां अब उन्हें चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है। स्वजन की आंखों में आंसू थे डर के, राहत के और कृतज्ञता के।

    एक गर्भवती महिला के पति ने कांपती आवाज में कहा कि अगर यह जवान समय पर न पहुंचते, तो शायद आज मेरी पत्नी और बच्चे दोनों को खो देता। यह हमारे लिए भगवान से कम नहीं हैं। महिलाओं को सुरक्षित पहुंचाने के बाद एसडीआरएफ टीम ने थकने का नाम नहीं लिया। वहीं से तुरंत थुनाग के लिए रवाना हो गई, जहां वर्षा व भूस्खलन ने तबाही मचा रखी है।

    थुनाग पहुंचने के सारे रास्ते बंद हैं, लेकिन टीम पैदल ही चल पड़ी है, फिर एक बार किसी और की जिंदगी बचाने। एसडीआरएफ के यह जवान न केवल आपदा के समय में राहत पहुंचा रहे हैं, बल्कि इंसानियत की सबसे सुंदर मिसाल भी पेश कर रहे हैं। उनके साहस, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा ने यह साबित कर दिया कि जब इंसान का इरादा नेक हो, तो वह किसी भी मुश्किल को पार कर सकता है।

    गोहर उपमंडल की तीन गर्भवती को पालकी के सहारे अस्पताल तक पहुंचाया है। अब टीम बंद रास्ते बहाल करने में मदद कर रही है।

    अर्जित सेन, पुलिस अधीक्षक एसडीआरएफ हिमाचल प्रदेश