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    सड़क बंद और आधी रात बारिश के बीच प्रसव पीड़ा से तड़प उठी महिला, कड़ी चुनौती से जूझते हुए 107 KM दूर शिमला पहुंचाई

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 02:40 PM (IST)

    Himachal Pradesh Disaster मंडी के सराज में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। सड़कें बंद होने के कारण परिवार ने जेसीबी मशीन की मदद से 107 किलोमीटर दूर आईजीएमसी शिमला पहुंचाया। बरयोगी पंचायत की इस घटना ने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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    मंडी के सराज में भूस्खलन से कई सड़कें बंद है व शिमला अस्पताल पहुंचाई गर्भवती महिला।

    संवाद सहयोगी, थुनाग। Himachal Pradesh Disaster, जिला मंडी के सराज में बंद सड़कें प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला के लिए आफत बन गईं। स्वजन ने जैसे-तैसे कर बैकहो लोडर (जेसीबी मशीन) का प्रबंध किया। बैकहो लोडर कार को आगे एस्कार्ट करते चला, ताकि कहीं कार न फंसे। करीब 107 किलोमीटर का सफर कर महिला को आइजीएमसी शिमला पहुंचाया गया।

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    सराज विधानसभा क्षेत्र में 77 सड़कें बाधित हैं। अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क कटा है। रविवार रात बरयोगी पंचायत के गांव जनेहड़ निवासी कृष्ण कुमार की पत्नी दिव्या कुमारी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। हालांकि चिकित्सक ने छह सितंबर की तिथि दी थी।

    प्रसव पीड़ा आरंभ होने पर स्वजन सहम गए क्योंकि रास्ते बंद थे। दो घंटे इधर-उधर फोन किया लेकिन कहीं से सहायता नहीं मिली। गर्भवती को जैसे-तैसे आठ किलोमीटर दूर हाउण खड्ड तक पहुंचाया। इसके आगे जंजैहली जाने का मार्ग भी बंद था तो स्वजन ने करसोग का रास्ता चुना। 40 किलोमीटर दूर करसोग के लिए जब गाड़ी आगे बढ़ाई तो कुछ दूरी पर मलबा आने के कारण यह मार्ग भी बंद था।

    आठ किलोमीटर तक मशीनरी ने साफ किया मार्ग 

    गांव के युवक मोहर सिंह ने लोक निर्माण के अधिकारी को फोन कर बैकहो लोडर उपलब्ध करवाया, जिसके बाद मशीन आगे-आगे चलती रही। करीब आठ किलोमीटर तक ऐसे ही चले और करसोग के केलोधार पहुंचे तो सड़क पर पेड़ गिरा था, लेकिन यहां कोई मदद न मिलने पर गांव से कुल्हाड़ी लाकर खुद ही पेड़ को काटा। जैसे-तैसे दिव्या को नागरिक अस्पताल करसोग पहुंचाया।

    करसोग से नेरचौक ले जाते भी बंद थी सड़क

    दिव्या के देवर टिक्कम ने बताया कि दिव्या को करसोग से नेरचौक रेफर किया गया, लेकिन जब वे जाच्छ पहुंचे तो यहां भी सड़क बंद थी। इसके बाद उन्होंने आइजीएमएसी जाने का निर्णय लिया और करीब 107 किलोमीटर दूर दिव्या को आइजीएमसी पहुंचाया गया जहां उपचार आरंभ हुआ।

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    तुरंत मशीनरी भेज दी

    लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता डीएस शर्मा ने कहा कि जैसे ही उन्हें फोन आया, बैकहो लोडर भेज दिया था।

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