Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    HRTC का भीगने वाला सफर, मेघ बरसे तो टपकने लगी बस की छत, छाता खाेलकर सफर करते दिखे यात्री, VIDEO

    Updated: Thu, 10 Jul 2025 01:47 PM (IST)

    Himachal Pradesh News हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) सुंदरनगर डिपो की बस में यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बस की छत टपक रही थी और वाइपर भी काम नहीं कर रहे थे जिससे बारिश में सफर करना मुश्किल हो गया। यात्रियों को छाता खोलकर यात्रा करने पर मजबूर होना पड़ा और गीली सीटों के कारण भी दिक्कत हुई।

    Hero Image
    एचआरटीसी बस में छाता लेकर बैठे यात्री।

    सहयोगी, पद्धर (मंडी)। Himachal Pradesh News, हिमाचल पथ परिवहन निगम की लंबे रूट की बसें भी यात्रियों के लिए परेशानी बन गइ हैं। बस की छत से पानी टपक रहा है और बारिश में शीशा साफ करने के लिए लगाए वाइपर भी नहीं चल रहे हैं, जो पहाड़ी क्षेत्र में खतरनाक साबित हो सकता है। बुधवार को ऐसी ही एक बस सवारियों के लिए समस्या बन गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सुंदरनगर डिपो की यह बस दोपहर सुंदरनगर से अंबाला जा रही थी। तेज बारिश के बीच बस की छत से लगातार पानी टपकता रहा, इस दौरान यात्री छाता खोलकर और खड़े रहकर सफर करने को मजबूर हो गए। सीटें इतनी ज्यादा भीग गईं कि उन पर बैठा नहीं जा रहा था। यात्री बस में छाता खोलकर सफर करने को मजबूर हुए। छाता खोलने से आसपास बैठे लोगों को भी परेशानी हो रही थी, क्योंकि छाते से पानी उन पर पड़ रहा था। 

    सबसे चौकाने वाली बात यह रही कि बस का शीशा साफ करने वाला वाइपर भी काम नहीं कर रहा था, जिससे चालक को आगे देखने में दिक्कत हो रही थी। ऐसे में पहाड़ी सड़कों पर चलती बस में सुरक्षा खतरे में पड़ गई। बारिश इतनी तेज थी और वाइपर चल नहीं रहा था। सामने देखना भी मुश्किल हो रहा था।

    यात्री बोले, लंबे रूट के लिए तो ठीक बसें भेजें

    सवारियों का कहना था कि लंबे रूट पर भी निगम खटारा बसों को भेज रहा है। जहां एक ओर किराये में बढ़ोतरी करने में निगम देर नहीं लगता, वहीं सवारियों को सुविधा की बारी आती है तो टपकती बस में अंबाला तक का सफर करवाया जा रहा है। सवारियों ने निगम से मांग की है कि लंबे रूटों सहित अन्य जगह जाने वाली बसों की पूरी जांच के बाद ही भेजा जाए।

    यह भी पढ़ें- Mandi Cloudburst: आंखों के सामने बह गई पांच गाड़ियां और टूट गए बुधराम, कुछ देर रोये... फिर छूट गई सांसें