Himachal: कीरतपुर से नागचला के बीच फोरलेन पर बनकर तैयार हुई सबसे लंबी सुरंग, दो साल में 280 करोड़ से हुआ निर्माण
Himachal Fourlane Tunnel कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर कैंचीमोड़ (गरा) में 1800 मीटर लंबी दूसरी सुरंग बनकर तैयार हो गई है। हिमाचल प्रदेश में इस सुरंग के बनने से यातायात सुगम होगा और जाम से मुक्ति मिलेगी। सुरंग को 15 दिनों में खोला जाएगा। इस सुरंग के निर्माण पर 280 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं और यह दो साल में बनकर तैयार हुई है।

जागरण संवाददाता, मंडी। Himachal Fourlane Tunnel, कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर बिलासपुर जिले के कैंचीमोड़ (गरा) में दूसरी सुरंग बनकर तैयार हो गई है। सुरंग 15 दिनों के अंदर वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दी जाएगी। सुरंग के लिए अप्रोच मार्ग बनाने का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है।
रविवार को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राजमंत्री अजय टम्टा ने सुरंग का निरीक्षण किया। करीब 1800 मीटर लंबी इस सुरंग के निर्माण पर 280 करोड़ रुपये व्यय हुए हैं। सुरंग दो वर्ष के अंदर बनकर तैयार हुई है।
अब नहीं लगेगा जाम
यहां अभी दो लेन वाली एक ही सुरंग से वाहनों की आवाजाही हो रही थी। दो लेन वाली दूसरी सुरंग बनने से अब वाहन एक सुरंग से आएंगे, दूसरी से जाएंगे। इससे यातायात सुगम होगा व यहां जाम नहीं लगेगा। हादसों पर भी विराम लगेगा।
कीरतपुर से नागचला के बीच सबसे लंबी सुरंग बनकर तैयार
कीरतपुर से नाचगला के बीच एनएचएआइ ने दो लेन की पांच सुरंगों का निर्माण किया था, इसमें कैंचीमोड़ की सुरंग की लंबाई सबसे अधिक 1800 मीटर है। इस सुरंग के बन जाने से यातायात काफी सुगम हो जाएगा।
दो और सुरंगों का निर्माण प्रस्तावित
टीहरा, भवाणा व दो अन्य स्थानों पर भी दो लेन सुरंग का निर्माण प्रस्तावित है। इसकी डीपीआर स्वीकृति के लिए मंत्रालय को भेजी गई है। चारों सुरंगों का निर्माण होने से नागचला से कीरतपुर तक मार्ग पूरी तरह से फोरलेन हो जाएगा।
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केंद्रीय मंत्री दवाडा फ्लाईओवर का भी किया निरीक्षण
रविवार सुबह कैंचीमोड़ सुरंग का निरीक्षण करने के बाद अजय टम्टा दवाडा में क्षतिग्रस्त फ्लाईओवर व झलोगी सुरंग का निरीक्षण भी किया। इसके बाद सराज क्षेत्र के बालीचौकी के लिए रवाना हुए। यहां प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया। औट सैंज लुहरी रामपुर मार्ग का निरीक्षण किया। देर सायं कुल्लू से मनाली तक क्षतिग्रस्त मार्ग का जायजा लिया।
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