Mandi Cloudburst: मोबाइल रोशनी के सहारे कमरों में ढूंढकर जगाए सहपाठी, बागवानी कालेज की छात्राओं ने सुनाई आपबीती
Mandi Cloudburst मंडी में बादल फटने से बागवानी महाविद्यालय थुनाग में छात्राएँ फँसी हुई हैं। रात को अचानक बादल फटने से लगा जैसे आसमान फट गया। अंकिता नामक छात्रा ने बताया कि उनके सामने घर और गौशालाएँ ध्वस्त हो गईं। प्रोफेसर डॉ. शिवानी के अनुसार सभी विद्यार्थी सुरक्षित हैं लेकिन संपर्क नहीं हो पा रहा है।

हंसराज सैनी, मंडी। Mandi Cloudburst, रात को जब अचानक तेज गर्जना के साथ बादल फटा, तो ऐसा लगा जैसे आसमान फट पड़ा हो। हम समझ गए कि कोई बहुत बड़ी आपदा आ गई है। यह कहना है बागवानी एवं वानिकी महाविद्यालय थुनाग की छात्रा बिलासपुर की रहने वाली अंकिता का, जो प्राकृतिक आपदा की उस रात को याद करते हुए कांप उठती है। तेज वर्षा के साथ जब भयंकर आवाजें आसमान से उतरनी शुरू हुईं, तो छात्राएं घबराईं नहीं।
अंकिता और उसकी सहपाठी कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर की अनीशा ने खिड़की से झांककर देखा तो उनके कमरे से कुछ ही दूरी पर स्थित घर और गौशालाएं ध्वस्त हो चुकी हैं। पानी और मलबे की तेज धारा तेजी से नीचे की ओर बह रही थी। तुरंत कमरों में जाकर एक-एक सहपाठी को जगाया। नींद में थे सब, अगर दो मिनट और देर होती तो शायद हममें से कोई भी नहीं बचता।
थुनाग के हार्टीकल्चर संस्थान के बच्चों को बगस्याड से बस के जरिए सुंदरनगर पहुंचाया गया है। जागरण
हिम्मत ने दिखाया अंधेरे व दलदल में रास्ता
अनीशा की आंखें भर आती हैं। मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर सभी छात्राओं ने मिलकर सुरक्षित स्थानों की ओर रुख किया। अंधेरे, बारिश और मलबे से भरे रास्ते में रास्ता बनाना आसान नहीं था, लेकिन हिम्मत ने उन्हें रास्ता दिखाया।
सभी विद्यार्थी सुरक्षित हैं पर संपर्क नहीं हो पा रहा
महाविद्यालय की प्रोफेसर डा. शिवानी बताती हैं कि हमने सभी विद्यार्थियों की गिनती की, सब सुरक्षित हैं लेकिन संपर्क नहीं हो पा रहा। बिजली, पानी, नेटवर्क सब ठप है। हम बाहर के रहने वाले हैं कुछ समय बाद यहां से चले जाएंगे। हमारे नुकसान की भरपाई हो सकती है, लेकिन जो स्थानीय लोग हैं। उनका तो सब कुछ तबाह हो गया है। घर, मवेशी, बाग-बगीचे, सपने, सब कुछ बहे चले गए। प्राकृतिक आपदा है कहीं भी हो सकती है। मगर यहां कुछ सुरक्षित नहीं है।
सराज का लेहथाच, जहां जगह-जगह भूस्खलन हुआ है.... #MandiCloudburst pic.twitter.com/BARRk2pxTc
— Rajesh Sharma (@sharmanews778) July 3, 2025
बच्चे राशन के लिए आ रहे पर कितने दिन चलेगा
डा. शिवानी ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि सबसे पहले सड़कें बहाल की जाएं। बिजली-पानी बाद में भी आ जाएगा। सैकड़ों बच्चे, स्टाफ और लोग फंसे हुए हैं। यदि किसी की तबीयत खराब हो जाए तो ले जाने का कोई साधन नहीं है। महाविद्यालय की दो गर्भवती को प्रसव पीड़ा शुरु होने पर छात्रों ने पालकी से हेलीपैड तक पहुंचाया। अब कैसी व कहां हैं, कोई जानकारी नहीं है। बच्चे हमारे पास राशन के लिए आ रहे हैं। वह भी कितने दिन चलेगा पता नहीं?
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